Pegasus spy case: SIT जांच की मांग वाली याचिकाओं पर SC कल करेगा सुनवाई
Pegasus spy case: सुप्रीम कोर्ट पेगासस जासूसी मामले में SIT जांच की मांग वाली याचिकाओं पर कल करेगा सुनवाई...
Pegasus spy case: पेगासस जासूसी मामले में सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा। यह सुनवाई SIT जांच की मांग वाली याचिकाओं पर होगी। मामले की सुनवाई CJI एन वी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस ए एस बोपन्ना की बेंच सुनवाई करेगी। बता दें की कई मीडिया संस्थानों ने एक लिस्ट जारी की थी। लिस्ट में उन फोन नंबरों का जिक्र था, जिन्हें पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिए संभावित निशाना बनाया गया था। इसमें राहुल गांधी, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर, दो केंद्रीय मंत्री, भारतीय पत्रकार और कई अन्य कई लोगों के नंबर शामिल थे।
पेगासस जासूसी केस में सरकार का क्या पक्ष
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि पेगासस जासूसी केस में सरकार का क्या पक्ष है। केंद्र सरकार ने हलफनामा दाखिल कर कहा था कि भारत में बिना नियमों का पालन किए हुए कोई सर्विलांस नहीं होता है. साथ ही सरकार अपनी कमेटी बना कर इस मामले में जांच कराने को तैयार है| लेकिन सुप्रीम कोर्ट इस जवाब से संतुष्ट नहीं था. कोर्ट ने सोमवार को सरकार से कहा था कि केंद्र को एक विस्तृत हलफनामा दाखिल कर बताना चाहिए कि पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिए किसी की जासूसी हुई है या नहीं, और अगर हुई है तो उसमें नियमों का पालन हुआ है या नहीं?
क्या है पेगासस स्पाइवेयर
पेगासस स्पाइवेयर (Pegasus spyware) इजरायली साइबर इंटेलिजेंस फर्म NSO ग्रुप द्वारा बनाया गया है, जो निगरानी रखने का काम करता है। पेगासस एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो बिना आप की अनुमति के आपके फ़ोन में घुस जाता है, ये आपके व्यक्तिगत और संवेदनशील जानकारी इकट्ठा कर जासूसी करने वाले यूज़र को देने के लिए बनाया गया है। यही आरोप मोदी सरकार पर लगा है कि वह राहुल गांधी समेत तमाम विपक्ष के नेताओं, मीडिया कर्मियों और जानी-मानी हस्तियों की जासूसी कराई है।
अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने किया था खुलासा
दरअसल, बीते दिनों अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने खुलासा किया था कि भारत सरकार ने इजरायली सॉफ्टवेयर पेगासस से कई लोगों के फोन को हैक किया है। इनमें राहुल गांधी, प्रशांत किशोर समेत कई नेता, कुछ केंद्रीय मंत्री, पत्रकार और अन्य लोगों का नाम शामिल था। वहीं, विपक्ष अब इस मसले को लेकर संसद में रोज हंगामा कर रहा है। विपक्ष की मांग है कि इस विषय पर चर्चा की जाए, जबकि सरकार ने इन आरोपों को पूरी तरह से नकार दिया है।