UNSC की बैठक में बोले जयशंकर, आतंकवाद के हर रूप की निंदा होनी चाहिए
UNSC की बैठक में भारते के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि आंतकवाद के हर रूप की निंदा होनी चाहिए, इससे सबको सुरक्षित होना जरुरी है..
भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने UNSC बैठक में अफगान संकट पर बात करते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कहा कि कुछ देश आतंकवाद की मदद कर रहे हैं। जिन्हें रोकना होगा। UNSC बैठक में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद के हर रुप में निंदा होनी चाहिए। वह बोले कि आतंकवाद का महिमामंडन नहीं होना चाहिए। आफगानिस्तान के मौजूदा हालातों पर चिंता जताते हुए जयशंकर ने यह भी कहा कि आतंकवाद के खिलाफ पूरी दुनिया को एकजुट होना चाहिए। जयशंकर ने आगे कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत आगे भी पूरा सपोर्ट देने को तैयार है।
बता दें कि फिलहाल UNSC की अध्यक्षता भारत के पास है। इसमें आज गुरुवार को आतंकवादी कृत्यों के कारण अतर्राष्ट्रीय शांति औऱ सुरक्षा के लिए खतरा मुद्दे पर बातचीत हुई। जयशंकर ने कहा, आतंकवाद को किसी धर्म, राष्ट्र, सभ्यता या फिर जातीय समूह से जोड़कर नहीं देखा जा सकता। उन्होंने् कहा कि आतंकवाद का हर रूप में निंदा होनी चाहिए। जयशंकर ने कोरोना का उदाहरण देते हुए कहा कि जो कोरोना के लिए सच है वो आतंकवाद के लिए सच है। जबतक सब सुरक्षित नहीं होंगे, कोई सुरक्षित नहीं होगा। जयशंकर ने आगे कहा कि आफगानिस्तान हो या भारत, लश्कर ए तैयबा, जैश ए मोहम्मद लगातार यहां एक्टिव है।
आतंकी संगठन ISIS का आर्थिक ढांचा मजबूत हो रहा है
जयशंकर ने आगे ISIS का जिक्र करते हुए कहा कि आतंकी संगठन ISIS का आर्थिक ढांचा मजबूत हो रहा है। दावा किया कि आतंकियों को जान लेने के बदले इनाम में बिटकॉइन दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं को आनलाइम प्रेपगैंडा चलाकर भटकाया जा रहा है। पाकिस्तान का जिक्र करते हुए जयशंकर बोले, 'पड़ोसी देश में ISIL-खुरासान पहले से ज्यादा एक्टिव है और खुद को फैला रहा है.' जयशंकर ने कहा,'जब भी हम यह देखते है कि जिनके हाथ मासूमों के खूनों से रंगे है उनका कोई देश स्वागत कर रहा है, सुविधाएं दे रहा है तो फिर हम बोलने का साहस जरूर दिखाते हैं.'
आगे भारत पर हुए हमलों का जिक्र करते हुए जयशंकर ने कहा, ''भारत ने आतंकवाद को बहुत झेला है. 2008 मुंबई धमाका, 2016 पठानकोट एयरबेस हमला, 2019 पुलवामा हमला. लेकिन हमने आतंकवाद के साथ कभी समझौता नहीं किया.