Shabnam Case: पुरुष जल्लाद ही देगा शबनम को फांसी! आयोग ने खारिज कीं दोनों मांगें
Shabnam Case: अर्जी में कहा गया था कि किसी पुरुष जल्लाद के हाथों महिला को फांसी देना उचित नहीं होगा।;
हत्याकांड की दोषी शबनम (File Photo)
Shabnam Case: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने रामपुर के बावनखेड़ी हत्याकांड की सीबीआई जांच कराने की मांग खारिज कर दी है। इस संबंध में एक आरटीआई कार्यकर्ता ने आयोग में अर्जी लगाई थी। अर्जी यह मांग भी गई थी कि शबनम को फांसी देने की स्थिति में महिला जल्लाद की व्यवस्था की जाए क्योंकि देश के इतिहास में पहली बार किसी महिला को फांसी के फंदे पर लटकाया जाएगा।
आरटीआई कार्यकर्ता ने दिए थे ये तर्क
पूरे देश में चर्चित हुआ था बावनखेड़ी कांड
अभी जारी नहीं हुआ है डेथ वारंट
शबनम को फांसी दी जानी चाहिए या नहीं?
सजा के बाद से बहस छिड़ गई कि शबनम को फांसी दी जानी चाहिए या नहीं। जेल में जन्म लेने वाले शबनम के 12 साल के बेटे ने एक बार फिर से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से अपनी मां को क्षमादान देने की अपील की है। जबकि पहले ही ये अपीलें खारिज हो चुकी हैं।
एक बड़ा तबका जहां अदालत के फैसले पर खुशी जता रहा है और कह रहा है कि हमारे न्यायिक तंत्र के लिए गर्व की बात है कि शबनम के संबंध में एक दृढ़ निर्णय लिया गया, जो एक बेटी और एक बहन होने के नाते, महिलाओं के लिए एक काला धब्बा साबित हुई है।