मां-बेटे ने की 50 लाख की ठगी, दर्ज हुआ मुकदमा

Update: 2018-08-26 12:50 GMT

लखनऊ: सावधान! राजधानी में अपने को (सबसे अहम धन्धा व्यवसायी )प्रतिष्ठित कहलाने वालों पर भी विश्वास करना महंगा पड़ सकता है। नौकरी और टेंडर दिलाने के नाम पर जहां अभी तक कुछ मझोले लोग खेला करते थे। वहीं निवेश के नाम पर बड़े व्यापारियों ने भी लोगों को ठगना और धोखा देना चालू कर दिया है। जी हां, ऐसे ही एक प्रकरण में विभूतिखण्ड गोमतीनगर के ओमेक्स हाईट्स कालोनी में रहने वाले रेस्टोरेन्ट व्यापारी मोहित सेठी का सामने आया है। जिसमें उसके और उसकी मां के द्वारा चार वर्ष पूर्व दो प्रतिष्ठित लोगों से 25-25 लाख रूपये यानि कुल मिलाकर 50 लाख रूपये रेस्टोरेन्ट खोलने के नाम पर हड़पने का मुकदमा हजरतगंज कोतवाली में लिखा गया है।

धारा 406,420,506 में मोहित सेठी व प्रेमलता पर केस

पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह के आदेश पर हजरतगंज कोतवाली में मोहित सेठी एवं उसकी मां प्रेमलता सेठी पर अभिषेक शुक्ला एवं उनके करीबी रिश्तेदार ने दी तहरीर में बताया था कि इन लोगों ने रेस्टोरेन्ट में सहभागिता कर व्यापार करने के नाम पर 25-25 लाख कुल मिलाकर 50 लाख रूपये की साझेदारी का करार कराया था। मोहित ने लिखित तौर पर कहा था कि वो रेस्टोरेन्ट व्यापारी है। एक नया रेस्टोरेन्ट विलायती (ढाबा) खोल रहा है। उसमें धन लगा दीजिए। इसके एवज में लाभ एवं मूलधन की भी अदायगी करता रहूंगा। इसकी बाकायदा रजिस्ट्री कार्यालय में लिखा-पढ़ी भी हुई थी। उसने रेस्टोररेन्ट खोला और उसका पूरा धन भी खुद हड़प करने लगा। धीरे-धीरे साजिशन मोहित ने धन न देने की नीयत से रेस्टोरन्ट को बंद भी कर दिया। इसके बावजूद मोहित ने पैसा डकार लिया। जब अभिषक अपनी रकम मांगते तो मोहित उन्हें धमकाता भी था। इस पूरे प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए डीजीपी ने हजरतगंज कोतवाली को मुकदमा लिखकर अभियुक्तों को पकड़ने का आदेश दिया।

फरवरी 2014 को रजिस्टर्ड हुआ भागीदारी विलेख

इस पूरे मामले की लिखित लिखा-पढ़ी एक फरवरी 2014 को उप निबन्धक सेकन्ड के यहां करायी गयी थी। इसमें भागीदारी विलेख में स्टाम्प पेपर पर लिखा गया कि मोहित सेठी पुत्र बालकृष्ण सेठी व उसकी मां प्रेमलता सेठी पत्नी स्व. बालकृष्ण सेठी निवासी 1403ओमेक्स हाईट्स विभूती खण्ड गोमती नगर लखनऊ के अभिषेक शुक्ल पुत्र रविशंकर शुक्ल निवासी बी62एल्डिकों सिटी आईआईएमरोड लखनऊ एवं उनकी एक रिश्तेदार फर्म विलायतीढाबा (जो हजरतगंज में है) स्थित 15 महमूदाबाद स्टेट बिल्डिंग प्रथम तल हजरतगंज लखनऊ के उभयपक्ष भागीदार है। सभी को उनकी भागीदारी के हिसाब से धन दिया जाता रहेगा। पर मोहित ने साजिशन पैसा हड़पने के लिए मकान मालिक को किराया देना बंद कर दिया। इससे मकान मालिक ने रेस्टोरन्ट खाली करा लिया। मोहित अपने साजिश में कामयाब हुआ और सहयोगियों का धन हड़प गया। जब भी अभिषेक धन मांगते उन्हें जान से मारने की धमकी देता।

अभी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं आरोपी

पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह के आदेश पर हजरतगंज कोतवाली में पुलिस ने मोहित एवं उसकी मां के खिलाफ मुकदमा तो लिख लिया है। पर अभी तक इस प्रकरण में किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पायी है। इस बारे में मुकदमा लिखाने वाले अभिषेक शुक्ला ने newstrack.com से बातचीत में कहा कि मामला हाई-प्रोफाइल है। पुलिस यदि शीघ्र गिरफ्तारी नहीं कराती है, तो वह हम लोगों के साथ कुछ भी अनहोनी करा सकता है। मोहित के यहां आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों का आना-जाना भी बना रहता है। इसके पहले भी मोहित ने कई ठगी के काम किये हैं।

रेस्टोरेन्ट व्यापारी मोहित पहले भी जा चुका है जेल

रेस्टोरेन्ट विलायती ढाबा के नाम पर लिखित भागीदारी विलेख रजिस्ट्री कार्यालय में दर्ज करवाने वाला व्यापारी मोहित सेठी बहुत ही तरीके से व्‍यवहार बनाकर अपनों को ठगता था। वह इतना दुस्साहसी है कि लिखित कार्यवाही करने में कोई गुरेज नहीं करता पर उसका तनिक भी अनुपालन नहीं करता है। उसे कानून की कोई फिक्र नहीं है। सूत्रों के मुताबिक वह 420 के मामले में पहले भी जेल की सलाखों के पीछे जा चुका है।

Similar News