Lucknow Terrorist: कानपुर से खरीदी थी पिस्टल, आतंकियों ने ATS की पूछताछ में किया बड़ा खुलासा
लखनऊ में पकड़े गए आतंकी संगठन अलकायदा के आतंकियों ने एटीएस की पूछताछ में खुलासा किया है कि कानपुर के चमनगंज इलाके से पिस्टल खरीदी थी।
Lucknow Terrorist: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एटीएस ने रविवार को लखनऊ के ठाकुरगंज थाना क्षेत्र के दुबग्गा इलाके से अलकायदा के दो आतंकी मिनहाज अहमद और मसीरुद्दीन उर्फ मुशीर को गिरफ्तार किया था। उनके ठिकाने से कुकर बम, विस्फोटक, आईईडी और एक पिस्टल बरामद हुई थी। पकड़े गए आतंकी संगठन अलकायदा के आतंकियों ने एटीएस की पूछताछ में खुलासा किया है कि कानपुर के चमनगंज इलाके से पिस्टल खरीदी थी। आशंका है कि चमनगंज के हिस्ट्रीशीटर ने पिस्टल मुहैया कराई थी।
सूत्रों से मिली खबर के अनुसार, पिस्टल बेचने वाले और बिचौलिए दोनों को एटीएस ने हिरासत में ले लिया है। पूछताछ जारी है। जल्द इनकी गिरफ्तारी संभव है। आशंका ये भी है कि बरामद अन्य असलहा व बारूद भी कानपुर से ही सप्लाई किया गया है। इसकी तफ्तीश जारी है। सूत्रों के मुताबिक आतंकियों ने पूछताछ में बताया कि बरामद पिस्टल उन्होंने चमनगंज से एक शख्स से खरीदी थी। इसके लिए एक मुश्त रकम असलहा बेचने वाले को दिए थे। खरीदारी खुद आतंकियों ने कानपुर जाकर की थी। सौदा कराने वाले का भी नाम आतंकियों ने बताया है।
14 दिन की कस्टडी रिमांड पर दोनों आतंकी
उत्तर प्रदेश की एटीएस टीम ने एक हिस्ट्रीशीटर को पकड़ा है, आशंका है कि पिस्टल इसी हिस्ट्रीशीटर ने आतंकियों को दी थी। अब जांच में पता चलेगा कि हिस्ट्रीशीटर ने खुद पिस्टल बेची थी या किसी दूसरे से दिलाई थी। आतंकियों को लखनऊ में एटीएस ने कोर्ट में पेश किया। दोनों आतंकियों को एटीएस ने 14 दिन की कस्टडी रिमांड पर लिया है। पूछताछ के दौरान आतंकियों को कानपुर भी लेकर एटीएस आ सकती है।
चमनगंज में असलहा तस्करों का एक बड़ा गिरोह
सूत्रों के मुताबिक जहां से असलहा और पिस्टल खरीदी है बेचने वाले से इनका आमना-सामना कराया जाएगा। जिन जिन लोगों का आतंकी नाम लेंगे और जिन लोगों के बारे में सीडीआर आदि से जानकारी मिलेगी उन सभी की भूमिका की जांची जाएगी। साक्ष्य जिनके खिलाफ मिलेंगे उन पर कार्रवाई होगी। बता दें कि चमनगंज में असलहा तस्करों का एक बड़ा गिरोह रहता है। वर्तमान में गिरोह का प्रमुख सदस्य जेल में बंद है। उसके गुर्गे पूरा काम संभाल रहे हैं। इस शख्स के चाचा व अन्य परिजन शातिर अपराधी रहे हैं। शहर में असलहों का बड़ा काम है। सुपारी किलर अक्सर इसी गिरोह से असलहा खरीदते हैं।
कानपुर में स्लीपर सेल सक्रिय
आतंकियों ने इस बार लखनऊ को बड़ा ठिकाना बनाया था। खासकर विस्फोटक इकट्ठा करने, आईईडी बनाने व साजिश रचने का ठिकाना लखनऊ में बनाया। मगर कानपुर में उनके स्लीपर सेल सक्रिय रहे। यहां से तमाम जानकारियां व फंडिंग उनको की जा रही थी। पहले लखनऊ और फिर कानपुर को निशाना बनाना आतंकियों की साजिश थी। हालांकि जांच एजेंसी ने इनके मंसूबों को नाकाम कर दिया।
उनका मकसद शहरों में छोटे-छोटे गिरोह तैयार करना
एटीएस की जांच में खुलासा हुआ है कि पकड़े गए आतंकी कानपुर में रेकी करने आए थे। करीब एक महीने तक यहां नई सड़क के पास होटल में ठहरे थे। इसी दौरान घूमते वक्त उनकी मुलाकात बिल्डर व अन्य लोगों से हुई। बातचीत हुई तो आतंकियों की तरफ उनका झुकाव होने लगा। धीरे-धीरे वह भी आतंकियों के साथ शामिल हो गए। इसी तरह गिरोह तैयार करते जा रहे थे। उनका मकसद शहरों में छोटे-छोटे गिरोह तैयार करना था। गिरोह आपस में संपर्क में नहीं होंगे। सीधे आतंकी इन ग्रुपों को हैंडल करेंगे।
शहर में बढ़ाई गई सुरक्षा, अहम स्थानों के मैप हुए बरामद
सूत्रों से पता चला था कि आतंकियों के पास शहर के रक्षा प्रतिष्ठानों, रेलवे स्टेशन समेत अन्य कई अहम स्थानों के मैप बरामद हुए हैं। आशंका जताई जा रही है कि आतंकी इन स्थानों पर हमला करने वाले थे। मगर अब जब आतंकियों को पकड़ा जा चुका है तो इन प्रतिष्ठानों व स्थानों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सर्विलांस को भी सक्रिय कर दिया गया है।