Pegasus Detective Scandal:सुप्रीम कोर्ट में सोमवार तक सुनवाई टली, याचिकाकर्ताओं ने एसआईटी जांच की मांग की

Pegasus Detective Scandal : पेगासस जासूसी सॉफ्टवेयर को लेकर इन दिनों जबरदस्त राजनीति छिड़ी हुई है।

Newstrack :  Network
Published By :  Shraddha
Update:2021-08-10 12:06 IST

सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस मामले में एसआईटी ने जांच की मांग की

Pegasus Detective Scandal: पेगासस जासूसी सॉफ्टवेयर (Pegasus Spy Software) को लेकर इन दिनों जबरदस्त राजनीति छिड़ी हुई है। पेगासस जासूसी कांड को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में आज जो सुनवाई होनी थी वह टल गई है। यह सुनवाई अगले सोमवार तक टल गई है। इस मामले में पत्रकारों, वकीलों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की तरफ से अर्जियां दायर कर एसआईटी जांच (SIT Investigation) की मांग की गई है।

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में 5 अगस्त को पेगासस जासूसी (Pegasus Detective Scandal)  कांड को लेकर अहम सुनवाई हुई थी। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा था अगर इसके बार में मीडिया रिपोर्ट सही है तो जासूसी के आरोप गंभीर हैं। वहीं कपिल सिब्बल ने इस मामले को गंभीर बताते हुए CJI से गुहार लगाई। केंद्र को नोटिस जारी करने की अपील। 

पेगासस जासूसी सॉफ्टवेयर (कॉन्सेप्ट फोटो - सोशल मीडिया)


रक्षा मंत्रालय अजय भट्ट ने सोमवार को संसद में अपनी चुप्पी तोड़ते हु बताया कि उनके इजराइल कंपनी के साथ कोई करार नहीं किया गया है और उसकी किसी तरह की सेवा नहीं ली। वहीं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव भी इससे पहले राज्य सभा में सरकार द्वारा एनएसओ की सेवा लेने ने इंकार किया गया था। अश्विनी वैष्णव मीडिया की ऐसी सभी रिपोर्ट को बेबुनियाद बताया था। इन्होंने पत्रकारों, वकीलों, सामाजिक कार्यकर्ताओं को पेगासस से जासूसी की बात को पूरी तरह से इंकार किया था।

बता दें कि आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव (IT Minister Ashwini Vaishnav) ने आरोप लगाया है कि मानसून सत्र से पहले आई इस रिपोर्ट का इरादा सिर्फ सरकार को बदनाम करना था। विपक्ष संसद में पेगासस जासूसी सॉफ्टवेयर (Pegasus Spy Software) को लेकर हंगामा कर रहे हैं। संसद में यह विषय 19 जुलाई से जारी है। इस जासूसी मामले को लेकर लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है। 


सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस जासूसी मामले को लेकर 10 अगस्त को फिर सुनवाई पर याचिकाकर्ता से कहा था कि वे याचिका की प्रति एडवांस में केंद्र सरकार को दें ताकि उस नोटिस स्वीकार करने के लिए सरकार की ओर से कोई मौजूद हो। 

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