NRHM घोटालाः पूर्व मंत्री अंटू, माता और पिता के खिलाफ NBW

Update: 2016-08-23 23:15 GMT

गाजियाबादः सीबीआई के विशेष जज पवन कुमार तिवारी ने 10 हजार करोड़ रुपए के एनआरएचएम घोटाले के आरोपी और मायावती सरकार में मंत्री रहे अनंत कुमार मिश्र उर्फ अंटू, उनके पिता दिनेश कुमार मिश्र और मां बिमला देवी के खिलाफ गैर जमानती वॉरंट (एनबीडब्ल्यू) जारी किया है। इससे अंटू और उनके घरवालों की मुश्किलें बढ़ने के आसार हैं।

क्या है मामला?

बता दें कि सीबीआई ने साल 2012 में अंटू और उनके घरवालों के खिलाफ घोटाले में मामला दर्ज किया था। अंटू पर स्वास्थ्य मंत्री रहते वक्त सीएमओ परिवार कल्याण के पद बांटने का आरोप है। सीबीआई ने उनके लखनऊ और कानपुर के घरों पर छापे भी मारे थे। साथ ही कई बार दिल्ली बुलाकर पूछताछ भी कर चुकी है। सीबीआई के दिल्ली स्थित मुख्यालय की एसटीएफ ब्रांच ने 21 जुलाई को चार्जशीट दाखिल की थी।

माया सरकार में ही स्वास्थ्य मंत्री रहे बाबू सिंह कुशवाहा की तरह अंटू मिश्र भी कद्दावर मंत्री गिने जाते थे। बीएसपी शासन में सीएमओ के अलावा एक पद सीएमओ परिवार कल्याण का बनाया गया था। ये पद एनआरएचएम घोटाले की परत खुलते ही खत्म कर दिया गया। आरोप है कि सीएमओ परिवार कल्याण पद पाने को अंटू मिश्र की विशेष कृपा मानी जाती थी।

अब क्यों जारी हुआ एनबीडब्ल्यू?

वरिष्ठ सरकारी वकील बीके सिंह ने बताया कि तीनों के खिलाफ 21 जुलाई को सीबीआई कोर्ट में चार्जशीट पेश की गई थी। उस दौरान जज के नहीं होने के कारण संज्ञान नहीं लिया जा सका था। अदालत ने अब चार्जशीट का संज्ञान लेने के साथ ही गैर जमानती वॉरंट जारी किया है। यूपी के एनआरएचएम घोटाले की सुनवाई के लिए गाजियाबाद सीबीआई कोर्ट विशेष रूप से नामित की गई है। सभी जिलों के मामलों की सुनवाई इसी कोर्ट में चल रही है।

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