Politics News: सांसदों के निलंबन का मुद्दा गरमाया,सरकार को घेरने की रणनीति तैयार, विपक्षी नेताओं की बैठक में टीएमसी को न्योता नहीं

इस बैठक में कांग्रेस और टीएमसी के बीच बढ़ती दूरियों का साफ संकेत मिला। संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में तृणमूल कांग्रेस ने अलग राह पकड़ रखी है और इसका नतीजा भी सामने दिखने लगा है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Divyanshu Rao
Update:2021-12-14 22:58 IST

राज्यसभा की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

Politics News: राज्यसभा के 12 सदस्यों के निलंबन का मुद्दा लगातार गरमाता जा रहा है। विपक्ष इस मुद्दे पर झुकने को कतई तैयार नहीं है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (sonia gandhi) के आवास दस जनपथ पर आज हुई बैठक में राज्यसभा के 12 सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर सरकार को घेरने की रणनीति पर चर्चा की गई। बैठक में एनसीपी के मुखिया शरद पवार समेत विपक्ष के कई वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया। इन नेताओं में नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला, द्रमुक नेता टी बालू और शिवसेना नेता संजय राउत शामिल थे। बैठक के बाद संजय राउत ने साफ कर दिया है कि हम इस मुद्दे को लेकर कोई माफी नहीं मांगेंगे। विपक्ष इस मुद्दे को लेकर लड़ाई लड़ेगा।

इस बैठक में कांग्रेस और टीएमसी के बीच बढ़ती दूरियों का साफ संकेत मिला। संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में तृणमूल कांग्रेस ने अलग राह पकड़ रखी है और इसका नतीजा भी सामने दिखने लगा है। संसद में मोदी सरकार को घेरने की रणनीति बनाने के लिए हुई विपक्षी नेताओं की बैठक में टीएमसी को न्योता तक नहीं दिया गया।

विपक्ष ने शरद पवार को सौंपी जिम्मेदारी

सांसदों के निलंबन के मुद्दे को कांग्रेस लगातार गरमाने में जुटी हुई है और बुधवार को भी इस सिलसिले में बैठक करने की तैयारी है। कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए आने वाले दिनों में ऐसी और भी बैठकों का आयोजन किया जाएगा। कांग्रेस अध्यक्ष ने इस बैठक में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भी आमंत्रित किया था मगर दोनों नेताओं ने व्यस्तताओं की वजह से अपने प्रतिनिधि के रूप में बालू और संजय राउत को भेजा था। 

शरद पवार की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

जानकार सूत्रों का कहना है कि बैठक में फैसला किया गया कि सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर एनसीपी नेता शरद पवार राज्यसभा के सभापति से बातचीत करेंगे। हालांकि सभापति वेंकैया नायडू सांसदों के माफी मांगे बिना निलंबन रद्द करने को तैयार नहीं है। इस बैठक से साफ संकेत मिला कि तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस के बीच टकराव लगातार बढ़ता जा रहा है क्योंकि बैठक के लिए ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी को आमंत्रित नहीं किया गया था।

माफी मांगने से संजय राऊत का इनकार

बरसों के बाद संजय राउत ने साफ कर दिया कि विपक्षी सांसदों को किसी बात का कोई पछतावा नहीं है और हम इस मुद्दे पर माफी नहीं मांगेंगे। उन्होंने कहा कि विपक्ष इस मुद्दे को लेकर लड़ाई लड़ेगा। राउत ने कहा कि सांसदों ने किसानों की लड़ाई के लिए बलिदान किया है। उन्होंने कहा कि आज तक लोकतांत्रिक इतिहास में ऐसा नहीं देखा गया। यह सरकार लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए तैयार ही नहीं है। सरकार के अड़ियल रवैये के खिलाफ हम लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं।

सरकार ने मांगा विपक्ष से सहयोग

दूसरी ओर संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने विपक्षी नेताओं से सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने की अपील की है। उन्होंने कहा कि विपक्षी के नेताओं को अपने रवैये पर खेद व्यक्त करके सदन को सुचारू रूप से चलने में मदद देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है। इसलिए विपक्ष को भी सहयोग के लिए आगे आना चाहिए।

विपक्षी नेताओं ने निकाला मार्च

इससे पूर्व सांसदों के निलंबन को रद्द करने की मांग को लेकर विपक्ष की ओर से मार्च भी निकाला गया। मार्च में शामिल विपक्षी नेताओं ने सरकार पर विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगाया। विपक्ष की ओर से यह मार्च संसद परिसर स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा से विजय चौक तक निकाला गया। इस मार्च में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, शिवसेना नेता संजय राउत और राज्यसभा से निलंबित किए गए सांसदों ने हिस्सा लिया।

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