8 महीने पहले हुआ था दिव्यांग युवती से रेप, प्रेंग्नेट होने के बाद हुआ खुलासा
मेरठ: उसे किस्मत की मारी कहें या फिर फिर समाज की सताई हुई,यह तो नहीं जानते। लेकिन उसके साथ जिन लोगों ने हैवानियत दिखाई है, वह वाकई इंसानियत को भी शर्मसार करने वाली है। घिनौनेपन से भरी यह घटना मुजफ्फरनगर की है, जहां समाज को शर्मसार करने वाला एक मामला सामने आया है। एक मंदबुद्धि महिला जिसे अपनी भी सुध नहीं, उसे किसी अज्ञात दरिंदे ने अपनी हवस का शिकार बना लिया। जिसके बाद वह मंदबुद्धि महिला आठ महीने की गर्भवती हो गई है। लेकिन जिस समाज ने उसे शर्मसार किया, उसी समाज के कुछ लोग आज उसके साथ खड़े होने के लिए आगे आए हैं। इन लोगों को देखकर लगता है कि आज भी समाज में अच्छाई जिंदा है और कुछ दिनों में उसके जन्म लेने वाले बच्चे को गोद लेकर उसकी जिम्मेदारी भी उठाने के लिए कई लोग सामने आ रहे है।
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दरअसल मामला मुज़फ्फरनगर के शहर कोतवाली क्षेत्र के रामपुरम का है। जहां पिछले दो महीनो से इलाके में एक 35 वर्षीय अर्धविक्षिप्त महिला घूम रही थी। महिला को ना ही खाने पिने की सुध रहती है और ना ही कुछ बोलने की । ये महिला कौन है और कहां से आई है? इस संबंध में किसी को कोई जानकारी नहीं है। महिला को जिसने जो दे दिया, उसने खा लिया सड़क किनारे सोना और दिन भर घूमना यही इसकी जिंदगी है। लेकिन समय बीतने के साथ साथ इस महिला के शरीर में बदलाव होने लगा। तब इलाके के लोगों को ये सोचते देर नहीं लगी कि यह अभागी महिला किसी दरिंदे की दरिंदगी की शिकार हुई है। आपको बता दे की ये महिला आठ माह की गर्भवती है।
आगे की स्लाइड में जानिए किसने दी शरण इस गर्भवती मंदबुद्धि महिला को
लाचार और असहाय महिला को क्षेत्र के लोगों ने एक धर्मार्थ औषधालय में शरण दी हुई है। महिला ना अपना नाम जानती है और ना ही ये कि वो कहां की रहने वाली है? इस अभागी महिला को इतना भी मालूम नहीं कि आखिर ये किस के पाप की सजा भुगत रही है? मोहल्ले के लोग इस महिला के खाने-पीने का विशेष ध्यान रखते हैं। सवाल ये उठता है कि जो गर्भ इस अभागी मां के पेट में पल रहा है, आखिर उस बच्चे का पिता कौन है और क्या ये महिला कोख में पल रहे बच्चे को उसके दरिंदे पिता का नाम बता पाएगी। वहीं उसकी देखभाल में जुटी मंजू यादव का कहना है कि पहले तो सरकार को उस दरिंदे को ढूंढकर कड़ी सजा देनी चाहिए और उस बेचारी असहाय को न्याय दिलाना चाहिए।
मंजू यादव : फाइल फोटो
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सुबोध कुमार : फाइल फोटो
सबसे ज्यादा शर्मनाक तो यह है कि अभी तक इस महिला की सुध लेने ना ही जिला प्रशासन आया है और ना ही कोई समाजसेवी संस्था। अब इस हाल में इस बदनसीब महिला का सहारा बने वो लोग हैं, जो आज भी बिना किसी स्वार्थ के इस महिला की देखभाल में लगे हुए हैं। हालांकि जिला प्रमुख चिकित्सा अधिकारी सुबोध कुमार ने इस पीड़ित महिला को हर संभव सहायता देने की बात कही है। अब देखना ये होगा की क्या इस अभागी मां को कानूनी तौर पर न्याय मिल पाएगा? महिला की देखरेख में लगे आम नागरिक जितेंद्र का कहना है कि वे उस मंदबुद्धि महिला को हर संभव मदद मुहैया कराएंगे। लेकिन इसके साथ ही वह चाहते हैं कि उस दरिंदे को गिरफ्तार किया जाए।
जितेंद्र कुमार : फाइल फोटो