अब राजस्थान में फेरबदल की सुगबुगाहट, सचिन की राहुल से दो मुलाकातों के बाद सियासी हलचल तेज
दिल्ली और जयपुर में बढ़ी सक्रियता को बदलाव से पहले की तैयारियां माना जा रहा है।
पंजाब में नेतृत्व परिवर्तन के बाद सियासी गलियारों में राजस्थान में बड़े फेरबदल को लेकर चर्चाएं काफी तेज हो गई हैं। शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट की राहुल और प्रियंका से मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है। उल्लेखनीय बात यह है कि एक हफ्ते के भीतर सचिन की राहुल और प्रियंका से दूसरी बार मुलाकात हुई है। इसे राजस्थान कांग्रेस में बड़े बदलाव की आहट माना जा रहा है। बड़े फेरबदल की सुगबुगाहट के कारण दिल्ली और जयपुर में सियासी हलचल काफी तेज हो गई है।
शुक्रवार को राहुल और प्रियंका से मुलाकात के बाद सचिन पायलट ने शनिवार को भी कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की। इन मुलाकातों के दौरान राजस्थान में जल्द होने वाले बड़े फेरबदल पर गहराई से मंथन किया गया। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह एक अक्टूबर को जयपुर पहुंचेंगे। पहले उनका राज्य के मंत्रियों और विधायकों से मुलाकात का कार्यक्रम तय किया गया था । मगर शनिवार देर शाम इस कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया। वैसे दिल्ली और जयपुर में बढ़ी सक्रियता को बदलाव से पहले की तैयारियां माना जा रहा है।
विवाद को टालना नहीं चाहता नेतृत्व
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस नेतृत्व अब विभिन्न सूबों में चल रहे आंतरिक झगड़ों को टालने के मूड में नहीं है। पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाकर चरणजीत सिंह चन्नी की ताजपोशी करके कांग्रेस नेतृत्व ने विभिन्न सूबों के पार्टी नेताओं को बड़ा सियासी संदेश देने की कोशिश की है। इसी कड़ी में अब राजस्थान में बड़े फेरबदल की तैयारियां की जा रही हैं। राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के गुटों के बीच काफी दिनों से खींचतान चल रही है। अब पार्टी नेतृत्व राजस्थान के झगड़े का भी जल्द निपटारा करने में जुट गया है। इस सिलसिले में पार्टी का शीर्ष नेतृत्व गहराई से मंथन करने में जुटा हुआ है। यही कारण है कि पिछले एक हफ्ते के दौरान सचिन पायलट ने दो बार राहुल और प्रियंका से मुलाकात की है।
राजस्थान के कई मंत्री भी दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। इन मंत्रियों में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा और राजस्व मंत्री हरीश चौधरी शामिल है। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक इन नेताओं ने पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल और राज्य के कांग्रेस प्रभारी अजय माकन से चर्चा की है। रघु शर्मा की राहुल गांधी से भी मुलाकात हुई है।
मंत्रिमंडल में शामिल होंगे नए चेहरे
जानकारों के मुताबिक राजस्थान में फेरबदल की शुरुआत मंत्रिमंडल में नए चेहरों को शामिल करने के साथ होगी। मंत्रिमंडल में फेरबदल के बाद संगठन में खाली पड़े पदों को भी भरने की योजना है। सचिन पायलट खेमे की ओर से पुराने वादों को पूरा करने और लंबित मामलों को निपटाने के लिए लगातार जोर दिया जा रहा है। पायलट खेमे की मांग पर विचार करने के लिए केसी वेणुगोपाल और अजय माकन की कमेटी का गठन किया गया था।
इन दोनों नेताओं ने जयपुर का दौरा करने के बाद पार्टी हाईकमान को अपनी सिफारिशें सौंप दी हैं। जानकारों के मुताबिक इस कमेटी ने राजस्थान में कांग्रेस को मजबूत बनाने के लिए कई कदम उठाने पर जोर दिया है। फेरबदल के दौरान कमेटी की सिफारिशों पर भी अमल करने की योजना है। हालांकि अभी यह खुलासा नहीं हो सका है कि कमेटी की ओर से क्या-क्या सिफारिशें की गई हैं।
मंत्रियों ने भी डाला दिल्ली में डेरा
फेरबदल की सुगबुगाहट तेज होने के कारण दिल्ली पहुंचे राजस्थान के मंत्रियों ने अपने सियासी आकाओं से संपर्क साधना शुरू कर दिया है। कई मंत्री अपने नेताओं के जरिए फेरबदल के संबंध में टोह लेने की कोशिश में जुटे हुए हैं। इन मंत्रियों ने अपनी कुर्सी बचाने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के यहां हाजिरी लगाकर लॉबिंग शुरू कर दी है। पार्टी के कई विधायक भी दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं ताकि फेरबदल के दौरान उन्हें मंत्री बनने का मौका मिल सके। ऐसे विधायक पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के यहां अपना चेहरा दिखाने की होड़ में जुटे हुए हैं।
दिग्विजय सिंह करेंगे जयपुर का दौरा
पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह का एक अक्टूबर को प्रस्तावित राजस्थान दौरा भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पहले दिग्विजय सिंह का मंत्रियों और विधायकों के साथ बैठक करने का कार्यक्रम था । मगर शनिवार देर शाम इस बैठक को रद्द करने का फैसला किया गया। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस बैठक को लेकर जयपुर में तरह-तरह की चर्चाएं फैल रही थीं। इसी कारण बैठक को रद्द कर दिया गया।पाGर्टी के राजस्थान प्रभारी अजय माकन ने जुलाई के आखिर में जयपुर का दौरा किया था और विधायकों का मन टटोला था। उसके बाद पार्टी हाईकमान की ओर से बड़ा कदम उठाने की चर्चाएं थीं । मगर बाद में पूरा मामला ठंडे बस्ते में चला गया। अब पंजाब में नेतृत्व परिवर्तन के बाद हाईकमान का पूरा फोकस राजस्थान पर है , जिसके नतीजे जल्द ही दिख सकते हैं।
नेतृत्व परिवर्तन में लग सकता है विलंब
वैसे पार्टी के कुछ सूत्रों का कहना है कि राजस्थान में तुरंत नेतृत्व परिवर्तन करने की संभावना बनती नहीं दिख रही है। पार्टी नेतृत्व इस सच्चाई से वाकिफ है कि राजस्थान कांग्रेस पर मुख्यमंत्री गहलोत की मजबूत पकड़ है। राज्य में विधानसभा चुनाव 2023 के अंत में होने हैं। इसलिए माना जा रहा है कि अभी तत्काल सरकार और संगठन में ही फेरबदल किया जाएगा। राज्य में नेतृत्व परिवर्तन के मुद्दे को कुछ समय तक टाला जा सकता है। पार्टी नेतृत्व की ओर से इस संबंध में गहलोत को विश्वास में लेने के बाद ही कदम उठाए जाने की चर्चा है। तब तक के लिए सरकार और संगठन में बदलाव करके सचिन पायलट खेमे की नाराजगी दूर करने की कोशिश की जा रही है।