Mumbai Raj Kundra: राज कुंद्रा को अरेस्ट से पहले जांच में सहयोग करने को दी गई नोटिस तो मिटाने लगे थे सबूत

Mumbai RAj Kundra: राज कुंद्रा की याचिका पर शनिवार को हुई सुनवाई में वरिष्ठ सरकारी वकील अरुणा पई ने कहा कि राज कुंद्रा को पहले नोटिस देकर जांच में सहयोग करने को कहा गया तो वे व्हाट्सऐप चैट और सबूतों (Evidence) को मिटाने लगे।

Written By :  Network
Published By :  Durgesh Bahadur
Update:2021-08-01 00:05 IST

Raj Kundra Photo (Social Media)

Mumbai Raj Kundra: अश्लील फिल्में बनाने और कुछ ऐप के जरिए उन्हें प्रसारित करने के आरोप में गिरफ्तार हुए राज कुंद्रा (Raj Kundra) की याचिका पर शनिवार को बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombe High Court) में बहस हुई। वरिष्ठ सरकारी वकील अरुणा पई ने अदालत में पुलिस का पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि राज कुंद्रा को सीआरपीसी के 41A के तहत नोटिस दी गई, लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया। नोटिस में राज कुंद्रा से जांच में सहयोग करने को कहा गया तो वे व्हाट्सऐप चैट और सबूतों (Evidence) को मिटाने लगे।

बता दें कि कुंद्रा ने अपनी गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिस पर पिछले दिनों कुंद्रा के वकील आबाद पोंडा ने अपने मुवक्किल का पक्ष रखा था। इसके बाद शनिवार को सरकारी वकील अरुणा पई ने पुलिस की कार्रवाई का पक्ष रखा। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में तकनीकी खराबी के चलते पई अपनी बात नहीं रख पा रही थी, जिसके कारण कोर्ट ने मामले की सुनवाई सोमवार तक टाल दी है और कहा है कि सोमवार को अदालत में फिजिकल सुनवाई की जाएगी।

वहीं, सरकारी वकील अरुणा पई ने कोर्ट को बताया कि 5 फरवरी 2021 को मुंबई के मालवानी पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज किया गया और फिर इसे क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया। इसके बाद 9 आरोपियों के खिलाफ 3 अप्रैल को चार्जशीट पेश की गई। उन्होंने आगे कहा कि राज कुंद्रा और आईटी हेड रेयान थोर्पे दोनों आरोपी गंभीर अपराध में शामिल थे। दोनों आरोपी वीडियो बनाकर हॉटशॉट्स ऐप (Hotshots App) और बॉलीफेम ऐप स्ट्रीमिंग के लिए अपलोड कर देते थे। इन दोनों ऐप से 51 पोर्नोग्राफी मूवी जब्त की जा चुकी हैं।

इसके साथ ही सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि, दोनों के पर्सनल लैपटॉप और सैन डिवाइस जब्त की जा चुकी हैं। 19 जुलाई को राज और रेयान के सामने उनके ऑफिस की तलाशी ली गई। हमें हॉटशॉट्स ऐप पर कुंद्रा के बहनोई प्रदीप बक्शी को भेजी गई एक मेल मिली।

बक्शी यूके में केनरिन प्राइवेट लिमिटेड का मालिक है। राज कुंद्रा को सीआरपीसी के 41A के तहत नोटिस दी गई, लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया। नोटिस में राज से जांच में सहयोग करने को कहा गया तो वे व्हाट्सऐप चैट और सबूतों को मिटाने लगे। अरुणा पई ने आगे कहा कि, जब कोई आरोपी सबूतों को मिटाने लगे तो जांच एजेंसियां मूकदर्शक बनी नहीं रह सकतीं, उन्हें आरोपी को रोकना होगा। सबूतों को नष्ट करने से रोकने के लिए राज कुंद्रा को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद पई की तरफ से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में तकनीकी समस्या आ गई। इसके बाद जस्टिस गडकरी ने मामले की सुनवाई को स्थगित कर दिया और कहा कि इस केस की अगली सुनवाई सोमवार को भौतिक रूप से की जाएगी।

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