कोर्ट का बड़ा फैसला: रिजवी की याचिका खारिज, लगाया 50 हजार का जुर्माना

कुरान की आयतों के खिलाफ दायर याचिका को लेकर बड़ी खबर है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है।

Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2021-04-12 08:35 GMT

सुप्रीम कोर्ट(फोटो-सोशल मीडिया)

नई दिल्ली। कुरान की आयतों के खिलाफ दायर याचिका को लेकर बड़ी खबर है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है। साथ ही कोर्ट ने इस पर पचास हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। आयतों के खिलाफ इस याचिका को शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वजीम रिज्वी ने दाखिल किया था। इस पर उनका कहना था कि इन आयतों को पढ़ाकर छात्रों को इससे मिसगाइड किया जाता है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस आरएफ नरीमन की अगुवाई वाली बेंच ने इस याचिका पर आज यानी सोमवार को सुनवाई की है।

आयतों के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि मुझे इस एसएलपी के बारे में सारे तथ्य पता हैं। इस कड़ी में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये एसएलपी नहीं रिट है और आप अपनी याचिका को लेकर कितने गंभीर हैं?

याचिका बिल्कुल निराधार

तभी इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि मदरसों में ये आयतें पढ़ाई जाती हैं, छात्रों को इससे मिसगाइड किया जाता है, यही आयतें पढ़ाकर और समझा कर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आतंकवादी तैयार किए जाते हैं। लेकिन इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये निराधार याचिका है। कोर्ट ने पचास हजार रुपए जुर्माना लगाकर याचिका खारिज की।

दरअसल उत्तर प्रदेश शिया वक्‍फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी की ओर से यह याचिका दायर की गई थी। जिस पर उनका कहना था कि कुरान की 26 आयतें आतंक को बढ़ावा देने वाली हैं और उन्हें हटाया जाना चाहिए ताकि आतंकी गतिविधियों से मुस्लिम समुदाय का नाम न जुड़ सकें।


जबकि याचिका दाखिल करने से पहले याचिकाकर्ता रिज़वी ने एहतियातन मूल सवाल और याचिका की प्रति देशभर के 56 रजिस्टर्ड इस्लामिक संगठनों और संस्थानों को भी अपना रुख साफ करने के लिए भेजा था।

देश की एकता और अखंडता पर खतरा

इसके साथ ही वसीम रिजवी का कहना था कि जब पूरे कुरान पाक में अल्लाहताला ने भाईचारे, प्रेम, खुलूस, न्याय, समानता, क्षमा, सहिष्णुता की बातें कही हैं तो इन 26 आयतों में कत्ल व गारत, नफरत और कट्टरपन बढ़ाने वाली बातें कैसे कह सकते हैं। इन आयतों का इस्तेमाल कर मुस्लिम युवकों को बरगलाया जा रहा है। इन्हीं की वजह से देश की एकता और अखंडता पर खतरा है।

हालाकिं वसीम रिजवी की इस याचिका को लेकर काफी वाद-विवाद हुआ था। जबकि कई मुस्लिम संगठनों ने भी उनका विरोध किया था। वहीं खुद रिजवी के परिवार के लोग भी उनके खिलाफ हो गए हैं। जिसके चलते रिजवी की मां और भाई ने उनसे अपना संबंध तोड़ दिया है।

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