Political News: गांधी जयंती के दिन कांग्रेस कर सकती है धमाका, कन्हैया कुमार और मेवानी की पार्टी में एंट्री की तैयारी

Political News: युवा नेताओं को 2024 की सियासी जंग के मद्देनजर कांग्रेस में शामिल करने की तैयारी है। सूत्रों के मुताबिक सब कुछ तय हो चुका है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Pallavi Srivastava
Update: 2021-09-22 03:59 GMT

कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवानी कांग्रेस में होंगे शामिल (File Photo)pic(social media)

Political News:  कम्युनिस्ट पार्टी के नेता और जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार की जल्द ही कांग्रेस में एंट्री होने वाली है। इस मुद्दे पर कन्हैया कुमार की राहुल गांधी से दो बार गंभीर मंत्रणा हो चुकी है। दोनों बार बातचीत के दौरान चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी मौजूद थे। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि कन्हैया कुमार की एंट्री के संबंध में सब कुछ तय किया जा चुका है। बस औपचारिक एलान ही बाकी रह गया है।

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पहले शहीद भगत सिंह की जयंती 28 सितंबर को कन्हैया कुमार की कांग्रेस में एंट्री की तारीख तय की गई थी । मगर अब इसे बढ़ाकर गांधी जयंती यानी 2 अक्टूबर को कर दिया गया है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि इसी दिन गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी भी कांग्रेस में शामिल होंगे। इन दोनों युवा नेताओं को 2024 की सियासी जंग के मद्देनजर कांग्रेस में शामिल करने की तैयारी है। कन्हैया कुमार को लेकर काफी दिनों से अटकलें लगाई जा रही हैं मगर अब सूत्रों के मुताबिक सब कुछ तय हो चुका है।

कांग्रेस पार्टी pic(social media)

बिहार में कांग्रेस का बड़ा सियासी दांव

दरअसल, कन्हैया कुमार के जरिए कांग्रेस बिहार में बड़ा सियासी दांव चलने की फिराक में है। बिहार कांग्रेस के प्रवक्ता असित नाथ त्रिपाठी कन्हैया कुमार के मुद्दे पर कुछ भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि इस बारे में कोई भी बयान पार्टी हाईकमान की ओर से ही जारी किया जाएगा। वैसे उनका यह जरूर कहना है कि 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के दिन पार्टी में सभी गांधीवादियों का स्वागत किया जाएगा।

उनका यह भी कहना है कि यदि गांधी जयंती के दिन कन्हैया कुमार पार्टी में शामिल होते हैं तो हम उनका भी स्वागत करने के लिए तैयार है। कांग्रेस नेता के इस बयान को बड़ा संकेत माना जा रहा है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि है 2 अक्टूबर को ही कन्हैया कुमार कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करेंगे।

कम्युनिस्ट पार्टी से दूर हो चुके हैं कन्हैया

2019 में हुए लोकसभा चुनाव के बाद से ही कन्हैया कुमार कम्युनिस्ट पार्टी की गतिविधियों से दूरी बनाकर चल रहे हैं। पिछले दिनों उन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी के मुख्यालय में अपना दफ्तर भी खाली कर दिया था। इसके बाद से ही उनके पार्टी छोड़ने की अटकलें लगती रही हैं। पार्टी की ओर से उन पर अनुशासनहीनता का आरोप भी लगाया जा चुका है। कम्युनिस्ट पार्टी की हैदराबाद में हुई बैठक के दौरान उनके खिलाफ अनुशासनहीनता के मामले में निंदा प्रस्ताव भी पारित किया गया था।

बिहार में दमदार युवा नेता की तलाश

सियासी जानकारों का कहना है कि कन्हैया कुमार के कांग्रेस में शामिल होने से पार्टी को बिहार में मजबूती मिल सकती है। पार्टी को बिहार में एक दमदार युवा नेता की तलाश है जिसकी पूर्ति कन्हैया कुमार के रूप में किए जाने की तैयारी है। दरअसल, बिहार में कांग्रेस का संगठन लगातार कमजोर होता जा रहा है। पार्टी हाईकमान की ओर से 2024 की जंग से पहले विभिन्न राज्यों में पार्टी के संगठन को मजबूत बनाने की कोशिशें की जा रही हैं। इसी कड़ी में अब कांग्रेस में कन्हैया कुमार की एंट्री होने वाली है।

विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का खराब प्रदर्शन

2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस राजद महागठबंधन में शामिल होने के बावजूद सिर्फ 19 सीटों पर जीत हासिल कर सकी थी। हालांकि पार्टी ने राजद नेता तेजस्वी यादव पर दबाव बनाकर 70 सीटें हासिल कर ली थी। मगर पार्टी का प्रदर्शन अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा था। 2019 के लोकसभा चुनाव में तो पार्टी का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा था। पार्टी एक भी सीट पर जीत नहीं हासिल कर सकी थी।

2015 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को राजद और जदयू के गठबंधन में शामिल होने का फायदा मिला था। पार्टी 27 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब हुई थी। इससे पहले 2010 के चुनाव में पार्टी को सिर्फ 4 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। बिहार में पार्टी की लगातार कमजोर होती स्थिति को मजबूत बनाने के लिए अब कन्हैया कुमार को पार्टी में लिए जाने की तैयारी है। पार्टी के वरिष्ठ नेता भी अभी तक इस बाबत कुछ भी खुलकर नहीं बोल रहे हैं।

जदयू में इस कारण नहीं गल सकी दाल

कन्हैया कुमार ने 2019 के लोकसभा चुनाव में बेगूसराय संसदीय सीट से किस्मत आजमाई थी। यहां उनका मुकाबला भाजपा के कद्दावर नेता गिरिराज सिंह से हुआ था। जोरदार प्रचार किए जाने के बावजूद कन्हैया कुमार को यहां गिरिराज सिंह ने बुरी तरह हराया था।

इसके बाद कम्युनिस्ट पार्टी में भी ज्यादातर तरजीह न मिलने पर कन्हैया कुमार ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मुलाकात की थी। बिहार में जदयू का भाजपा के साथ गठबंधन है । इस कारण कन्हैया कुमार को जदयू में शामिल करना नीतीश कुमार के लिए भी काफी मुश्किल था। यही कारण है कि कन्हैया कुमार ने कांग्रेस में एंट्री के प्रयास तेज किए । अब राहुल गांधी की मंजूरी के बाद जल्द ही इस दिशा में बड़ा कदम उठाने की तैयारी है।

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