Rafale Jet India : फिर चर्चा में आई राफेल डील, जानिए पूरा किस्सा

Rafale Jet India : भारत के रक्षा मंत्रालय ने 36 लड़ाकू जेट विमान खरीदे हैं। यूपीए-2 के कार्यकाल में फ्रांस की दसॉउ एविएशन से भारत ने 126 राफेल खरीदने की डील की थी। बाद में 2015 में मोदी सरकार ने इस डील को रद्द कर दिया।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Vidushi Mishra
Update:2021-11-08 16:12 IST

लड़ाकू विमान राफेल (फाइल फोटो: सोशल मीडिया)

Rafale Jet India : फ्रांस की दसॉउ कंपनी से भारत द्वारा राफेल जेट खरीदने की डील जबसे हुई है तबसे कोई न कोई विवाद आये दिन उठता रहा है। इस डील के तहत भारत के रक्षा मंत्रालय ने 36 लड़ाकू जेट विमान खरीदे हैं। इसके लिए सितंबर 2016 में, भारत और फ्रांस ने एक अंतर सरकारी समझौते (आईजीए) पर हस्ताक्षर किए थे।

शुरुआत 2007 में हुई

दरअसल, यूपीए-2 के कार्यकाल में फ्रांस की दसॉउ एविएशन से भारत ने 126 राफेल खरीदने की डील की थी। बाद में 2015 में मोदी सरकार ने इस डील को रद्द कर दिया। इस डील के अनुसार पूर्ण रूप से उडने लायक 8 राफेल फाइटर फ्रांस द्वारा भारत भेजे जाएंगे और बाकी के 118 जेट्स भारत में हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा बनाए जाएंगे।

इसे बदलते हुए सितंबर 2016 में भारत सरकार और फ्रांस की दसॉउ एविएशन के बीच 58 हजार 891 करोड़ रुपए की डील हुई, जिसमें 36 विमान खरीदने पर मंजूरी बनी। इस डील में ऑफसेट क्लॉज भी जोड़ा गया है, जिसकी वैल्यू 50 फीसदी है। यानी, जितने की डील हुई है, उसकी 50 प्रतिशत रकम कंपनी भारत में निवेश करेगी। 

इसी ऑफसेट क्लॉज की वजह से भारत में राफेल डील को लेकर जमकर विवाद भी हुआ था। कांग्रेस का आरोप था कि मोदी सरकार ने अनिल अंबानी की कंपनी को इस डील में एक ऑफसेट पार्टनर बना दिया, ताकि उन्हें फायदा हो। जबकि, सरकार की तरफ से कहा गया था कि ये दसॉउ एविएशन का निर्णय था कि वो किसे ऑफसेट पार्टनर चुन रही है। विवाद की जड़ यही है और कांग्रेस इसी को लेकर आरोप लगाती है।

फोटो- सोशल मीडिया

राफेल जेट की खासियत

1.        राफेल विमान फ्रांस की विमानन कंपनी दसॉल्ट एविएशन द्वारा बनाया गया दो इंजन वाला लड़ाकू विमान है।

2.        राफेल 15.27 मीटर लंबा और 5.3 मीटर ऊंचा है. इसकी ईंधन क्षमता करीब 17 हजार किलोग्राम है.

3.        स्पीड – 2223 किलोमीटर प्रति घंटा.

4.        आक्रमण की रेंज – 3700 किलोमीटर.

5.        आसमान में ऊपर जाने की स्पीड – 60 हजार फुट प्रति मिनट.

6.        राफेल का राडार 100 किमी के भीतर एक बार में 40 टारगेट का पता लगा लगा सकता है.

7.        तोप – 30 एम्एम् जियेट 30/एम् 791 ऑटोकैनन जो बख्तरबंद को भेद सकती है.

8.        ओमनी रोल जेट - यह पहाड़ों पर कम जगह में उतर सकता है. इसे समुद्र में चलते हुए युद्धपोत पर उतार सकते हैं.

9.        ऊंचाई हासिल करने की स्पीड – 300 मीटर प्रति सेकेण्ड. एक मिनट में 18 हजार मीटर.

10.      कीमत – एक जेट की कीमत करीब 673 करोड़ रुपये. हथियार, सिमुलेटर और ट्रेनिंग को मिलाएं तो एक जेट की कीमत 1600 करोड़ रुपये है.

11.      विमान में हेल्मेट माउंटेड साइट्स और लक्ष्य को भेदने की प्रणाली है ताकि पायलट बहुत कम समय में हथियारों को शूट कर सकें।

फोटो- सोशल मीडिया

12.      विमान में बहुत ऊंचाईवाले एयरबेस से भी उड़ान भरने की क्षमता है। लेह जैसी ऊंचाईवाली जगहों और ठंडे मौसम में भी विमान तेजी से काम कर सकता है।

13.      राफेल फाइटर जेट को माली अफगानिस्तान, इराक और लीबिया में इस्तेमाल किया जा चुका है.

मिसाइलें –

-    मैजिक 2 – ये इन्फ्रारेड सिसटम से लैस हथियार है.

-    माइका मिसाइल – ये मीडियम रेंज की मिसाइल है जो अपने निशाने के करीब या उसी टकराने पर फटती है.

-    मिटयोर – ये हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है जिसकी रेंज 150 किमी है। मिटियोर मिसाइल दुश्मन देश के लड़ाकू जहाजों को आसानी से अपना निशाना बना सकती है।

-    अपाचे मिसाइल – इस मिसाइल के भीतर दस बम भरे होते हैं जो छिटक कर तबाही मचाते हैं.

-    स्टॉर्म शैडो क्रूज़ मिसाइल – 560 किमी तक मार करने वाली मिसाइल.

-    हैमर गाइडेड मिसाइल –हैमर यानी हाइली एजाइल मॉड्यूलर म्यूनिशन एक्सटेंडेड रेंज, एक मध्यम श्रेणी का एयर-टू-ग्राउंड हथियार है. ये 60 से 70 किलोमीटर की रेंज में किसी भी टारगेट को हिट करने में सक्षम हैं. ये सटीक निशाना करने वाली जीपीएस गाइडेड मिसाइल. है

-    पेववे लेजर गाइडेड बम – अलग अलग वजन वाले ये बम सटीक निशाने पर वार करते हैं.

-    एएस30 मिसाइल - पुल और बंकर जैसे हाई वैल्यू टारगेट को ध्वस्त कर सकती है. खाड़ी युद्ध में इसका व्यापक इस्तेमाल किया गया था और ईराक पर ऐसे 4500 मिसाइल गिराए गए थे. इसकी खासियत है ये कि काफी नीचे आ कर दागी जाती है.

-    स्काल्प - ये लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम क्रूज मिसाइल है जिसकी मारक क्षमता 300 किलोमीटर से ज्यादा है। ये मिसाइलें दुश्मन देश के पुल,  रेल,  सड़क,  पावर प्लांट्स, एयरफील्ड्स, बंकर्स, कमान एवं कंट्रोल सेंटर्स को आसानी से निशाना बना सकती हैं। यह मिसाइल रडार को भी चकमा दे देती है और इसका इस्तेमाल मौसम की सभी दशाओं में किया जा सकता है।

 

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