लखनऊ : यूपी पुलिस के मुखिया ओम प्रकाश सिंह पहली सर्जिकल स्ट्राइक में बुरी तरह फेल हो गए। मोरंग की ट्रकों से अवैध वसूली की शिकायत पर डीजीपी ने आईपीएस अफसरों मोहित गुप्ता और हिमांशु कुमार को निहालपुर थाना गिरवां भेजा था। बांदा पहुंचे दोनों आईपीएस अफसर हमीरपुर की स्वाट टीम को लेकर मौके पर पहुंचे तो ट्रकों से वसूली जारी थी। पुलिस के साथ प्राइवेट नवयुवक वसूली में जुटे हुए थे।
वसूली भी छोटी मोटी नहीं एक एक ट्रक 2000 से 2500 रूपए वसूले जा रहे थे। वसूली पकड़े जाने पर वसूली कर रहे पुलिस कर्मियों और प्राइवेट वसूली करने वालों ने दोनों अफसरों समेत टीम पर हमला बोल दिया। इस हमले में आईपीएस अफसर हिमांशु कुमार बुरी तरह से ज़ख़्मी हो गए हैं।
एसपी बांदा शालिनी ने बताया कि इस पूरे आपरेशन की उन को जानकारी नहीं थी डीजीपी के निर्देश पर एक टीम पहुँची थी। जिसने मौके से अवैध वसूली करते पुलिस कर्मियों और प्राइवेट लोगों को पकड़ लिया था जिस के बाद के घटनाक्रम में आईपीएस अफसर हिमांशु कुमार के गिर जाने की वजह से पैर में फ्रैक्चर हुआ और हाथ में चोटें आई हैं।
इस मामले में थानध्यक्ष गिरवाँ समेत दो पुलिस को कर्मियों को निलम्बित कर दिया गया है। और पुलिस कांस्टेबिल देवर्षि यादव समेत चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। हिमांशु कुमार और मोहित गुप्ता ने दो दिन पहले भी राजधानी लखनऊ में डीजीपी के निर्देश पर प्राइवेट गाडी से गुप् चुप तरीके से राजधानी पुलिस की असलियत परखी थी, और एक रिपोर्ट भी सौंपी है।
8 महीने बाद 2 जनवरी को बहाल हुए थे हिमांशु
2010 बैच के यूपी कैडर के आईपीएस अफसर हिमांशु कुमार को सोशल मीडिया के ज़रिये अपने सीनियर अफसरों के खिलाफ टिपण्णी करने के बाद निलम्बित कर दिया गया था। क़रीब 9 माह तक निलम्बित रहे हिमांशू कुमार को 2 जनवरी को बहाल किया गया है। और वह डीजी मुख्यालय से सम्बद्ध हैं। हिमांशु कुमार का पत्नी से विवाद चल रहा है, और मामला पारिवारिक न्यायलय में विचाराधीन है। पटना हाईकोर्ट से बेल रिजेक्ट होने के बाद यूपी सरकार ने इसी मामले की आड़ ले कर हिमांशू को निलंबित कर दिया था।