Russia Ukraine war: रोमानिया के बुखारेस्ट से छात्रों को लेकर Air India की फ्लाइट ने मुंबई के लिए भरी उड़ान
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा लंबे वक्त से तनाव का माहौल अब युद्ध का रूप ले चुका है जिसके बाद यूक्रेन में रहने वाले हजारों की संख्या में भारतीय वहां फंस गए हैं इसी सिलसिले में आज एयर इंडिया की एक स्पेशल विमान भारतीय नागरिकों को लेने रोमानिया पहुंची है।
Russia Ukraine crisis : यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्र-छात्राओं को सकुशल उनके वतन वापस लाने के लिए एयर इंडिया का एक विमान रोमानिया (Romania) की राजधानी बुखारेस्ट (Bucharest) से मुंबई के लिए उड़ान भर चुका है। जानकारी के अनुसार, मुंबई से एअर इंडिया (Air India) का स्पेशल विमान AI-1943 आज दोपहर रोमानिया के बुखारेस्ट पहुंच गया था।
बता दें कि यूक्रेन में जारी रूस की सैन्य कार्रवाई (Russia Ukraine War) के बीच वहां फंसे भारतीय नागरिकों की वतन वापसी के लिए भारत सरकार लगातार सक्रिय है। यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस स्वदेश लाने के लिए एयर इंडिया की चार फ्लाइट को डिप्लॉय किया गया है। चार विमानों से यूक्रेन में फंसे भारतीयों की वतन वापसी होगी। ये फ्लाइट्स रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट और हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट (Budapest) के लिए उड़ान भर रही हैं।
पड़ोसी देशों ने यूक्रेन के लोगों के लिए खोले दरवाजे, शरणार्थियों का कर रहे स्वागत
यूक्रेन में चल रहे भीषण युद्ध के बीच पड़ोसी देशों ने शरणार्थियों (Refugees) के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं। हंगरी, पोलैंड, रोमानिया और स्लोवाकिया आदि देशों की ओर से यूक्रेन से आने वाले लोगों की भरपूर मदद की जा रही है। यहां तक कि यूक्रेन के लोगों की मदद करने के लिए इन देशों की ओर से नियम और कानून की प्रक्रिया में भी ढील दी गई है। दरअसल, कई देशों की ओर से रूस की आक्रामक नीति का जमकर विरोध किया जा रहा है और इसीलिए इन देशों ने यूक्रेन के लोगों की मदद की पहल की है।
जानकारों के मुताबिक, हमले की शुरुआत के बाद 48 घंटे के भीतर करीब 50 हजार लोगों ने पड़ोसी देशों में शरण लेकर जान बचाने की कोशिश की है। इसके बाद भी लोगों का पलायन (People Migrating From Ukraine) बड़ी तेजी से जारी है और एक अनुमान के मुताबिक, अभी तक एक लाख लोग देश छोड़कर जा चुके हैं। अभी और लोगों के देश छोड़कर जाने का सिलसिला जारी है और माना जा रहा है कि अगर युद्ध कुछ लंबा खींचा है तो 50 लाख लोग पड़ोसी मुल्कों में शरण लेंगे।