Meerut Crime News: यूपी ईओडब्ल्यू मेरठ सेक्टर की ऐतिहासिक उपलब्धि, पहली बार दो वांछित आरोपियों को ब्रिटेन से प्रत्यर्पित किया
Meerut Crime News: यूपी ईओडब्ल्यू(आर्थिक अपराध शाखा) मेरठ सेक्टर द्वारा भगोड़े भारतीय दंपति वीर करण अवस्थी को ब्रिटेन से प्रत्यर्पित किया गया है।
Meerut Crime News: यूपी ईओडब्ल्यू(आर्थिक अपराध शाखा) मेरठ सेक्टर द्वारा भगोड़े भारतीय दंपति वीर करण अवस्थी को ब्रिटेन से प्रत्यर्पित किया गया। ईओडब्ल्यू(आर्थिक अपराध शाखा) कमांडर स्वप्निल ममगई ने न्यूजट्रैक को इसकी जानकारी देते हुए आज बताया कि यूपी ईओडब्ल्यू की यह ऐतिहासिक उपलब्धि है। क्योंकि इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है। उन्होंने बताया कि उक्त अभियुक्तों के विरूद्व विभिन्न राज्यों/थानों पर कई मुकदमें पंजीकृत होना प्रकाश में आया हैं, जिनके आधार पर उक्त फर्म के डायरेक्टरों द्वारा अन्य अभियोंगो के वादी/फर्म स्वामियों के साथ की गयी धोखाधड़ी की धनराशि सैकड़ों करोड़ रूपये होना परिलक्षित है।
स्वप्निल ममगई ने घटना के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि "यह सब सितंबर 2015 में शुरू हुआ जब बुलंदशहर स्थित एक ट्रेडिंग एजेंसी के मालिक लोकेंद्र चौधरी ने बुश फूड्स ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की, जिसके निदेशक अवस्थी थे। "बुश एण्ड फूडस सोनीपत, हरियाणा के तत्कालीन डायरेक्टर्स वीरकरण अवस्थी पुत्र विजय कुमार अवस्थी एव रितिका अवस्थी पत्नी वीरकरण अवस्थी निवासी सी-1/2 बसंत विहार दिल्ली द्वारा सौरभ एण्ड कम्पनी जनपद बुलन्दशहर से 1,76,41,439/-रूपये के धान का क्रय तो कर लिया ।
पति-पत्नी दोंनो विदेश फरार हो गए थे
लेकिन उसका भुगतान नही किया। यही नही, पति-पत्नी दोंनो बिना भुगतान किये विदेश फरार हो गये। इस संबंध में मुअसं 775/15 धारा-420/467/468/471/406/506 भादवि , थाना-कोतवाली देहात , जिला बुलन्दशहर पर पंजीकृत हुआ था, जिसकी विवेचना उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ के आदेश पर ईओडब्लू सेक्टर मेरठ द्वारा की जा रही है।
लोकेंद्र चौधरी जिन्होंने 2015 में प्राथमिकी दर्ज की थी का कहना है कि "हम किसानों से खरीदे गए धान की आपूर्ति बुश फूड्स को करते थे, जिनकी सोनीपत में एक चावल मिल थी। यह सौदा लगभग 3 करोड़ रुपये का था, जिसके बदले हमें कंपनी को आपूर्ति किए गए धान के लिए 1.24 करोड़ रुपये मिले। बाकी 1.76 करोड़ रुपये बार-बार याद दिलाने के बावजूद नहीं आए। इसके बाद हमने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।"
ईओडब्ल्यू(आर्थिक अपराध शाखा) कमांडर स्वप्निल ममगई के अनुसार विवेचना में अभियुक्तगण श्रीमती रितिका अवस्थी एवं उसके पति वीरकरन अवस्थी विदेश (लन्दन) में निवास करने की जानकारी होने पर इन दोंनोअभियुक्तों के विरूद् व भारत वापस लाने हेतु प्रत्यर्पण की कार्य वाही संगठन स्तर से राज्य सरकार एवं राज्य सरकार स्तर से गृह मंत्रालय भारत सरकार के माध्यम से भारत लाने की कार्य वाही प्रचलित है।
प्रत्यर्पण के प्रत्यावेदन पर वेस्ट मिनिस्टर कोर्ट लंदन में सुनवाई प्रचलित थी
अभियुक्तगण रितिका अवस्थी पत्नी वीरकरण अवस्थी तत्कालीन डायरेक्टर एव वीर करण अवस्थी पुत्र विजय कुमार अवस्थी तत्कालीन डायरेक्टर उपरोक्त फर्म को लन्दन से भारत प्रत्यर्पण के प्रत्यावेदन पर वेस्ट मिनिस्टर कोर्ट लंदन में सुनवाई प्रचलित थी। वेस्ट मिनिस्टर कोर्ट लंदन में विभिन्न तिथियों पर प्रत्यर्पण के प्रत्येक बिन्दुओं पर सुनवाई की गयी तथा आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन स्तर से प्रभावी पैरवी कर प्रस्तुत किये गये दस्तावेजों/आख्या से सहमत होकर माननीय न्यायालय वरिष्ठ जिला जज वेस्टमिन्सटर कोर्ट लन्दन के द्वारा लम्बी सुनवाई के उपरान्त बीती 15 दिसम्बर को अभियुक्तगण वीरकरण अवस्थी एवं रितिका अवस्थी के भारत प्रत्यर्पण किये जाने के आदेश पारित कर दिये गये हैं।
आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (Economic Crime Research Organization) मेरठ सेक्टर द्वारा की जा रही अभियोंगो की विवेचना के अतिरिक्त उक्त अभियुक्तों के विरूद्व विभिन्न राज्यों/थानों पर कई मुकदमें पंजीकृत होना प्रकाश में आया हैं, जिनके आधार पर उक्त फर्म के डायरेक्टरों द्वारा अन्य अभियोंगो के वादी/फर्म स्वामियों के साथ की गयी धोखाधड़ी की धनराशि सैकड़ों करोड़ रुपये होना परिलक्षित है।
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