महामारी के अरबपति: बढ़ती जा रही गरीबी, लेकिन भारत में बने 40 नए बिलेनियर
New Billionaires in India: अरबपतियों की संख्या 102 से बढ़कर 142 हो गई। यानी देखते देखते 40 लोग अरबपति बन गए।
New Billionaires in India: कोरोना महामारी (Coronavirus) ने तरह तरह के रंग दिखाए हैं। बीमारी और मौतों के अतिरिक्त सामाजिक प्रभाव भी बहुत ज्यादा पड़े हैं। सबसे बड़ी बात है कि महामारी के चलते समाज में असामनता और भी बढ़ गयी है, अमीर और अमीर हो गए हैं जबकि बाकी लोग नीचे ही चले गए हैं।
अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवी संस्था ऑक्सफैम इंडिया की ताजा रिपोर्ट 'इनइक्वालिटी किल्स' से पता चला है कि जहां भारत में 84 प्रतिशत परिवारों को एक साल में अपनी आय में भारी गिरावट का सामना करना पड़ा है, वहीं अरबपतियों की संख्या (number of billionaires) 102 से बढ़कर 142 हो गई। यानी देखते देखते 40 लोग अरबपति बन गए।
भारत में मार्च 2020 से 30 नवंबर, 2021 तक महामारी के दौरान अरबपतियों की संपत्ति 23.14 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 53.16 लाख करोड़ रुपये हो गई जबकि इस बीच 4.6 करोड़ से अधिक भारतीयों के 2020 में अत्यंत गरीबी में जाने का अनुमान है। ऑक्सफैम का कहना है कि कोरोना महामारी के कारण आय में भारी गिरावट (drop in income) आई है और भारत में अत्यधिक धन असमानता अमीरों और गरीबों के बीच देखने को मिली है।
ऑक्सफैम की रिपोर्ट ने यह भी पाया कि जैसे-जैसे कोरोना ने भारत को तबाह करना जारी रखा, देश के स्वास्थ्य बजट (India health budget) में 2020-21 के संशोधित अनुमान से 10 फीसदी की गिरावट देखी गई। ऑक्सफैम इंडिया के सीईओ अमिताभ बेहर ने कहा है कि ये रिपोर्ट असमानता की कठोर वास्तविकता की ओर इशारा करती है। उन्होंने कहा कि हम भारत सरकार से एक ऐसी आर्थिक प्रणाली के लिए प्रतिबद्ध होने का आग्रह करते हैं जो एक अधिक समान और टिकाऊ राष्ट्र बनाती है। भारत दुनिया को दिखा सकता है कि लोकतांत्रिक व्यवस्थाएं धन के पुनर्वितरण और समावेशी विकास के लिए सक्षम हैं जहां कोई भी पीछे नहीं रहता है। समानता और गरीबी के खिलाफ भारत की लड़ाई को उन अरबपतियों का समर्थन करना चाहिए जिन्होंने महामारी के दौरान देश में रिकॉर्ड मुनाफा कमाया।
भारत में बढ़े अरबपति (New Billionaires in India)
रिपोर्ट कहती है कि महामारी की वजह से पिछले एक साल में देश में 84 फीसदी परिवारों को जीवन और आजीविका की क्षति के कारण अपनी आय में गिरावट का सामना करना पड़ा है। इसी दौरान भारत में अरबपतियों की संख्या बढ़कर 142 हो गई है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि भारत के 100 सबसे अमीर लोगों की सामूहिक संपत्ति 2021 में 57.3 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई। वहीं 98 सर्वाधिक अमीर भारतीयों के पास करीब 49.27 लाख करोड़ की संपत्ति है, जो निचले तबके के 55.2 करोड़ लोगों की कुल संपत्ति के बराबर है।
अधिक धन कर लगाने के फायदे (Benefits of taxing)
बेहर का कहना है कि हमें केवल शब्दों से हटकर असमानता और गरीबी के चक्र को समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। यह तभी संभव है जब सरकार उन अमीरों पर कर लगाए जो महामारी से उबरने के लिए बहुत जरूरी संसाधन पैदा करेंगे। 98 अरबपतियों की संपत्ति पर चार फीसदी टैक्स लगाने से 17 साल तक देश के मिड डे मील कार्यक्रम या 6 साल तक समग्र शिक्षा अभियान चलाया जा सकता है। वहीं 98 सबसे अमीर अरबपति परिवारों पर एक प्रतिशत संपत्ति कर लगता है तो आयुष्मान भारत को सात साल से अधिक समय तक वित्तपोषित कर सकता है। इसी के साथ देश के 98 अरबपतियों की संपत्ति पर एक प्रतिशत कर से स्कूली शिक्षा और साक्षरता पर होने वाले कुल खर्च का वहन बड़े आराम से किया जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया कि भारत के टॉप दस फीसदी अमीर लोगों पर अगर एक फीसदी अतिरिक्त टैक्स लगाया जाए तो उस पैसे से देश को 17.7 लाख अतिरिक्त ऑक्सीजन सिलिंडर मिल जाएंगे।
84 साल तक रोजाना खर्च कर सकते हैं 7.4 करोड़ रुपए
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर भारत के टॉप-10 अमीर रोजाना आधार पर 1 मिलियन डॉलर, यानी 7.4 करोड़ रुपए खर्च करें तो भी उनकी दौलत को खर्च होने में 84 साल लग जाएंगे। वहीं अगर देश के अमीरों पर वेल्थ टैक्स लगाया जाए तो 78.3 बिलियन डॉलर, यानी 5.8 लाख करोड़ रुपए कलेक्ट किया जा सकता है। इस पैसे से सरकार का हेल्थ बजट 271 फीसदी बढ़ सकता है।
कोरोना काल में 28 फीसदी महिलाओं की नौकरी गई
कोरोना काल में रोजगार ख़त्म (job lost) का असर महिलाओं पर बहुत पड़ा है। 28 फीसदी महिलाएं बेरोजगार हो गयी हैं। इससे उनकी कुल कमाई दो तिहाई घट गई है। महिलाओं की स्थिति को लेकर कहा गया कि बजट 2021 में सरकार ने मिनिस्ट्री ऑफ वुमन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट पर केवल उतना खर्च किया जितना भारत के सबसे नीचे के 10 करोड़पतियों की कुल संपत्ति का आधा भी नहीं है।