रांची: न नाम बदलूंगी, न योग छोडूंगी। मुझे किसी फतवे और डर नहीं है। मैं अपना काम कर रही हूं और कराती रहूंगी। यह हिम्मत है मुझमें। यह बातें हैं उस राफिया नाज की, जिसे लेकर आजकल कट्टरपंथियों के फतवे जारी हो रहे हैं। दूसरा समुदाय उसे अपना नाम बदलने की सलाह दे रहा है। इस बीच राफिया ने कहा है कि उसका लक्ष्य नेता बनना नहीं है बल्कि एक कुशल प्रोफेसर बनकर अनाथ बच्चों की मदद करना है। योग सिखाने के पीछे भी उसका लक्ष्य अनाथ बच्चों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने और मंच देने का है। वह खुद सवाल करती हैं कि योग क्या किसी धर्म विशेष की जागीर है या योग पर किसी व्यक्ति विशेष का अधिकार है या योग सिखाना या सीखना कोई पाप है?
यह भी पढ़ें: आईब्रो के फतवे पर गिरिराज सिंह बोले, ‘इसका भी हाल होगा तीन तलाक जैसा’
योग गुरु बाबा रामदेव के साथ तस्वीर वायरल होने के बाद सुर्खियों में आई रांची की महिला योग टीचर राफिया नाज की मुश्किलें काफी बढ़ गई। उसके विरुद्ध फतवा जारी किया गया। उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है। इस बीच राफिया ने कहा कि अब खतरा कम हो गया है। समाज के विभिन्न वर्गों का साथ मिलना शुरू हो गया है। विभिन्न संगठनों के लोग घर आकर योग सिखाने को प्रोत्साहित कर रहे हैं। किसी भी परिस्थिति में साथ खड़े होने का वादा कर रहे हैं। बुधवार की रात राफिया के घर पत्थरबाजी के बाद गुरुवार को उसके घर राजनीतिक व सामाजिक संगठनों के लोगों के आना-जाना लगा रहा। पत्थरबाजी के बाद उसके घर व आसपास के इलाकों में पुलिस गश्त बढ़ा दी गई है। असामाजिक तत्वों ने बुधवार देर रात उसके घर दो बार पत्थरबाजी की थी। इससे वह और उनका परिवार दहशत में आ गया था। मुख्यमंत्री ने संज्ञान लेकर सुरक्षा मुहैया कराई है।
रांची की रहने वाली हैं राफिया
राफिया रांची में डोरांडा की रहने वाली हैं और काफी समय से योग सिखाने का काम करती हैं। एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाली राफिया पर अब तरह-तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं। उसका कसूर इतना था कि उसने योग गुरू बाबा रामदेव के साथ योग का मंच शेयर किया था। इसके बाद से वह कट्टरपंथियों के निशाने पर हैं। इतना ही नहीं शुक्रवार को एक निजी चैनल पर प्रसारित एक कार्यक्रम के दौरान जब राफिया अपने घर से लाइव थी, तभी उसके घर पर पत्थरबाजी की गई और कुछ कट्टरपंथी उसके घर तक पहुंच गए। हालांकि इसके बाद उसकी सुरक्षा के मद्देनजर वहां पर दो पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया है।
राफिया ने अपने फेसबुक पोस्ट पर उन सभी लोगों का धन्यवाद अदा किया है, जिन्होंने उनका साथ दिया। उन्होंने लिखा है कि पुलिस ने उनकी सुरक्षा के लिए सुरक्षाकर्मी मुहैया करवाए हैं, इसके लिए पुलिस प्रशासन का धन्यवाद।
राफिया के घर पर हुई पत्थरबाजी की योग गुरू बाबा रामदेव ने तीखी निंदा की है। बाबा रामदेव ने कहा कि ईरान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और सऊदी अरब के कई मुसलमान योग का अभ्यास करते हैं। योग एक व्यायाम है, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। इसमें धर्म को बीच में नहीं लाना चाहिए।
राफिया के खिलाफ कट्टरपंथी
राफिया के खिलाफ कट्टरपंथी आग बबूला हैं और उसको डराया-धमकाया जा रहा है। वह योग सिखाने के साथ एम कॉम की भी पढ़ाई कर रही हैं। राफिया ने मीडिया के सामने यहां तक आरोप लगाया है कि उसको करीब तीन वर्षों से लगातार धमकियां मिल रही हैं। खबरों की मानें तो यह मामला बिहार राज्य के मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार के सामने भी उठाया गया है। राफिया का कहना है कि वह कल के वाकये से काफी डर गई हैं। हालांकि धमकियों के बावजूद उसका परिवार पूरी तरह से उसका साथ दे रहा है।
दोनों समुदायों से शिकायत
राफिया का यह भी कहना है कि उसे दोनों समुदायों से शिकायत है। उनके मुताबिक जहां एक समुदाय उनसे योग न सिखाने के लिए कह रहा है तो वहीं दूसरे समुदाय के लोग उसको नाम बदलने की सलाह दे रहे हैं ताकि उन्हें उससे योग सीखने में किसी को झिझक न हो। राफिया ने यह भी कहा है कि वह धमकियों से डरेंगी नहीं और आजीवन योग करती रहेंगी। मुस्लिम कट्टरपंथियों के निशाने पर आईं राफिया नाज का कहना है कि उन्हें पहली बार 21 जून 2015 को फेसबुक पर फैज उल्लाह नाम के शख्स ने धमकी दी। इसमें कहा गया कि तुम्हारा शुभचिंतक बोल रहा हूं...शर्म करो, तुम मुस्लिम लड़की हो, बिना हिजाब के स्टेज पर प्रोग्राम करती हो।
योग गुरु रामदेव के साथ तस्वीर वायरल होने के बाद सुर्खियों में आई रांची की महिला योग टीचर राफिया नाज की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उसके विरुद्ध कट्टरपंथियों ने फतवा जारी किया है। उसे जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है। इस बीच, राफिया ने कहा कि अब खतरा कम हो गया है। समाज के विभिन्न वर्गों का साथ मिलना शुरू हो गया है। विभिन्न संगठनों के लोग घर आकर योग सिखाने को प्रोत्साहित कर रहे हैं। किसी भी परिस्थिति में साथ खड़े होने का वादा कर रहे हैं। राफिया के घर पत्थरबाजी के बाद उसके घर राजनीतिक व सामाजिक संगठनों के लोगों के आना-जाना लगा रहा। पत्थरबाजी के बाद उसके घर व आसपास के इलाकों में पुलिस गश्त बढ़ा दी गई है।
असामाजिक तत्वों ने बुधवार देर रात उसके घर दो बार पत्थरबाजी की थी। इससे वह और उनका परिवार दहशत में आ गया था। राफिया के राजनीतिक दल से जुड़ने की चर्चा चल रही है। चर्चा है कि पार्टी से जुड़ने के आफर मिल रहे हैं। हालांकि, राफिया ने किसी भी राजनीतिक दल से जुड़ने या राजनीति में जाने से इन्कार किया है। कहा है कि उसकी इतनी उम्र भी नहीं कि वह किसी संवैधानिक पद के लिए चुनाव लड़ सके। उनकी उम्र फिलहाल 20 वर्ष है।