Supreme Court: कोरोना महामारी के दौरान सभी अनाथ बच्चों को मिले सरकारी योजनाओं का लाभ- SC

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान अपने माता-पिता को खो चुके सभी बच्चों को पीएम केयर्स फंड के तहत सभी सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए।

Newstrack :  Network
Published By :  Chitra Singh
Update: 2021-07-28 04:23 GMT

सुप्रीम कोर्ट (फोटो - सोशल मीडिया)

Supreme Court: अनाथ बच्चों के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को एक बड़ा एलान किया है। कोर्ट ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान अपने माता-पिता को खो चुके सभी बच्चों को पीएम केयर्स फंड (PM CARES Fund) के तहत सभी सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए। वहीं कोर्ट ने कई राज्यों को फटकार लगाते हुए कहा है कि आदेश देने के बाद भी राज्य सरकारों ने बच्चों के बारे में अब तक कोई जानकारी नहीं दी है। इस मामले की अगली सुनवाई अब 26 अगस्त को होगी।

मंगलवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने राज्य औ केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को निर्देश देते हुए कहा कि वे मार्च 2020 के बाद कोरोना महामारी व अन्य कारण से अनाथ हुए बच्चों का विवरण प्रस्तुत करे। इसके लिए वे चाइल्ड केयर हेल्पलाइन, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, पुलिस समेत किसी भी विभाग से मदद ले सकती है। इस काम में और देरी को कोर्ट कतई बर्दास्त नहीं करेगा।

वहीं कोर्ट में केंद्र सरकार की तरफ से बताया गया कि कोरोना महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों के उच्च शिक्षा के लिए पीएम केयर्स फंड से 10 लाख रुपये दिए जाएंगे। जिस पर कोर्ट ने सवाल करते हुए पूछा कि केवल कोरोना में अनाथ हुए बच्चों को ही क्यों, सभी अनाथ बच्चों को क्यों नहीं यह सहायता दी जा रही है?

इस मामले की सुनवाई जस्टिस एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ ने की। इस सुनवाई के दौरान पीठ ने मालूम हुआ कि 10 लाख की आर्थिक मदद सिर्फ उन बच्चों के लिए है, जो कोरोना महामारी के दौरान अपने माता-पिता को खो चुके है। पीठ ने इस मामले को उठाते हुए कहा, "कोर्ट ने आदेश दिया था कि कोरोना महामारी के दौरान अनाथ हुए सभी बच्चों को योजना का लाभ दिया जाए, ना कि सिर्फ कोरोना के कारण हुए अनाथ बच्चों को योजना का लाभ मिले।"

पीठ ने यह साफ लफ्जों में कहा, "कोर्ट सभी अनाथ बच्चों के लिए पीएम केयर्स फंड की योजना का लाभ देने के लिए नही कह रहा है। कोर्ट कोरोना महामारी के दौरान अनाथ सभी बच्चों को इस योजना के दायरे में लाए जाने की बात कह रहा है। हम सिर्फ उन बच्चों को सीमित कर सकते है, जिन्होंने महामारी के दौरान अपने मां-बाप को या किसी एक सदस्य को खो दिया है।"

बताते चलें कि कोरोना महामारी के दौरान करीब 75 हजार से भी ज्यादा बच्चे अनाथ हुए हैं। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के द्वारा जारी किए गए रिपोर्ट के अनुसार, "राज्यों से अब तक जितनी भी जानकारी प्राप्त हुई है उसके मुताबिक कोरोना महामारी के दौरा अनाथ हुए बच्चों की संख्या 75,320 है।" यह आंकड़ें सुनवाई के दौरान एनसीपीसीआर की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल के एम. नटराज की ओर से पेश किया गया। उन्होंने इस आंकड़े को पेश करते हुए कहा, "26 जुलाई को दायर किए गए हलफनामे में अनाथ बच्चों के नए आंकड़े प्रस्तुत किए गए हैं।" उन्होंने भी बताया कि इस आंकड़ें में पश्चिम बंगाल, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के रिपोर्ट नहीं दिए गए हैं, जिस पर कोर्ट ने पंजाब के जिला अधिकारियों को जल्द से जल्द अनाथ बच्चों का ब्यौरा देने को कहा है।

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