कई सालों से बंद पड़े राइस मिल में बनाया जा रहा था नकली दूध, छापेमारी में तमंचा भी बरामद

यूपी के शाहजहांपुर में सोमवार (06 मार्च) रात पुलिस और एसडीएम ने छापेमारी कर सिंथेटिक दूध की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। ये फैक्ट्री पिछले काफी वक्त से बंद पङी राईस मिल मे चल रहा थी।

Update: 2017-03-07 07:09 GMT
कई सालों से बंद पड़े राइस मिल में चोरी छिपे बनाया जा रहा था नकली दूध, छापेमारी में बरामद

शाहजहांपुर: यूपी के शाहजहांपुर में सोमवार (06 मार्च) रात पुलिस और एसडीएम ने छापेमारी कर सिंथेटिक दूध की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। ये फैक्ट्री पिछले काफी वक्त से बंद पङी राईस मिल मे चल रहा थी। यहां से छापेमारी के दौरान पुलिस ने नकली दूध से भरे हुए तीन ड्रम नकली दूध बनाने के उपकरण और साथ ही एक तमंचा और कारतूस की एक पेटी बरामद की है। छापेमारी के दौरान फैक्ट्री से आठ सौ लीटर नकली दूध बरामद किया है। जिस वक्त पुलिस बंद पङे मिल के अंदर घुसी तो वहां पर काम कर रहे मजदूर मौके से फरार हो गए।

क्या है मामला ?

मामला कलान थाना क्षेत्र के मदनपुर गांव का है। इस गांव में पिछले काफी समय से एक राईस मिल बंद पङा थी। इसके बावजूद उस मिल मे मजदूरों का आना जाना बराबर लगा रहता था।

आसपास के लोग इस बात को समझ नहीं पा रहे थे। ऐसा इसलिए क्योंकि उस मिल मे जाने वाले मजदूर आसपास के लोगो से बात नही करते थे और न ही उस मिल का राज बताते थे।

एक दिन कुछ ग्रामीणों ने रात के वक्त मिल में झांक कर देखा तो वहां पर कुछ ड्रम मे सफेद चीज भरी जा रही थी। जिसके बाद ग्रामीणों को शक हुआ। धीरे-धीरे जब ये बात पुलिस और तहसीलदार कृष्ण मुरारी दीक्षित के कानों तक पहुंची तो उन्हे इस बात पर विश्वास नहीं हुआ और उन्होंने इस फैक्ट्री के राज के बारे मे पता लगाने को कहा। जिसके बाद पुख्ता जानकारी एसडीएम और पुलिस के पास पहुंच गई।

जिसके बाद 06 मार्च की रात एसडीएम और कलान पुलिस ने इस फैक्ट्री मे छापेमारी की। छापेमारी की भनक लगते ही फैक्ट्री मे काम करने वाले मजदूर दीवार फांदकर फरार हो गए। फिलहाल नकली दूध के नमूने जांच के लिए भेज दिए गए हैं और साथ ही उस फैक्ट्री मालिक और नकली दूध बनाने वाले लोगों के बारे मे पुलिस जानकारी जुटा रही है।

क्या कहते हैं है ग्रामीण और अधिकारी ?

ग्रामीणों के मुताबिक़, इस फैक्ट्री से रात के अंधेरे मे कई गाड़ियों को आते जाते देखा जाता था। जिसमें कुछ ट्रक के अलावा पिकअप गाड़ियां भी होती थीं। उन गाड़ियों मे ड्रम भरकर इधर से उधर किए जाते थे। छापेमारी के बाद अधिकारियों को आशंका है कि इस फैक्ट्री मे बनने वाला दूध यहां के अलावा आसपास के जिलों मे भी सप्लाई किया जाता था। अब पुलिस को पता लगाना है कि इस नकली दूध की सबसे ज्यादा खपत किस जिले मे होती थी। फिलहाल ये जांच के बाद ही साफ हो पाएगा।

क्या कहना है कलान के एसडीएम का ?

कलान के एसडीएम हरिशंकर यादव का कहना है कि फैक्ट्री से बरामद दूध के नमूने लिए गए हैं। इसकी प्रयोगशाला मे जांच कराई जाएगी। जांच के बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।

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