Virendra Thakur Murder Case: वीरेंद्र ठाकुर हत्याकांड में शूटरों के करीब पहुंची पुलिस, ठेकेदारी विवाद में हत्या की आशंका

Virendra Thakur Murder Case: लखनऊ में रेलवे ठेकेदार वीरेन्द्र ठाकुर उर्फ गोरख की हत्या में शामिल शूटरों का काफी ब्योरा पुलिस के हाथ लग गया है।

Report :  Shiva Sharma
Update: 2022-06-27 17:12 GMT

रेलवे ठेकेदार वीरेन्द्र ठाकुर उर्फ गोरख की हत्या का मामला: Photo - Social Media

Lucknow: लखनऊ में रेलवे ठेकेदार वीरेन्द्र ठाकुर उर्फ गोरख की हत्या (Railway contractor Virendra Thakur murder Case) में शामिल शूटरों का काफी ब्योरा पुलिस के हाथ लग गया है। सीसीटीवी फुटेज से मिले फोटो के आधार पर चार संदिग्धों की पहचान कर ली गई है। इसमें एक शूटर बिहार का गैंगस्टर है। एक की पहचान को लेकर संशय है। उस पर बिहार गई लखनऊ पुलिस और जानकारियां जुटा रही है। दो दिन से सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही पुलिस को 22 ऐसे फुटेज मिले हैं, जिसमें ये संदिग्ध दिखे हैं। इन फुटेज से ही यह पता चला कि ये बदमाश कहां चढ़े, कब उतरे और फिर दोबारा कब गाड़ी में बैठे। यह भी साफ हो गया है कि घटनास्थल से कितनी दूर से शूटर पैदल चले थे।

एडीसीपी और एसीपी की तीन टीमें शनिवार को घटना के बाद से लगातार आस पास सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रहे थे। 100 से ज्यादा फुटेज खंगालने के बाद पुलिस को 22 फुटेज मिली। इनमें कई फुटेज में बदमाशों का चेहरा काफी साफ दिखा है। फोरेंसिक विशेषज्ञों की मदद से भी इन फोटो को और ज्यादा साफ कराया जा रहा है। वहीं वीरेन्द्र की दूसरी पत्नी प्रियंका, बिटूटू और फिरदौस का भी कुछ पता नहीं चल सका है।

कॉल डिटेल से मिले संदिग्ध नंबर

पुलिस ने वीरेन्द्र के दोनों मोबाइल नम्बरों की कॉल डिटेल निकलवायी तो उसमें कई नम्बर संदिग्ध निकले थे। कुछ नम्बरों पर लगातार ज्यादा बात हो रही थी। इन नम्बरों की जब पुलिस ने पड़ताल शुरू की तो कई तथ्य हाथ लगते चले गये। पत्नी खुशबुन तारा से मिली कई जानकारियों से भी पुलिस को मदद मिली। इसी वजह से पुलिस की एक और टीम सोमवार सुबह बिहार रवाना कर दी गई।

जेल में बंद आरोपित से पूछताछ

वर्ष 2019 में लखनऊ जंक्शन (Lucknow Junction) के पास वीरेन्द्र पर फायरिंग की गई थी। उसके रीढ़ की हड्डी में गोली लगी थी, लेकिन वह बच गया था। इस हमले में चार लोग जेल गये थे। इनमें तीन लोग जमानत पर बाहर है जबकि एक जेल में है। इस आरोपित के पुलिस ने जेल में बयान लिये हैं। इस हमले का मुकदमा जीआरपी थाने में दर्ज हुआ था।

गार्ड नहीं मिले, घर वाले भी फरार

वीरेन्द्र ने शाहजहांपुर के जिन तीन गार्ड को अपनी सुरक्षा के लिये रखा था, वह भी काम नहीं आये थे। पता चला था कि गार्ड ने ही दरवाजा खोलकर वीरेन्द्र का कमरा बताया था। इधर, बदमाश वीरेन्द्र के कमरे में गये, उधर गार्ड फरार हो गये। पुलिस की टीम शाहजहांपुर गई तो वहां ताला बंद मिला। घर वाले भी फरार हो गये हैं। मोबाइल नम्बर बंद है। उनके कई रिश्तेदारों से पुलिस ने पूछताछ की, लेकिन कोई जानकारी नहीं दे सका।

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