कश्मीरी पंडितों के वापस जाने का सही वक्त आ गया, संघ प्रमुख मोहन भागवत का बड़ा बयान

आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत का कश्मीर से विस्थापित हुए कश्मीरी पंडितों की वापसी पर बड़ा बयान। संघ प्रमुख ने कहा कि अब समय आ गया है कि कश्मीरी पंडित वापस वहां जाएं और बस जाएं।

Written By :  Krishna Chaudhary
Published By :  Deepak Kumar
Update:2022-04-03 16:07 IST

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत। (Social Media)

New Delhi: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने कश्मीर से विस्थापित हुए कश्मीरी पंडितों (Kashmir Pandit) की वापसी पर बड़ा बयान दिया है। संघ प्रमुख (Mohan Bhagwat) ने कहा कि अब समय आ गया है कि कश्मीरी पंडित (Kashmir Pandit) वापस वहां जाएं औऱ बस जाएं। अबकी बार आपको इस तरह बसना है कि कोई आपको उजाड़ न पाए। मोहन भागवत ने ये बातें कश्मीरी पंडितों के नए साल यानि नवरेह के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में कही।

संघ प्रमुख ने कश्मीर फाइल्स की तारीफ की

रूपहले पर्दे पर विस्थापित कश्मीरी पंडितों का दर्द बयां करने वाली फिल्म द कश्मीर फाइल्स (Film The Kashmir Files) पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (RSS Chief Mohan Bhagwat) ने भी प्रतिक्रिया दी है। भागवत (RSS Chief Mohan Bhagwat) ने कहा कि फिल्म में कश्मीरी पंडितों के दुर्दशा को दिखाया गया है। जिसने देश को हिला दिया है। संघ प्रमुख ने कहा कि कुछ लोग द कश्मीर फाइल्स के समर्थन में है कुछ लोग इसे आधा सच बता रहे हैं। मगर इस देश की आम जनता की राय है कि इस फिल्म ने दुनिया के सामने न केवल विस्थापितों का दर्द पेश किया है, बल्कि हमें भी झकझोर दिया है।

कश्मीर वापसी का सही समय

कश्मीरी हिंदूओं (Kashmir Hindu) को उनके नववर्ष नवरेह के मौके पर आय़ोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत (RSS Chief Mohan Bhagwat) ने कहा कि चरमपंथ के कारण आप लोगों को कश्मीर से विस्थापित होना पड़ा, लेकिन अब आप हिंदू और भारतभक्त के रूप में वापस जाएंगे। उन्होंने कहा कि कोई भी कश्मीरी पंडितों को जाने के लिए मजबूर नहीं कर सकता। अगर कोई ऐसा करता है तो उसे गंभीर नतीजे भुगतने होंगे।

आरएसएस प्रमुख (RSS Chief Mohan Bhagwat) ने कहा कि 2011 में हमने वापस लौटने के लिए इसी तरह का समर्पण किया था। लेकिन वो समय सही नहीं था। अब समय आ गया है कि हम अपनी शर्तों के साथ वापस जाएं और वहां बस जाएं। आपको वहां बसने की जरूरत नहीं है बल्कि इस तरह से बसना है कि आप फिर से उजड़ न जाएं।

संघ प्रमुख के बयान के मायने

विस्थापित कश्मीरी पंडितों की सबसे बड़ी पीड़ा रही है कि उनके पुर्नवापसी के लिए अब तक के सरकारों द्वारा ठोस काम नहीं किया जा सका है। यही वजह है कि विस्थापन के तीन दशक बाद भी वे अपनी मातृभूमि से दूर हैं। कश्मीर से धारा 370 के हटने के बाद भी उनके लिए वहां बसने की पर्याप्त गुंजाइश नजर नहीं आ रही है। ऐसे में संघ प्रमुख मोहन भागवत का ये बयान बड़े संकेत की ओर इशारा कर रहा है। माना जा रहा है कि मोदी सरकार आने वाले दिनों में कश्मीरी पंडितों की पुर्नवापसी पर बड़ा कदम उठा सकती है।

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