PM Modi Security Breach Updates: सुप्रीम कोर्ट के रिकॉर्ड हाईकोर्ट रजिस्ट्रार को कब्जे में लेने को कहा, सुनवाई सोमवार को
PM Modi Security Breach Updates: पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक पर ताजा जानकारी सुप्रीम कोर्ट कर रहा है सुनवाई।
PM Modi Security Breach Updates: प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में चूक पर ताजा जानकारी (PM Modi Security Breach Updates), सुप्रीम कोर्ट कर रहा है सुनवाई (The Supreme Court hearing)। पंजाब में सुनवाई से पहले दर्ज हुई एफआईआर, पंजाब सरकार ने भेजी गृह मंत्रालय को रिपोर्ट। केंद्रीय गृह मंत्रालय की टीम पहुंची पंजाब। ताजा अपडेट के लिए रहें न्यूजट्रैक के साथ
प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक मामले की अब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई सोमवार को होगी। इसके साथ ही मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने केंद्र और पंजाब सरकार दोनों से कहा कि वे पीएम के सुरक्षा उल्लंघन की जांच के लिए उनके द्वारा गठित समितियों को सोमवार तक कोई कार्रवाई न करने का आदेश दें। रमना ने कहा, हम पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को पीएम के यात्रा रिकॉर्ड को सुरक्षित और संरक्षित करने का निर्देश देना उचित समझते हैं। उन्होंने कहा, हम पंजाब पुलिस अधिकारियों, एसपीजी और अन्य एजेंसियों को सहयोग करने और पूरे रिकॉर्ड को सील करने के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करने का निर्देश देते हैं।
इससे पूर्व रमना ने केंद्र से पूछा, "यदि आप अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई करते हैं, तो क्या वे आपत्ति कर रहे हैं?" एसजी तुषार मेहता ने जवाब दिया, "हम कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। मार्ग की योजना कैसे बनाई गई और क्या कम्युनिकेशन हुआ, यह हमारी समिति देख रही है।"
उधर पंजाब के एजी ने कहा, "मेरे अधिकारियों को एक नोटिस जारी किया गया है और तथ्यान्वेषी जांच की प्रकृति में तलब किया गया है।"
इस पर एजी पंजाब ने कहा हमें आशंका है कि केंद्रीय समिति पंजाब पुलिस पर दोष डालेगी। हमने एसपीजी को कुछ सलाह दी थी कि उन्होंने इसका पालन नहीं किया। अगर एक समिति का गठन करना है तो इसे एक स्वतंत्र समिति होने दिया जाए। हमें दबाया न जाए।
सीजेआई एनवी रमना ने कहा कि जहां तक रिकॉर्ड के संरक्षण का सवाल है, यह कोई मुद्दा नहीं है। जहां तक आयोग का सवाल है, राज्य एक आयोग के गठन की पेशकश कर रहा है, अगर आपको कोई आपत्ति है तो उस पर गौर किया जा सकता है, लेकिन केंद्र के आयोग के बारे में आप क्या कहेंगे। उन्होंने कहा कि समिति हो या आयोग, खामियों को स्थापित करना होगा। अब समस्या क्या है।
इस पर मेहता ने कहा कि आईजी एसपीजी के नेतृत्व में केंद्रीय कमेटी सिर्फ प्रशासनिक दृष्टिकोण से खामियों को देख रही है।
एडवोकेट जनरल पंजाब ने जवाब में कहा कि राज्य कमेटी उसी दिन बनाई गई थी जिस दिन घटना हुई थी, न कि सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर होने के बाद। इसके अलावा यह एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है। हमने एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया। हमने प्राथमिकी दर्ज की है।
केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अदालत के इस दुर्लभ से दुर्लभ मुद्दे का संज्ञान लेने के लिए धन्यवाद। यह घटना अंतरराष्ट्रीय शर्मिंदगी का कारण बन सकती थी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का काफिला जब सड़क पर चलता है, तो राज्य के डीजीपी से सलाह ली जाती है। सड़क साफ होने के बाद ही काफिला चलता है। प्रभारी महानिदेशक ने सड़क जाम की ऐसी कोई चेतावनी नहीं दी थी। मेहता ने कहा कि पीएम के काफिले के आगे एक चेतावनी कार भी है। उन्होंने कहा कि स्थानीय पुलिस प्रदर्शनकारियों के साथ चाय पी रही थी। उन्होंने चेतावनी देने वाली कार को फ्लाईओवर पर नाकेबंदी के बारे में सूचित ही नहीं किया।
PM's security breach hearing वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने तर्क दिया कि सुरक्षा उल्लंघन मामले में राज्य सरकार, पंजाब सरकार द्वारा जांच नहीं की जा सकती है। यह कानून और व्यवस्था का मुद्दा नहीं है। इसकी पेशेवर जांच की जरूरत है। उन्होंने कहा, कृपया इसे देखें जहां कल इस याचिका का उल्लेख किए जाने के बाद राज्य ने जांच के आदेश दिए हैं।
PM's security breach hearing वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह का कहना है कि एसपीजी अधिनियम के तहत, यह राज्य का विषय या कानून और व्यवस्था का मुद्दा नहीं है। प्रधानमंत्री की सुरक्षा का मुद्दा राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है और संसदीय दायरे में आता है। उन्होंने कहा, इस यात्रा में पीएम के काफिले को रोकने की अनुमति नहीं थी और यह सबसे बड़ा उल्लंघन है.. ऐसा किसी भी हालत में नहीं होना चाहिए था।
PM Modi security breach Supreme Court hearing प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की एक पीठ ने आज पीएम मोदी की पंजाब यात्रा के दौरान सुरक्षा चूक की गहन जांच की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई शुरू की।
याचिका दायर करने वाले एनजीओ लॉयर्स वॉयस की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने बेंच से कहा, "यह कानून और व्यवस्था का मुद्दा नहीं है, लेकिन यह विशेष सुरक्षा समूह अधिनियम के तहत आता है। यह अभी राज्य में कानून और व्यवस्था के बारे में है। कृपया एसपीजी अधिनियम की धारा 14 देखें।"
मनिंदर सिंह का कहना है कि एसपीजी के किसी भी सदस्य के निदेशक की सहायता के लिए कार्य करना केंद्र, राज्य या केंद्रशासित प्रदेश व अन्य स्थानीय प्राधिकरण की ड्यूटी है। उन्होंने कहा कि एसपीजी अधिनियम और एसपीजी को सहायता देने के कर्तव्य में भ्रष्टाचार का एक मामला एक पूर्व पीएम के मुकदमे के मामले में आपके विचार के लिए आया था। जिसमें अदालत ने माना था कि पीएम सुरक्षा में त्रुटि को माफ नहीं किया जा सकता है।