PM Modi Security Breach: गरमाया पीएम सुरक्षा चूक मामला, 27 पूर्व आईपीएस ने राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी
PM Modi Security Breach: पत्र लिखने वाले 27 पूर्व आईपीएस अफसरों में 16 पूर्व डीजीपी भी शामिल है। पत्र में कहा गया है कि पंजाब में जानबूझकर राज्य सरकार की ओर से पीएम की सुरक्षा में चूक बरती गई।
PM Modi Security Breach: पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की सुरक्षा में हुई चूक का मामला धीरे-धीरे काफी गंभीर होता जा रहा है। देश के 27 पूर्व आईपीएस अफसरों ने इस प्रकरण को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) को चिट्ठी लिखी है। इस पत्र में प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक को गंभीर मामला बताते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की गई है।
पत्र लिखने वाले 27 पूर्व आईपीएस अफसरों में 16 पूर्व डीजीपी भी शामिल है। पत्र में कहा गया है कि पंजाब में जानबूझकर राज्य सरकार की ओर से पीएम की सुरक्षा में चूक बरती गई। पत्र में सरकार की ओर से बरती गई ऐसी लापरवाही पर हैरानी जताई गई है।
पंजाब सरकार के साथ मिली भगत का नतीजा
पूर्व आईपीएस अफसरों ने इस चिट्ठी में लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पंजाब दौरा पहले से ही तय था मगर प्रदर्शनकारियों ने जिस तरह उनका रास्ता रोका, वह पंजाब सरकार के साथ उनकी मिलीभगत का नतीजा लगता है। ऐसा करके प्रधानमंत्री को नीचा दिखाने की कोशिश की गई। इसके साथ ही उन्हें नुकसान पहुंचाने की भी साजिश रची गई।
पत्र में कहा गया है कि यह घटना काफी असर डालने वाली साबित हो सकती है और इसका राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परिणाम दिख सकता है। अधिकारियों के मुताबिक इस कारण यह काफी चिंता पैदा करने वाला मामला है और इसीलिए हमने यह पत्र लिखा है।
प्रधानमंत्री को रोकने पर जताई चिंता
पूर्व पुलिस अधिकारियों ने अपनी चिट्ठी में कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी का काफिला फ्लाईओवर पर 15 से 20 मिनट तक रुका रहा और यह काफी चिंता में डालने वाली बात है। इससे साफ हो गया है कि पंजाब में कानून और व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब है और यह लोकतंत्र के लिए खतरा पैदा करने वाली बात है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के दौरे का पूरा कार्यक्रम पहले से ही तय था। उन्हें हुसैनीवाला शहीद स्मारक के बाद एक आयोजन को संबोधित करना था जिसमें वे 42 हजार करोड़ की परियोजनाएं लोगों को समर्पित करने वाले थे। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में व्यवधान डालना चिंता का गंभीर मुद्दा है।
वैकल्पिक रूट नहीं बनाया
चिट्ठी में कहा गया है कि मीडिया रिपोर्ट्स से साफ हो गया है कि राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री के दौरे के प्रति गंभीरता नहीं दिखाई और हीलाहवाली की गई। प्रधानमंत्री के लिए वैकल्पिक रूट भी तैयार रखा जाना चाहिए था मगर राज्य सरकार ने इस बाबत जानकारी होने के बावजूद कोई कदम नहीं उठाया। पूर्व पुलिस अफसरों ने इसे गंभीर मुद्दा बताते हुए कहा कि देश के इतिहास में ऐसी घटना पहले कभी नहीं हुई।
सीएम पर भी लगाए आरोप
इतने गंभीर मामले में मुख्यमंत्री की ओर से एक गलत बयानबाजी की जा रही है। राज्य सरकार की ओर से परस्पर विरोधाभासी बातें बताई जा रही हैं। पूर्व पुलिस अफसरों ने पंजाब प्रशासन को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि प्रदर्शनकारियों को प्रधानमंत्री के रूट की जानकारी पंजाब के अफसरों ने ही लीक की थी। इसके बाद ही प्रधानमंत्री के रूच में काफी संख्या में प्रदर्शनकारी जुट गए जिसके कारण प्रधानमंत्री के काफिले को रोकना पड़ा।
पूर्व अफसरों ने कहा कि टीवी फुटेज और अखबारों की तस्वीरों से साफ हो गया है कि मौके पर पंजाब का कोई वरिष्ठ अफसर मौजूद नहीं था। प्रदर्शनकारियों को हटाने की जगह पुलिसकर्मी उनके साथ में चाय पीते नजर आए। एक पार्टी विशेष की ओर से इस बाबत किए गए ट्वीट भी काफी गैर जिम्मेदाराना हैं।
चिट्ठी लिखने वालों में कई चर्चित अफसर शामिल
राष्ट्रपति को भेजी गई चिट्ठी पर दस्तखत करने वाले अफसरों में कई पूर्व चर्चित चेहरे शामिल हैं। पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में पंजाब के पूर्व डीजीपी पीसी डोगरा, आईटीबीपी के पूर्व डीजी एस के जैन, महाराष्ट्र के पूर्व डीजीपी प्रवीण दीक्षित, सीबीआई के पूर्व निदेशक नागेश्वर राव,दिल्ली के पूर्व पुलिस कमिश्नर आर एस गुप्ता, यूपी के पूर्व डीजीपी भानु प्रताप सिंह और आरएन सिंह भी शामिल हैं।