सीएम साहेब ! सड़कों पर एंटी रोमियो स्क्वैड, लेकिन 98% रेपिस्ट पड़ोसी और रिश्तेदार
लखनऊ : बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में जनता से वादा किया था, कि सरकार के गठन के बाद वो सबसे पहले सूबे में लड़कियों के साथ होने वाली छेड़खानी को रोकने के लिए एंटी-रोमियो स्क्वैड का गठन करेगी। योगी आदित्यनाथ ने सीएम बनते ही पुलिस अधिकारियों को इस से सम्बंधित निर्देश दे दिए और ये स्क्वैड जमीन पर उतर आया। अब सूबे में रोज सड़कछाप रोमियो पकड़े जा रहे हैं, जिससे लड़कियां अपने को सुरक्षित महसूस कर रही हैं लेकीन विरोधी इसका भी विरोध कर रहे हैं।
यूपी पर नजर डालें तो, महिलाओं के संग अपराध के मामले में यूपी किसी भी अन्य राज्य से सबसे आगे नजर आता है। लेकिन जब बात बलात्कार की होती है ,तो मामला अलग होता नजर आने लगता है। लड़कियों के साथ उनके परिचित, रिश्तेदार या पड़ोसी ही इसमें सबसे अधिक आरोपी होते हैं। ये बात पूरे देश में लागू होती है, लेकिन इसमें यूपी की दशा सबसे अधिक खराब है।
ये बात हम किसी पूर्वाग्रह से ग्रस्त हो कर नहीं कर रहे बल्कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2015 में दर्ज बलात्कार के कुल मामलों में से 95 फीसदी में आरोपी पीड़िता के परिचित,रिश्तेदार या पड़ोसी ही थे। जबकि यूपी में बलात्कार के 98 फीसदी मामलों में आरोपी पीड़िता का पूर्व परिचित था। सूबे में वर्ष 2015 में दर्ज बलात्कार के कुल मामलों में 35 फीसदी आरोपी पीड़िता का पड़ोसी था।
एनसीआरबी के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2015 में देश भर में बलात्कार के कुल 34,651 मामले दर्ज हुए जिनमें से सिर्फ 1553 आरोपी अजनबी थे। वहीं 2015 में यूपी में बलात्कार के 3025 मामले दर्ज हुए इनमें से सिर्फ 62 आरोपी ही अजनबी थे।
2015 में बलात्कार के मामले दर्ज होने में यूपी चौथे नंबर पर रहा। किंतु शादी का झांसा देकर बलात्कार करने में यूपी पहले पायदान पर खड़ा नजर आता है। 2015 में 795 युवतियों ने विवाह का झांसा देकर बलात्कार की शिकायत दर्ज करायी थी।
यहाँ एक बात और भी गौर करने वाली है, वो ये कि हमारे सामाजिक तानेबाने में लड़कियों को चुप रहना सिखाया जाता है। ऐसे में बहुत से यौनाचार के मामले घर में ही दबा दिए जाते हैं। जिनकी शिकायत पुलिस से नहीं की जाती, यदि ये मामले भी दर्ज हों तो ये 34,651 की संख्या और अधिक हो जाएगी।