नीति आयोग ने दी चेतावनी, 10 फीसदी मरीजों से ज्यादा नहीं दे सकते रेमडेसिविर
नीति आयोग का बड़ा फैसला अस्पताल में भर्ती मरीजों में से अधिकतम 10 फीसदी लोगों को ही रेमडेसिविर दिया जा सकता है।
नई दिल्ली : कोरोना महामारी (Corona epidemic) की दूसरी लहर दिन पर दिन तेज होती नजर आ रही है। अस्पतालों में रेमडेसिविर इंजेक्शनों के लिए महामारी तेज होती नजर आ रही है। बताया जा रहा है कि रेमडेसिविर (Ramdesvir) की ज्यादा मांग को लेकर नीति आयोग ने बड़ा फैसला किया है। आपको बता दें कि रेमडेसिविर इंजेक्शनों पर मनमाने पैसे लिए जा रहे हैं।
नीति आयोग ने रेमडेसिविर इंजेक्शनों की हो रही कालाबाजारी को लेकर बड़ा फैसला कर दिया है। नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने कहा है कि अस्पताल में भर्ती मरीजों में से अधिकतम 10 फीसदी लोगों को ही रेमडेसिविर दिया जा सकता है। उन्होंने कहा है कि 10 फीसदी मरीजों की संख्या अधिकतम एक लाख मरीज हो सकते हैं।
बताया जा रहा है कि देश में रेमडेसिविर की मांग काफी तेज हो चुकी है। आपको बता दें कि देश में अभी रेमडेसिविर की एक महीने में 31 लाख डोज बन रही है। वी के पॉल ने कहा कि इसे रोकने की जरुरत है। वहीं दिल्ली एम्स अस्पताल में रेमडेसिविर या प्लाज्मा थैरेपी को प्राथमिकता नहीं दी जा रही है। एम्स अस्पताल में पिछले एक साल से अपने ही बनाए हुए प्रोटोकॉल के जरिए ही मरीजों का इलाज किया जा रहा है।
नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने कहा है कि रेमडेसिविर का डोज हर किसी को नहीं दिया जाना है। इस दवा को किसी कोरोना संक्रमित मरीजों को खुद से नहीं लेना है। रेमडेसिविर को लेकर देश भर में काफी तेजी से कालाबाजारी हो रही है। व्यापारी अपने मन माने तरीके से इसे बेच रहे हैं। इसलिए नीति आयोग ने कहा है कि सिर्फ 10 फीसदी ही मरीजों को रेमडेसिविर का डोज देना है।