Pegasus Spyware: पेगासस मामले में सरकार का बड़ा बयान, कहा- NSO ग्रुप से नहीं हुई कोई लेनदेन
Pegasus Spyware: रक्षा मंत्रालय ने राज्यसभा कहा कि उसने इस्राइल की कंपनी एनएसओ ग्रुप टेक्नालॉजीज से कोई करार नहीं किया है।
Pegasus Spyware: पेगासस जासूसी कांड (Jasoosi Case) ने देश में तूल पकड़ा हुआ है। इस मामले को लेकर विपक्षी केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) पर लगातार हमलावर हैं। विपक्ष इस मुद्दे को लेकर रोज संसद में हंगामा कर रहा है। इस बीच रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) ने राज्यसभा (Rajya Sabha) में कहा कि उसकी तरफ से इस्राइल की कंपनी एनएसओ ग्रुप टेक्नालॉजीज (NSO Group Technologies) से कोई करार नहीं किया गया है। आपको बता दें कि NSO ग्रुप ने ही पेगासस Spyware को बनाया है।
दरअसल, बीते दिनों अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने खुलासा किया था कि भारत सरकार ने इजरायली सॉफ्टवेयर पेगासस से कई लोगों के फोन को हैक किया है। इनमें राहुल गांधी, प्रशांत किशोर समेत कई नेता, कुछ केंद्रीय मंत्री, पत्रकार और अन्य लोगों का नाम शामिल था। वहीं, विपक्ष अब इस मसले को लेकर संसद में रोज हंगामा कर रहा है। विपक्ष की मांग है कि इस विषय पर चर्चा की जाए, जबकि सरकार ने इन आरोपों को पूरी तरह से नकार दिया है।
क्या है पेगासस स्पाइवेयर (Pegasus Spyware)?
पेगासस स्पाइवेयर (Pegasus spyware) इजरायली साइबर इंटेलिजेंस फर्म NSO ग्रुप द्वारा बनाया गया है, जो निगरानी रखने का काम करता है। पेगासस एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो बिना आप की अनुमति के आपके फ़ोन में घुस जाता है, ये आपके व्यक्तिगत और संवेदनशील जानकारी इकट्ठा कर जासूसी करने वाले यूज़र को देने के लिए बनाया गया है। यही आरोप मोदी सरकार पर लगा है कि वह राहुल गांधी समेत तमाम विपक्ष के नेताओं, मीडिया कर्मियों और जानी-मानी हस्तियों की जासूसी कराई है।
चीन सीमा से कोई घुसपैठ नहीं
इसके अलावा एक सवाल के जवाब में रक्षा मंत्रालय ने यह भी बताया कि साल 2021 के दौरान भारत चीन सीमा से घुसपैठ की कोई घटना नहीं हुई है।
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