अपने अपहरण की साजिश रचने वाला संजीव भेजा गया जेल, पत्नी भी साथ

Update: 2017-08-01 15:24 GMT

फिरोजाबाद: शहर के चर्चित कारोबारी संजीव गुप्ता ने अपने अपहरण का नाटक रच कश्मीर में मौज मस्ती की, और जब उसे लगा कि अब वो पुलिस के हाथों कभी भी धरा जा सकता है। तो अपने को एसटीएफ के हवाले कर दिया। इसके बाद उसे फिरोजाबाद लाया गया, और मंगलवार को उसे पत्नी सारिका व चार अन्य के साथ जेल भेज दिया गया।

ये भी देखें:100 Cr. फिरौती का केस निकला फर्जी, कारोबारी श्रीनगर में कर रहा था मौज मस्ती

जैसा की आपको पता है, कि यूपी के फिरोजाबाद के कारोबारी संजीव गुप्ता का अपहरण फर्जी था, और उसने स्वयं अपने अपहरण का नाटक रच अपने विरोधियों को फसाने का जाल बुना था। अब इस जाल में गुप्ता और उसके अपने ही फंस गए हैं। मंगलवार को पुलिस ने संजीव उसकी पत्नी सारिका सहित उसके साले और भतीजे समेत चार लोगों को अपहरण के झूठे मामले की साजिश रचने के जुर्म में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पुलिस के मुताबिक संजीव ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर अपहरण की कहानी रची थी, और अपने ही मोबाइल से 100 करोड़ की फिरौती की मांग भी की थी।

ये भी देखें:उद्योगपति संजीव के किडनैपर्स ने मांगी 100 करोड़ की फिरौती, दहशत में परिवार

इस घटनाक्रम पर तो हिंदी मसाला फिल्म बन सकती है!

22 जुलाई की शाम संजीव गुप्ता अचानक गायब हो जाता है, और 23 जुलाई को उसकी पत्नी सारिका गुप्ता के मोबाइल पर एक व्हाट्स एप्प संदेश आता है। जिसमें 100 करोड़ की फिरौती मांगी जाती है। इसके बाद जिले से लेकर सूबे के तक के पुलिस अफसर सकते में आ जाते हैं। संजीव की पत्नी थाने जाकर एक महिला नीता पांडे के नाम अपहरण का मामला दर्ज करा देती है।

मामला एक बड़े कारोबारी से जुड़ा होता है, तो पुलिस भी जल्द हरकत में आ जाती है। पुलिस की 6 टीमें संजीव की तलाश में दिन रात एक कर देती हैं। उसके फोन को सर्विलांस पर लिया जाता है। तब पता चलता है, कि उसकी लोकेशन लगातार बदल रही है, और अंतिम लोकेशन मिलती है कश्मीर की। इसके बाद पुलिस के कान खड़े हो जाते हैं।

अपहरणकर्ताओं की गतिविधियों पर नजर रखने वाले ये तो समझ जाते हैं, कि मामले में बड़ा झोल हैं। क्योंकि कोई किसी का अपहरण कर इतनी दूर क्यों जाएगा। इसके बाद संजीव पानीपत के स्वर्ण महल होटल से बरामद कर लिए जाते हैं। तब पता चलता है, कि जनाब ने खुद ही अपने विरोधियों को निपटाने के लिए अपने अपहरण की साजिश रची।

28 जुलाई को फिरोजाबाद पुलिस ने संजीव को उसके परिवार को सौंप दिया। जबकि वो स्वयं ये कहती रही कि मामला फर्जी है। फिर क्या था, पुलिस पर सवाल उठने लगे। अब पुलिस को अपनी साख बचानी थी। तो आज (1 अगस्त) को एसएसपी ने संजीव गुप्ता उसकी पत्नी सारिका गुप्ता, सारिका के भाई सागर व संजीव के भतीजे विकल्प को अपहरण की झूठी कहानी रचने, पुलिस को गुमराह करने ओर लोगों के करोड़ों रूपए हड़पने के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

मंगलवार को संजीव ने कहा, कि मुझे मीडिया ने सूदखोर के रूप में चर्चित किया, मेरे ऊपर किसी का कर्ज नहीं है। वहीँ उसकी पत्नी का कहना है, कि हम बेगुनाह हैं। हम लोगों पर फर्जी आरोप लगाए जा रहे हैं। हमें कुछ नहीं मालूम, हमें किस आधार पर जेल ले जाया जा रहा है, हम किसी के कर्जदार नहीं है। अगर किसी के कर्जदार हैं, तो वो हमारे सामने आये। वहीँ अपहरण के बारे में बात करने पर दोनों चुप्पी साध लेते हैं।

क्या कहते हैं, पुलिस अधीक्षक फिरोजाबाद

पुलिस अधीक्षक फिरोजाबाद अजय कुमार पाण्डेय ने बताया कि 22 जुलाई को ये मामला उठा था, कि संजीव गुप्ता गायब हो गए है। फिर उनकी पत्नी के द्वारा अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया गया था। पुलिस द्वारा कड़ी मेहनत करके स्वर्ण महल होटल पानीपत से संजीव को बरामद किया गया था। उस समय जितनी विवेचना हो सकी उससे ये घटना फर्जी लग रही थी। आज हमने इतने सबूत एकत्र कर लिए हैं, की आज हम ये कह सकते हैं कि ये घटना फर्जी थी और पूरे परिवार का ड्रामा था। जिससे सौ करोड़ की फीरौती का प्रचार प्रसार करके जितने भी कर्ज वापस मांगने वाले लोग हैं उनको गुमराह किया जा सके।

Tags:    

Similar News