Meerut Crime News: तीन तलाक के मामलों में मेरठ अव्वल, पुलिस के हत्थे चढ़ा आरोपी
Meerut Crime News: मेरठ के थाना लिसाड़ी गेट के ऊंचा सददीक नगर मनिहारों वाली गली निवासी आसकीन पुत्र मोबीन का विवाह कुछ वर्ष पूर्व आफिया उर्फ रेशमा पुत्री मौहम्मद गुलजार निवासी चुंगी वाली गली रसीद नगर थाना लिसाडी गेट के साथ हुआ था।
Meerut Crime News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradseh Today News) के मेरठ (Meerut) जनपद की थाना लिसाड़ी गेट पुलिस (Police) ने पत्नी को तीन तलाक देने के मामले के आरोपित व्यक्ति को मंगलवार को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
मेरठ के थाना लिसाड़ी गेट के ऊंचा सददीक नगर मनिहारों वाली गली निवासी आसकीन पुत्र मोबीन का विवाह कुछ वर्ष पूर्व आफिया उर्फ रेशमा पुत्री मौहम्मद गुलजार निवासी चुंगी वाली गली रसीद नगर थाना लिसाडी गेट के साथ हुआ था। विवाह के कुछ ही दिनों बाद पति पत्नी में अनबन रहने लगी। आरोप है कि आफिया का पति उसे दहेज के लिए प्रताड़ित करता था। १४ सितंबर को उसने आफिया उर्फ रेशमा को तीन तलाक कहकर संबध विच्छेद कर दिया।
Meerut ki taja khabar - पीड़िता ने इसी दिन थाना लिसाड़ी गेट में मुकदमा दर्ज कराया था। थाना पुलिस ने आज आरोपित आसकीन को हापुड अडडे से उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह बस में बैठकर कहीं भागने की फिराक में था। आरोपित को पकड़कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
पुलिस अधीक्षक नगर विनीत भटनागर ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त आसकीन के खिलाफ उसकी पत्नी द्वारा १४ सितम्बर को धारा 498A/323/504/506 भादवि व 3/4 द0प्र0अधिनियम व 3/4 मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारो की सुरक्षा) अधिनियम 2019 पंजीकृत कराया गया था। मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही आसकीन फरार हो गया था।
बता दें कि मुस्लिम महिलाओं के अधिकार के लिए तीन तलाक के खिलाफ बनाए गए कानून के बाद भी तलाक के मामले कम नहीं हो रहे हैं। मेरठ प्रदेश में तीन तलाक मुकदमों के मामले में पहले नंबर पर चल रहा है। मेरठ की बात करें तो यहां पर दिसंबर 2019 में 162 और 2020 में 269 मामले हुए दर्ज हुए। जबकि इस साल २६० मुकदमेम अभी तक दर्ज हो चुके हैं। संसद में मुस्लिम महिला अधिनियिम 2019 पारित किया गया था। पिछले साल 30 जुलाई 2019 को राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद तीन तलाक कानून लागू किया गया था। इसके तहत पहली एफआईआर 2 अगस्त 2019 को मथुरा में दर्ज की गई थी।
कानून के तहत तीन बार एक साथ तलाक, तलाक, तलाक बोलना अपराध माना गया है। लिखित मेल, एसएमएस, व्हाट्सएप या किसी अन्य इलेक्ट्रोनिक चैट के माध्यम से तीन तलाक देना गैरकानूनी है। जो भी ऐसा करेगा, उसके खिलाफ तहरीर के आधार पर पुलिस को सीधे मुकदमा दर्ज करने का अधिकार है।
सजा और मेंटेनेंस का प्रावधान
इस कानून के तहत दर्ज मामलों में दोषी पाए जाने पर तीन साल तक की सजा का प्रावधान है। साथ ही पीडि़त अपने और आश्रित बच्चों के लिए पति से मेंटेनेंस लेने की भी हकदार है।