Malnutrition in India: कोविड-19 महामारी के बाद बढ़ी भुखमरी वैश्विक सूचकांक में भारत के 'यथार्थ' को दिखाता है

ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट पर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। मंत्रालय ने कहा है कि “यह चौंकाने वाला है।

Report :  aman
Published By :  Divyanshu Rao
Update:2021-10-19 21:00 IST
भूखमरी की प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

Malnutrition in India: ऑक्सफेम इंडिया का हालिया बयान भारत की चिंताजनक स्थिति को दर्शाता है। संस्था का कहना है कि वैश्विक भुखमरी सूचकांक 2021 में भारत का 101वां स्थान 'दुर्भाग्य' से देश के यथार्थ को दर्शाता है। जहां कोविड-19 महामारी के बाद से भुखमरी और बढ़ी है। बता दें कि भारत 116 देशों के वैश्विक भुखमरी सूचकांक या ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) में फिसलकर 101वें स्थान पर आ गया है। इस स्थान पर आने के साथ ही भारत पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल से भी पीछे चला गया है। उल्लेखनीय है कि इस सूचकांक में भारत 2020 में 94वें स्थान पर था।

हालांकि, ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट पर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। मंत्रालय ने कहा है कि "यह चौंकाने वाला है। वैश्विक भुखमरी रिपोर्ट 2021 में कुपोषित आबादी के अनुपात पर खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के अनुमान के आधार पर भारत की रैंकिंग कम कर दी गई है। यह जमीनी हकीकत और तथ्यों से परे है। साथ ही रैंकिंग के लिए अपनाई गई पद्धति में गंभीरता की कमी साफ दिखती है।"

कोरोना के बाद भारत में बिगड़े हालात

इस रैंकिंग के बारे में ऑक्सफेम इंडिया ने कहा, ग्लोबल हंगर इंडेक्स (जीएचआई) में भारत का सात पायदान फिसलकर 101वें स्थान पर पहुंचने से संबंधित आंकड़ा दुर्भाग्य से देश के 'यथार्थ' को दर्शाता है, जहां कोविड-19 महामारी के बाद से भुखमरी पहले की तुलना में और बढ़ी है।

देश में कुपोषण पहले से मौजूद

संस्था ने कहा कि 'भारत में कुपोषण की यह स्थिति कोई नई नहीं है। वास्तव में यह सरकार के खुद के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण यानी एनएचएफएस (NHFS) के आंकड़ों पर आधारित है। साल 2015 और 2019 के बीच बड़ी संख्या में देश के राज्यों ने बाल पोषण मानकों पर अर्जित लाभ को उलट दिया।'

कुपोषण का स्तर बढ़ा है 

ऑक्सफेम इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) अमिताभ बेहर ने बताया, कि "पोषण का यह नुकसान चिंता का विषय होना चाहिए। क्योंकि, इसका अंतर-पीढ़ीगत प्रभाव है। अगर, इसे सीधे शब्दों में कहें तो नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि भारत के कई हिस्सों में साल 2015 और 2019 के बीच पैदा हुए बच्चे पिछली पीढ़ी की तुलना में अधिक कुपोषित हैं।

पीएम पोषण योजना

उल्लेखनीय है, कि इस साल केंद्रीय बजट में पोषण के लिए बढ़े हुए आवंटन के साथ भारत की पोषण (प्रधानमंत्री की समग्र पोषण योजना) योजना पर चर्चा की गई। हालांकि, बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के पोषण में सुधार के लिए 2017 में शुरू किया गया पोषण अभियान, स्वास्थ्य-बजट के भीतर इसे अन्य योजनाओं के साथ चतुराई से मिलाए जाने और खराब कार्यान्वयन के परिणामस्वरूप क्षीण हो गया है।

भुखमरी की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

पोषण योजना की रकम घटी

बच्चों के लिए काम करने वाली संस्था ऑक्सफेम इंडिया ने एक बयान में कहा, कि वर्तमान बजट का केवल 0.57 फीसदी वास्तविक पोषण योजना के वित्तपोषण के लिए आवंटित किया गया है। 2020-21 की तुलना में बाल पोषण की राशि में 18.5 प्रतिशत की गिरावट आई है। संस्था ने आगे कहा कि उच्च स्तर के कुपोषण को न रोक पाने के बड़े पैमाने पर नकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं। भारत में वयस्क आबादी और बच्चे दोनों जोखिम में हैं। उदाहरण के लिए, हमारी (किशोर और मध्यम आयु वर्ग की) महिलाओं में से एक चौथाई का बीएमआई मानक वैश्विक मानदंड से नीचे है। हमारी आधी से अधिक महिलाएं एनीमिया (रक्ताल्पता) से पीड़ित हैं।

आयरलैंड-जर्मनी के संगठन ने तैयार की रिपोर्ट 

ऑक्सफेम इंडिया से जुड़े हुए श्री रमन ने कहा कि एनएचएफएस के नए आंकड़ों के मुताबिक हमारे किशोर और मध्यम आयु वर्ग के पुरुषों में से एक चौथाई में आयरन और कैल्शियम की कमी के लक्षण दिखाई देते हैं। आयरलैंड की सहायता एजेंसी 'कंसर्न वर्ल्डवाइड' और जर्मन संगठन 'वेल्ट हंगर हिल्फ़' द्वारा सामूहिक रूप से तैयार की गई वैश्विक भुखमरी सूचकांक रिपोर्ट में भारत में भुखमरी के स्तर को खतरनाक करार दिया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है, कि भारत का जीएचआई स्कोर भी गिरा है। यह साल 2000 में जहां 38.8 था, जो 2012 और 2021 के बीच 28.8-27.5 के बीच रहा। जीएचआई स्कोर की गणना चार संकेतकों पर की जाती है, जिनमें अल्पपोषण, कुपोषण, बच्चों की वृद्धि दर और बाल मृत्यु दर शामिल हैं।

क्या है ऑक्सफैम इंटरनेशनल? 

ऑक्सफैम इंटरनेशनल का गठन वर्ष 1995 में हुआ था।

यह स्वतंत्र गैर-सरकारी संगठनों का एक समूह है।

ऑक्सफैम नाम ब्रिटेन में वर्ष 1942 में स्थापित 'अकाल राहत के लिए ऑक्सफोर्ड सहायता समिति' (Oxford Committee for Famine Relief) से लिया गया है।

इस समूह ने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान ग्रीस में भूख से पीड़ित महिलाओं और बच्चों के लिए भोजन की आपूर्ति के लिए अभियान चलाया था।

इसका उद्देश्य वैश्विक गरीबी और अन्याय को कम करने के लिए कार्य क्षमता को बढ़ाना है।

ऑक्सफैम का अंतर्राष्ट्रीय सचिवालय नैरोबी (केन्या) में स्थित है।

Oxfam India, oxfam india report,oxfam india report 2021, oxfam india global hunger index 2021,oxfam india global hunger index 2021 latest,oxfam india global hunger index 2021 latest news,oxfam india global hunger index 2021 latest news today, oxfam india global hunger index 2021 latest news today live,oxfam india global hunger index 2021 latest news today india

Tags:    

Similar News