Coronavirus Update: मरीजों के लिए जल्द आएगी खाने वाली दो और दवाएं

कोरोना संक्रमण के असर को कम करने के लिए वैक्सीन के अलावा खाने वाली दो दवाएं जल्द ही मरीजों के लिए उपलब्ध होंगी...

Newstrack :  Network
Published By :  Ragini Sinha
Update:2021-07-23 20:23 IST

मरीजों के लिए जल्द आएगी खाने वाली दो और दवाएं (social media)

कोरोना संक्रमण के असर को कम करने के लिए वैक्सीन के अलावा खाने वाली दो दवाएं जल्द ही मरीजों के लिए उपलब्ध होंगी। इन दोनों दवाओं के पहले और दूसरे चरण के ट्रायल भी पूरे हो चुके हैं। दोनों दवाएं वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) के सहयोग से अलग-अलग संस्थान और दवा बनाने वाली कंपनियों के साथ मिलकर बनाई जा रही रही हैं। 

दवा का ट्रायल हुआ पूरा

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और CSIR के वैज्ञानिकों के मुताबिक इस दवा का क्लिनिकल ट्रायल भी पूरा हो चुका है। हालांकि वैज्ञानिकों का दावा है ट्रायल की कुछ औपचारिकताएं अभी बाकी है। जो क्लीनिकल ट्रायल हुए हैं वह बहुत ही सकारात्मक हैं। ट्रायल के दौरान जिन मरीजों को यह दवा दी गई उनमें सामान्य कोरोना के मरीजों की तुलना में न सिर्फ मृत्यु दर में कमी आई, बल्कि अस्पताल में दाखिल होने की परिस्थितियां भी बहुत कम बनी। इस दवा को जैसे ही ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की ओर से इमरजेंसी में इस्तेमाल की अनुमति मिलेगी इसे बाजार में लांच कर दिया जाएगा। 

जल्द उपलब्ध होंगी कोरोना की दवा

केंद्र सरकार की मानें तो अगले कुछ महीनों में कोरोना मरीजों को यह दवाएं उपलब्ध करवा दी जाएंगी। वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद ने ओरल मेडिसिन उमीफेनोविर विकसित की है। 

मोलानुपिरवीर की नई तकनीक विकसित

इस दवा के अलावा CSIR और NIIST ने मिलकर बाजार में पहले से मौजूद एंटीवायरल दवा मोलानुपिरवीर की एक नई तकनीक विकसित की है। CSIR और NIIST के साथ मिलकर कोरोना के मरीजों के लिए तैयार की गई दवा को बनाने वाली कंपनी ऑप्टिमस फार्मा मेडिसिन को बाजार में लॉन्च करने के लिए पूरी तैयारी के साथ जुट गई है। 

ड्रग कंट्रोलर से मंजूरी का इंतजार

इस दवा को इमरजेंसी में इस्तेमाल करने के लिए दवा बनाने वाली कंपनी ने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के कार्यालय में आवेदन किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक जैसे ही ये दोनों दवाएं बाजार में आ जाएंगी मरीजों के लिए निश्चित तौर पर बहुत राहत भरी दवा उपलब्ध होगी। इससे पहले डीआरडीओ ने अपनी 'टू डीजी दवा' को भी मरीजों के लिए अस्पतालों के माध्यम से उपलब्ध करवाया था।

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