Rahul Gandhi Press Conference: राहुल गांधी का हमला, कहा- 70 सालों में बनी पूंजी को बेच रही मोदी सरकार

Rahul Gandhi Press Conference: कांग्रेस नेता ने केंद्र की मोदी सरकार (Narendra Modi Government) पर इस योजना के माध्यम से देश के सरकारी संसाधानों को बेचने आरोप लगाया है।

Newstrack :  Network
Published By :  Dharmendra Singh
Update:2021-08-24 19:30 IST

Rahul Gandhi Press Conference: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (NMP) योजना को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता ने केंद्र की मोदी सरकार (Narendra Modi Government) पर इस योजना के माध्यम से देश के सरकारी संसाधानों को बेचने आरोप लगाया है।

राहुल गांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी जी और भाजपा का एक नारा था कि 70 सालों में कुछ नहीं हुआ; 70 सालों में जो इस देश की पूंजी बनाई गई थी, कल वित्त मंत्री ने उसको बेचने का निर्णय ले लिया है। प्रधानमंत्री जी ने सब कुछ बेच दिया और मैं हिन्दुस्तान के युवाओं से कहना चाहता हूँ कि आपके हाथ से रोजगार छीना, कोरोना में आपकी मदद नहीं की, आपके किसान माता-पिता के लिए तीन काले कानून बनाए।

कांग्रेस सांसद ने कहा कि सरकार क्या बेच रही है? -26,700 किमी नेशनल हाईवे से ₹1.6 लाख करोड़, -रेलवे से ₹1.5 लाख करोड़, - 42,300 किमी ट्रांसमिशन नेटवर्क, - 6000 मेगावाट हाइड्रो, सोलर, विंड एसेट पावर जेनरेशन, GAIL की 8000 किमी गैस पाइपलाइन, 4000 किमी की पेट्रोलियम पाइपलाइन, 2.86 लाख किमी भारत नेट फाइबर, BSNL/MTNL के टावर, ₹29000 करोड़ के गोदाम, 210 मीट्रिक टन फ़ूड स्टोरेज किसको जा रही है, सबको पता है। 160 कोयला खदान, 761 खनिज ब्लॉक, एयरपोर्ट से ₹2100 करोड़; बंदरगाह से ₹13,000 करोड़, स्टेडियम से ₹11,000 करोड़।



उन्होंने कहा कि आपका भविष्य बेचा जा रहा है, इन तीन-चार उद्योगपतियों को गिफ्ट दिए जा रहे हैं; हम निजीकरण के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हमारा निजीकरण का एक लॉजिक था; लॉजिक ये था कि जो स्ट्रैटेजिक इंडस्ट्री हैं उनका निजीकरण नहीं किया जाता था। रेलवे को हम स्ट्रैटेजिक इंडस्ट्री मानते थे, क्योंकि रेलवे हिन्दुस्तान की रीढ़ की हड्डी है; स्ट्रैटेजिक, क्योंकि यह लाखों-करोड़ों लोगों को ट्रांसपोर्ट देती है; स्ट्रैटेजिक, क्योंकि इसमें बहुत से लोगों को रोजगार मिलता है; इसलिए यह स्ट्रैटेजिक इंडस्ट्री है।


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कांग्रेस नेता ने कहा कि जो इंडस्ट्री लम्बे समय से (chronically) घाटे में होती थी, उनका हम निजीकरण करते थे; जिन कम्पनियों के पास मिनिमल मार्केट शेयर होता था, हम उनका निजीकरण करते थे। उस सेक्टर में हम निजीकरण करते थे, जहाँ पर प्राइवेट सेक्टर के एकाधिकार (monopoly) का रिस्क हो; अगर सरकारी कंपनी एकाधिकार (monopoly) को रोक सके तो हम उसका निजीकारण नहीं करते थे।
राहुल ने कहा कि अब यहां पर यह सारे के सारे प्राइवेटाइजेशन एकाधिकार (monopoly) बनाने के लिए किए जा रहे हैं; हम कहते हैं कि निजीकरण कीजिए, लेकिन देश को नुकसान मत पहुंचाइए। मैंने कोरोना के बारे में भी बोला था, लेकिन आप लोगों ने मेरा मजाक उड़ाया; आज मैं फिर से बोल रहा हूँ, हिन्दुस्तान के युवाओं आप अच्छी तरह सुन लीजिए; जैसे ही ये सब होगा वैसे ही आपको रोजगार मिलने का चांस खत्म हो जाएगा।


कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि हिन्दुस्तान की पूंजी बेची जा रही है लेकिन यह आपके भविष्य पर आक्रमण है ; नरेंद्र मोदी जी अपने दो-तीन उद्योगपति मित्रों के साथ हिन्दुस्तान के युवा पर आक्रमण कर रहे हैं। सरकार अपने 2-4 मित्रों के हाथ में सारा कंट्रोल देना चाहती है। कोरोना, नोटबन्दी, GST के कुप्रबंधन के कारण सरकार के पास पैसे की जबरदस्त कमी है। लेकिन निजीकरण से जो मिलेगा उससे समस्या का समाधान नहीं होगा। इसका मूल लक्ष्य एकछत्र राज देना है। अगर जनता को ही मालिक बनाए रखना था, तो बेचने की क्या जरूरत थी?






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