Gold Medal: नीरज चोपड़ा ने किया मिल्खा सिंह का सपना साकार, दूर हुई पीटी उषा की 37 साल पुरानी टीस

हरियाणा (Haryana) के पानीपत जिले के खंडरा गांव के रहने वाले भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक (Gold Medal) जीतकर दिग्गज एथलीट मिल्खा सिंह (Milkha Singh) के सपने को साकार कर दिया है।

Newstrack :  Network
Published By :  Ashiki
Update: 2021-08-07 14:41 GMT

मिल्खा सिंह, नीरज चोपड़ा, पीटी उषा (Photo- Social Media)

Neeraj Chopra Wins Gold Medal: टोक्यो ओलंपिक में (Tokyo Olympics) भारत के स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है। हरियाणा (Haryana) के पानीपत जिले के खंडरा गांव के रहने वाले भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक (Gold Medal) जीतकर दिग्गज एथलीट मिल्खा सिंह (Milkha Singh) के सपने को साकार कर दिया है।

आपको बता दें कि नीरज चोपड़ा ने ओलंपिक में वो करिश्मा कर दिखाया, जो आज तक किसी ने नहीं किया। ओलंपिक के इतिहास में अब तक इस स्पर्धा में कोई भी भारतीय पदक नहीं जीत सका था। ओलंपिक की व्यक्तिगत स्पर्धा में भारत को 13 साल बाद दूसरा गोल्ड मिला है। इससे पहले बीजिंग ओलंपिक (Beijing Olympics 2008) में पहली बार स्वर्ण पदक जीतने का कारनामा दिग्गज शूटर अभिनव बिंद्रा (Abhinav Bindra) ने किया था।

नीरज चोपड़ा ने किया मिल्खा सिंह का सपना साकार

बता दें कि दिग्गज एथलीट मिल्खा सिंह जब तक जीवित रहे, उनकी इच्छा रही थी कि कोई भारतीय एथलीट ओलंपिक में मेडल जीते। मिल्खा सिंह को टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में एथलीट हिमा दास से काफी उम्मीदें थीं। हालांकि दुर्भाग्यवश हिमा दास (Hima Das) टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाईं। मिल्खा सिंह खुद एथलेटिक्स में मेडल जीतने के करीब पहुंच चुके थे, लेकिन 0.01 सेंकड से 400 मीटर रेस में चूक गए थे। अब मिल्खा सिंह इस दुनिया में नहीं रहे। इसी साल कोरोना से संक्रमित होने के बाद उनका निधन हो गया, लेकिन नीरज चोपड़ा ने ओलंपिक में पदक जीतकर उनकी इच्छा पूरी कर दी।


पीटी उषा को थी उम्मीदें

बता दें कि 1984 के लॉस ऐंजलिस ओलिंपिक में 'उड़नपरी' पीटी उषा (P. T. Usha) महज कुछ ही समय से पदक से चूक गई थीं। वह दर्द आज भी उन्हें और खेल प्रेमियों को महसूस होता है। वह तारीख थी 8 अगस्त। यानी यही वक्त था, जब भारत इतिहास बनाने से चूक गया था। साल 1960 का रोम ओलिंपिक हुआ था जहां मिल्खा सिंह 0.01 सेकंड के अंतर से मेडल से चूके थे।

दरअसल, पीटी उषा की उम्मीदें नीरज से जुड़ी थीं। तीन दिन पहले नीरज चोपड़ा के फाइनल के लिए क्वॉलिफाइ करने के बाद पीटी ऊषा ने ट्वीट किया था, '37 साल पहले 8 अगस्त, 1984 को मैं सेकंड के 100वें हिस्से से पदक से चूक गई थी। और उस अधूरे सपने को मेरा बेटा और भारत का गर्व नीरज चोपड़ा पूरा कर सकता है। जो 7 अगस्त को तोक्यो ओलिंपिक के फाइनल के लिए क्वॉलिफाइ कर गया है। मेरी दुआएं और शुभकामनाएं उनके साथ हैं।'

बता दें कि नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल दिवंगत मिल्खा सिंह को समर्पित किया है। उन्होंने कहा कि मुझे अपना बेस्ट देना था, लेकिन गोल्ड मेडल के बारे में मैंने नहीं सोचा था। नीरज चोपड़ा के स्वर्ण पदक जीतने पर पूरा देश गौरव से झूम उठा है। सोशल मीडिया पर उन्हें खूब बधाईयां मिल रही हैं। 

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