अतीक मामले में अब तक कार्रवाई न होने पर कोर्ट नाराज, मांगा नये विवेचनाधिकारी का नाम

हाईकोर्ट ने सरकारी वकील के मार्फत डीजीपी से एक तेज तर्रार विवेचनाधिकारी का नाम मांगा है ताकि अतीक अहमद व उनके समर्थकों द्वारा शियाट्स नैनी में घुसकर तोड़फोड़ व मारपीट की घटना की जांच सही तरीके से करायी जा सके।

Update: 2017-02-13 14:15 GMT

इलाहाबाद: फूलपुर के पूर्व सांसद अतीक अहमद की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी जताई कि जिस विवेचनाधिकारी ने मामले में अब तक हीलाहवाली करके कोई कार्रवाई नहीं की, उसे केस की विवेचना कैसे दी जा सकती है। हाईकोर्ट ने सरकारी वकील के मार्फत डीजीपी से एक तेज तर्रार विवेचनाधिकारी का नाम मांगा है ताकि अतीक अहमद व उनके समर्थकों द्वारा शियाट्स नैनी में घुसकर तोड़फोड़ व मारपीट की घटना की जांच सही तरीके से करायी जा सके।

कोर्ट नाराज

-यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डीबी भोसले तथा न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खण्डपीठ ने शियाट्स के प्रॉक्टर रामकिशन सिंह की सुरक्षा की मांग में दाखिल याचिका पर दिया है।

-पूर्व सांसद अतीक अहमद पर 50 समर्थकों के साथ शियाट्स परिसर में घुसकर तोड़फोड़, लूट व मारपीट का आरोप है, जिसकी प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है।

-मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया और शेष को इसलिए गिरफ्तार नहीं किया कि अपराध की धारा 7 साल से कम की सजा वाली है।

-हाईकोर्ट ने परिसर में जबरन घुसने को गंभीर माना और पूछा कि आरोपियों की गिरफ्तारी क्यों नहीं की?

-कोर्ट के दबाव के बाद अतीक अहमद स्वयं थाने पहुंचे और उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया।

-अतीक अहमद नैनी जेल में है। कोर्ट ने ब्यौरे के साथ केस हिस्ट्री मांगी है। मामले की सुनवाई 15 फरवरी को होगी।

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