Pegasus Hacking Case: जासूसी कांड पर बढ़ा टकराव, सरकार को देना होगा जवाब, विपक्ष ने बनाई ये रणनीति
Pegasus Hacking Case : कांग्रेस की अगुवाई में अन्य विपक्षी दलों ने पेगासस के मुद्दे पर बड़ा सियासी संग्राम छेड़ने का मन बना लिया है।
Pegasus Hacking Case : संसद (Parliament) के मानसून सत्र (Monsoon Session 2021) के दौरान पेगासस जासूसी कांड (Pegasus Spyware) बड़े सियासी संग्राम में तब्दील हो गया है। इस मामले को लेकर विपक्ष केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के इस्तीफे और जासूसी मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की मांग (Probe On Pegasus) पर अड़ गया है। दूसरी ओर सरकार इस मामले में गतिरोध खत्म करने की कोशिश में जुटी हुई है। सरकार ने मामले को बेदम बताते हुए कहा है कि यह देश के लोकतंत्र की छवि धूमिल करने और सरकार को बदनाम करने की साजिश है और इस दावे का कोई आधार नहीं है।
कांग्रेस की अगुवाई में अन्य विपक्षी दलों ने पेगासस के मुद्दे पर बड़ा सियासी संग्राम छेड़ने का मन बना लिया है। खास तौर पर कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर संसद के भीतर और बाहर सरकार को घेरने की बड़ी रणनीति तैयार की है। मंगलवार को दिल्ली में भाजपा मुख्यालय पर प्रदर्शन करने के बाद अब कांग्रेस ने इस मुद्दे पर देश के विभिन्न राज्यों में विरोध प्रदर्शन करने और प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए सरकार को बेनकाब करने की रणनीति बनाई है। कांग्रेस की ओर से विरोध प्रदर्शन की रूपरेखा का जल्द ही खुलासा किया जाएगा।
जासूसी कांड से सदन चलना मुश्किल
पेगासस जासूसी कांड को लेकर मंगलवार को लोकसभा की कार्यवाही तीन बार स्थगित की गई। दिनभर इस मुद्दे को लेकर सदन में हंगामा होता रहा और सरकार व विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई। विपक्षी सदस्य तख्तियां लेकर हंगामा करते रहे जिसे लेकर स्पीकर ओम बिरला ने काफी नाराजगी भी जताई।
बाद में सदन की कार्यवाही गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। उच्च सदन भी इस मामले को लेकर काफी गरम रहा और वहां भी कार्यवाही तीन बार स्थगित की गई। हालांकि बाद में सभापति वेंकैया नायडू और सभी दलों के नेताओं के बीच हुई बैठक में बनी सहमति के बाद कोरोना महामारी पर चर्चा हुई। कोरोना महामारी में अव्यवस्था को लेकर भी विपक्ष ने सरकार पर बड़ा हमला बोला।
विपक्ष को मिला बड़ा हथियार
विपक्ष जासूसी कांड की जेपीसी जांच की मांग पर अड़ा हुआ है और माना जा रहा है कि जासूसी कांड को लेकर विपक्ष को बड़ा हथियार मिल गया है। इस कांड के चलते मानसून सत्र के दौरान सदन की कार्यवाही चलाना सरकार के लिए आसान काम नहीं होगा।
वैसे सरकार लोकसभा में गतिरोध खत्म करने की कवायद में जुटी हुई है। इसके लिए सरकार ने अपने और स्पीकर के स्तर पर विपक्ष को साधने की रणनीति बनाई है। जानकारों का कहना है कि सदन में कामकाज शुरू कराने के लिए सरकार की ओर से गुरुवार को विपक्ष के नेताओं से संपर्क साधा जा सकता है। अब देखने वाली बात होगी यह होगी कि विपक्ष इस मुद्दे पर क्या रणनीति अख्तियार करता है।
जासूसी कांड को बड़ा मुद्दा बनाने की तैयारी
वैसे कांग्रेस ने पेगासस जासूसी कांड को बड़ा मुद्दा बनाने की तैयारी कर ली है। कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर दिल्ली ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों में भी विरोध प्रदर्शन के जरिए सरकार को घेरने की रणनीति तैयार की है। इस मुद्दे को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता विभिन्न राज्यों में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सरकार पर बड़ा हमला बोलेंगे। कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर मंगलवार को भी भाजपा मुख्यालय पर प्रदर्शन किया था और मामले की न्यायिक जांच कराने की मांग की थी।
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि जासूसी के जरिए देश में चुनी हुई सरकारों को गिराने की साजिश रची गई। पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि लोकतंत्र का हिमायती बनने वाली भाजपा ने जासूसी करके बहुमत वाली कांग्रेस सरकारों को गिराया। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस की सरकार को गिराने में पेगासस के जरिए जासूसी की गई और इस तरह भाजपा ने लोकतंत्र की हत्या करने के लिए जासूसी का सहारा लिया है।
सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने भी इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि पेगासस जासूसी कांड काफी गंभीर मामला है और इसकी जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में कराई जानी चाहिए। इसके साथ ही केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर श्वेत पत्र भी लाना चाहिए। श्वेत पत्र में इस बात को पूरी तरह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि सरकार ने इजरायली सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया है या नहीं। उन्होंने कहा कि यह गंभीर मामला है और सरकार इस मुद्दे पर केवल बयान देकर नहीं बच सकती। इस मामले की गंभीरता से जांच कराने की जरूरत है।
सरकार पर गोलमोल जवाब देने का आरोप
आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के संसद में दिए गए बयान पर भी कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि सरकार स्पष्ट रूप से यह नहीं बता रही है कि उसने पेगासस सॉफ्टवेयर खरीदा है अथवा नहीं। सरकार गोलमोल जवाब देकर इस पूरे मामले पर पर्दा डालने की कोशिश में जुटी हुई है।
उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की जेपीसी जांच जरूरी है ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। गोहिल ने कहा कि कांग्रेस का इस मुद्दे पर रुख पूरी तरह स्पष्ट है और केंद्र सरकार गोलमोल जवाब देकर इस गंभीर मामले में बच नहीं सकती।
सुब्रह्मण्यम स्वामी का सरकार से सवाल
खुद भाजपा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने ही सरकार से पेगासस को लेकर सवाल खड़े किए है। उन्होने ट्वीट करते हुए कहा कि अगर हमारे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है, तो मोदी को इजरायल के पीएम को पत्र लिखना चाहिए और एनएसओ की पेगासस परियोजना के बारे में सच्चाई पता करनी चाहि। ये भी पता करना चाहिए कि NSO को जासूसी कराने के लिए किसने भुगतान किया है।