खाने का तेल होगा सस्ता! मोदी कैबिनेट ने 11,040 करोड़ रुपये की योजना को दी मंजूरी

केन्द्र की मोदी सरकार ने खाद्य तेल की उत्पादन बढ़ाने के लिए 11,040 करोड़ रुपये का राष्ट्रीय मिशन शुरू करने का निर्णय लिया है।

Newstrack :  Network
Published By :  Deepak Kumar
Update:2021-08-18 19:45 IST

मोदी सरकार ने पाम ऑयल मिशन की योजना को दी मंजूरी।(Social media) 

खाने के तेल की कीमतों को लेकर केंद्र सरकार की ओर से आम जनता को बड़ी राहत मिलने वाली है। केन्द्र की मोदी सरकार ने आज बुधवार को पाम ऑयल मिशन की योजना को मंजूरी दे दी है। सरकार ने खाद्य तेल के आयत पर निर्भरता कम करने और इसके उत्पादन बढ़ाने के लिए 11,040 करोड़ रुपये का राष्ट्रीय मिशन शुरू करने का निर्णय लिया है। बता दें कि पाम ऑयल एक तरह का खाने का तेल है जो ताड़ के पेड़ के बीजों से निकाला जाता है। इसका इस्तेमाल होटल, रेस्तरां में खाद्य तेल की तरह होता है। 

इंडस्ट्री लगाने पर 5 करोड़ रुपये की मिलेगी सहायता 

भारत को खाने के तेलों में आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल से बुधवार को एक नई योजना- राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन-ऑयल पाम की घोषणा की है। इस मिशन से भारत की निर्भरता को कम करेगा. सरकार की इस मिशन से पाम ऑयल के आयात पर निर्भरता घटेगी और किसानों की आमदनी बढ़ेगी। साथ ही साथ ऑयल इंडस्ट्री को भी फायदा होगा। बता दें कि सरकार ने पाम ऑयल से जुड़ी इंडस्ट्री लगाने पर 5 करोड़ रुपये की सहायता देने का एलान भी किया है।

भारत सरकार ने लिए दो अहम निर्णय

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पत्रकारों से कहा कि भारत सरकार ने आज दो निर्णय लिए है। पाम तेल के कच्चे माल का दाम केंद्र सरकार तय करेगी। इसके साथ ये भी निर्णय किया गया है कि अगर बाजार में उतार चढ़ाव आया और किसान की फसल का मूल्य कम हुआ तो जो अंतर की राशि है वो केंद्र सरकार DBT के माध्यम से किसानों को भुगतान करेगी।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि खेती के सामग्री में जो पहले राशि दी जाती थी उस राशि में भी बढ़ोतरी की गई है। पूर्वोत्तर क्षेत्र में लोग इंडस्ट्री लगा सके इसके लिए इंडस्ट्री को भी 5 करोड़ रुपये की सहायता देने का निर्णय लिया गया है।

PM मोदी ने ट्विटर पर ये कहा

पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर कहा कि सरकार नेशनल मिशन ऑन ऑयल सीड्स और ऑयल पाम के जरिए 11,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करेगी, ताकि किसानों को बेहतर बीज और तकनीक सहित हर संभव मदद मिल सके।

आपको बता दें कि भारत घरेलू तेल की मांग को पूरा करने के लिए काफी हद तक आयात पर निर्भर करता है। देश में सालाना 2.4 करोड़ टन खाद्य तेल का उत्पादन होता है। बाकी मांग को पूरा करने के लिए दुनिया से बाकी आयात करता है।

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