मस्जिद पर भगवा झंडा: करौली में वायरल वीडियो की जाने हकीकत, Newstrack Factcheck में देखें सच्चाई

Factcheck Karauli video: सोशल मीडिया पर एक वीडियो इन दिनों खुब शेयर किया जा रहा है। वीडियो में लोगों की भीड़ एक मस्जिद के सामने भगवा झंडा लहराते हुए दिख रही है।

Published By :  Praveen Singh
Update: 2022-04-08 16:30 GMT

Factcheck Karauli video (फोटो - ट्वीट)

Factcheck Karauli video: राजस्थान के करौली में हुए सांप्रदायिक हिंसा के बाद सोशल मीडिया पर फर्जी पोस्टों की बाढ़ आ चुकी है। इन पोस्टों के जरिए तरह – तरह के भ्रामक और असत्य दावे किए जा रहे हैं। अभी कुछ दिन पहले यूपी के गाजीपुर के एक वीडियो को करौली का वीडियो बताकर वायरल किया जा रहा था। जिसमें एक युवक मस्जिद की गेट पर चढ़ भगवा झंड़ा लहरा रहा था और धार्मिक नारे लगा रहा था। हमने पिछली खबर में इसकी हकीकत से आपको रूबरू करवाया था। एकबार फिर सोशल मीडियो पर करौली हिंसा को लेकर एक ऐसा ही वीडियो जमकर वायरल किया जा रहा है।

क्या हो रहा वायरल

सोशल मीडिया पर एक वीडियो इन दिनों खुब शेयर किया जा रहा है। वीडियो में लोगों की भीड़ एक मस्जिद के सामने भगवा झंडा लहराते हुए दिख रही है। इस वीडियो में तेज आवाज में डीजे बजाया जा रहा है जिसमें जय श्रीराम और शिवाजी महाराज जय के नारे लग रहे हैं। वायरल वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि ये राजस्थान के करौली का है। जहां बीते दिनों सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी।

वीडियो की सच्चाई

वायरल वीडियो की हकीकत जानने के लिए हमने इसकी पड़ताल शुरू की। हमने इसके की फ्रेम को गूगल पर रिवर्स सर्च किया। सर्च के परिणाम में हमें इससे जुड़ी खबर कई न्यूज बेवसाइट पर देखने को मिली। बेवसाइट में पब्लिश खबर के अनुसार, ये वीडियो कर्नाटक के कोलार के हुसैनी माकन मस्जिद का है। दरअसल 27 मार्च 2022 को बीजेपी के तेजतर्रार फायरब्रांड हिंदू युवा नेता तेजस्वी सूर्य़ा ने आजादी का अमृत महोत्सव के लिए बेगलुरू से कोलार तक साइकिल रैली निकाली थी। ये वीडियो उसी दौरान की है।


भाजपा नेता की रैली जब हुसैनी माकन मस्जिद के पास पहुंची, तब रैली में शामिल उत्साही लोगों ने जय श्रीराम और छत्रपति शिवाजी महाराज जय के नारों पर तेज आवाज में डीजे बजाने लगे। ध्यान देने वाली बात ये है कि वेबसाइट पर खबर 29 मार्च 2022 को पब्लिश हुई थी, जबकि राजस्थान के करौली में हिंसा 2 अप्रैल 2022 को हुई थी।

साफ है सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है। ये वीडियो करौली हिंसा का नहीं बल्कि कर्नाटक के हुसैनी माकन मस्जिद का है।

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