Pegasus Spyware Case:जासूसी के आरोपों पर SC में केंद्र की दलील, कमेटी होगी गठित

Pegasus Spyware Case: पेगासस जासूसी कांड पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई में केंद्र सरकार में हलफनामा दायर किया और कहा कि वह कथित पेगासस जासूसी की जांच के लिए एक्सपर्ट की कमेटी बनाएगी

Newstrack :  Network
Update: 2021-08-16 08:48 GMT

सुप्रीम कोर्ट(Google) 

Pegasus Spyware Case: पेगासस जासूसी कांड पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। केंद्र सरकार ने इस मामले पर कोर्ट में हलफनामा दायर किया और कहा कि वह कथित पेगासस जासूसी की जांच के लिए एक्सपर्ट की कमेटी बनाएगी। वहीं, कोर्ट ने सरकार को ट्रिब्यूनल में नियुक्ति के लिए 10 दिन का समय दिया।

सरकार ने खारिज किए जासूसी के आरोप

इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव द्वारा दाखिल किए गए दो पेज के हलफनामे में केंद्र सरकार ने पेगासस स्पाईवेयर के जरिए विपक्षी नेताओं, पत्रकारों और अन्य लोगों की जासूसी करने के आरोपों को खारिज किया है। इसमें लिखा है कि सरकार इन आरोपों को स्पष्ट रूप से खारिज करती है और ये आरोप अनुमानों, निराधार मीडिया रिपोर्ट्स और अधूरी सामग्री पर आधारित हैं। सरकार के अनुसार, याचिकाकर्ताओं ने भी सबूत पेश नहीं किए हैं।

10 अक्टूबर को पेगासस से जुड़ी 9 अर्जियों पर कोर्ट में हुई थी सुनवाई

इससे पहले 10 अक्टूबर को पेगासस से जुड़ी 9 अर्जियों पर कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सरकार का जवाब दाखिल करने के लिए और समय मांगा था, जिसके बाद सुनवाई 16 अगस्त तक टाल दी गई। वहीं, CJI NV रमना ने मामले पर सोशल मीडिया और वेबसाइट्स पर चल रही बहस को लेकर पिटीशनर्स को अनुशासन बरतने की हिदायत दी थी|

पेगासस क्या है?

पेगासस एक स्पायवेयर है। स्पायवेयर, यानी जासूसी या निगरानी के लिए इस्तेमाल होने वाला सॉफ्टवेयर है। इसके जरिए किसी फोन को हैक किया जा सकता है। हैक करने के बाद उस फोन का कैमरा, माइक, मैसेजेस और कॉल्स समेत तमाम जानकारी हैकर के पास चली जाती है। इस स्पायवेयर को इजराइली कंपनी NSO ग्रुप ने बनाया है।

लिस्ट में किन-किन लोगों के नाम शामिल हैं?

इस लिस्ट में 40 पत्रकार, तीन विपक्ष के बड़े नेता, एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति, मोदी सरकार के दो मंत्री और सुरक्षा एजेंसियों के मौजूदा और पूर्व हेड समेत कई बिजनेसमैन शामिल हैं। ये पत्रकार हिंदुस्तान टाइम्स, इंडियन एक्सप्रेस, TV-18, द हिंदू, द ट्रिब्यून, द वायर जैसे संस्थानों से जुड़े हैं। इनमें कई स्वतंत्र पत्रकारों के भी नाम हैं।

मामले के सभी पक्षों की जांच के लिए सरकार बनाएगी समिति

सरकार ने कहा है कि इसके बावजूद कुछ निहित स्वार्थों द्वारा फैलाए जा रहे गलत नैरेटिव को खारिज करने और मामले की समीक्षा करने के लिए सरकार विशेषज्ञों की एक समिति बनाएगी जो मामले के सभी पक्षों की जांच करेगी।

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