मोदी की महाबैठक: कश्मीरी नेताओं के साथ वार्ता जारी, घाटी में कड़ी सुरक्षा, होगा बड़ा फैसला
Jammu Kashmir : प्रधानमंत्री की सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लेने के लिए जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती भी दिल्ली पहुंच गई हैं। जम्मू-कश्मीर के भाजपा अध्यक्ष रविंदर रैना भी बैठक में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली पहुंच गए हैं।
Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 (Jammu Kashmir Article 370) हटाए जाने के बाद आज प्रधानमंत्री (Indian Prime Minister) पहली बार कश्मीर के नेताओं (Kashmir Leaders) से बातचीत करेंगे। कश्मीर के नेताओं के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi Meeting) की इस बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इस सर्वदलीय बैठक (Sarvdaliya Baithak) में जम्मू-कश्मीर के भविष्य पर चर्चा होगी। कश्मीर के छह सियासी दलों के गुपकार गठबंधन ने प्रधानमंत्री की इस बैठक में है हिस्सा लेने का फैसला किया है और गठबंधन के नेता दिल्ली पहुंच गए हैं।
प्रधानमंत्री की इस बैठक से पहले जम्मू-कश्मीर और नियंत्रण रेखा पर सुरक्षा काफी कड़ी कर दी गई है और 48 घंटे का अलर्ट घोषित कर दिया गया है। सुरक्षा की दृष्टि से हाईस्पीड इंटरनेट सेवाएं भी आज पूरी तरह बंद रहेंगी।
बातचीत के लिए दिल्ली पहुंचने के बाद पीडीपी की मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मैं खुले दिल के साथ घाटी के भविष्य को लेकर बातचीत करने के लिए दिल्ली आई हूं। बैठक में हिस्सा लेने वाले सभी नेताओं को कोविड निगेटिव की रिपोर्ट दिखानी होगी।
गुपकार ने पीएम का आमंत्रण स्वीकारा
केंद्र सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर के 16 नेताओं को हुई सर्वदलीय बैठक का न्योता भेजा गया है। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए हटाए जाने के बाद केंद्र सरकार की ओर से पहली बार कश्मीर के नेताओं के साथ संवाद शुरू किया जा रहा है। गुपकार गठबंधन की श्रीनगर में मंगलवार को हुई बैठक में प्रधानमंत्री का आमंत्रण स्वीकार करने का फैसला लिया गया था।
बैठक के बाद पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला का कहना था कि हम प्रधानमंत्री की ओर से बुलाई गई इस महत्वपूर्ण बैठक में हिस्सा लेंगे। उनका कहना था कि हमारा नजरिया पहले से ही स्पष्ट है और बैठक के दौरान भी हम अपनी वही बात रखेंगे।
इस बीच गुपकार गठबंधन के सदस्य मुजफ्फर शाह ने स्पष्ट कर दिया है कि आर्टिकल 370 और 35ए को लेकर किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम पहले की तरह आगे भी केंद्र सरकार की ओर से इन्हें हटाए जाने के कदम का विरोध करते रहेंगे।
महबूबा बोलीं- खुले दिल से लूंगी बैठक में हिस्सा
प्रधानमंत्री की सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लेने के लिए जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) भी दिल्ली पहुंच गई हैं। जम्मू-कश्मीर के भाजपा अध्यक्ष रविंदर रैना भी बैठक में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली पहुंच गए हैं। दिल्ली एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में माबूबा ने कहा कि मैं खुले दिल के साथ सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लेने के लिए आई हूं। उन्होंने प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद ही अपना पूरा पक्ष रखने की बात कही।
दूसरी और जम्मू-कश्मीर पैंथर्स पार्टी के चीफ भीम सिंह ने कहा कि मुझे केंद्र सरकार की ओर से बैठक का निमंत्रण तो मिला है मगर बैठक के एजेंडे की मुझे जानकारी नहीं है। भीम सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी से उनके तमाम मुद्दों पर मतभेद हैं मगर जम्मू-कश्मीर पर बैठक बुलाकर उन्होंने हिम्मत और समझदारी दिखाई है और इसकी प्रशंसा की जानी चाहिए। उन्होंने 35ए को हटाने के कदम को उचित बताया मगर इसके साथ यह भी कहा कि आर्टिकल 370 को हटाने की प्रक्रिया सही नहीं थी।
बैठक को लेकर अटकलों का दौर
इस बीच प्रधानमंत्री की ओर से बुलाई गई बैठक के एजेंडे को लेकर अटकलों का दौर नहीं थम रहा है। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक के दौरान केंद्र शासित प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा देने पर भी चर्चा हो सकती है। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव पर भी बैठक में चर्चा होने की उम्मीद जताई जा रही है।
राज्य में 2018 से ही चुनाव लंबित हैं। उस समय महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी और भाजपा का गठबंधन टूट गया था। इसके बाद अगस्त 2019 में केंद्र सरकार की ओर से संसद में बिल लाकर आर्टिकल 370 को समाप्त कर दिया गया था। केंद्र सरकार की ओर से उठाए गए इस कदम का जम्मू कश्मीर के सभी सियासी दलों की ओर से सख्त विरोध किया गया था।
वैसे अधिकारियों का कहना है कि यह बैठक जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक प्रक्रिया को और मजबूती देगी। बैठक में विधानसभा चुनाव की संभावना भी टटोली जाएगी और उस पर विभिन्न सियासी दलों के विचार जानने की कोशिश भी होगी।
बैठक से पहले व्यापक तैयारियां
जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 को समाप्त किए जाने के बाद केंद्र सरकार की ओर से पहली बार बैठक बुलाई गई है। ऐसे में हर किसी की नजर इस बैठक पर लगी हुई है। बैठक से पहले केंद्र सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर को लेकर काफी होमवर्क किया गया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और शीर्ष अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की थी। माना जा रहा है कि यह बैठक में प्रधानमंत्री की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक की तैयारियों से जुड़ी हुई थी।
प्रधानमंत्री की गुरुवार को होने वाली महत्वपूर्ण बैठक में हिस्सा लेने वाले सभी नेताओं को कोविड निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी। बैठक के आयोजन से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि कोरोना संकटकाल में पहली बार यह बैठक आमने-सामने बैठकर होने जा रही है और यही कारण है कि सभी नेताओं से कोविड की निगेटिव रिपोर्ट लाने को कहा गया है।
बैठक में इन नेताओं को आमंत्रण
इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहेंगे। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को भी बैठक का आमंत्रण भेजा गया है। बैठक में जम्मू-कश्मीर के तीन अन्य पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला, उनके बेटे उमर अब्दुल्ला और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती भी मौजूद रहेंगी। गुपकार गठबंधन में शामिल सीपीएम नेता एमवाई तारिगामी और भाजपा के जम्मू-कश्मीर अध्यक्ष रविंद्र रैना भी बैठक में हिस्सा लेंगे।
सियासी जानकारों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर के नेताओं को केंद्रीय नेतृत्व पर भरोसा नहीं है और जम्मू कश्मीर के नेताओं का भरोसा जीतने के लिए ही मोदी और शाह की ओर से इस बैठक का आयोजन किया जा रहा है। अब देखने वाली बात यह होगी कि मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर के नेताओं का भरोसा जीतने में कहां तक कामयाब हो पाती है।