स्किल डेवलपमेंट के लिए डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्सेस शुरू कर सकता है AKTU

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक (AKTU) विवि के आईईटी स्थित अतिथि के कमेटी हाल में यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक की अध्यक्षता में कार्य परिषद की 29वीं बैठक आयोजित की गई।

Update: 2017-04-10 15:30 GMT

लखनऊ: डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक (AKTU) विवि के आईईटी स्थित अतिथि के कमेटी हाल में यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक की अध्यक्षता में कार्य परिषद की 29वीं बैठक आयोजित की गई।

बैठक के दौरान समिति द्वारा लिए गए निर्णय:

एकेटीयू तकनीकी शिक्षा क्षेत्र में स्किल्स डेवलपमेंट के लिए सर्टिफिकेशन और डिप्लोमा स्तर के कोर्सेज चलाने पर विचार करेगा। इसके प्रभावी फ्रेमवर्क के लिए कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक के समन्वयन में एक समिति के गठन पर सहमति बनी। ये समिति स्किल डेवलपमेंट के लिए प्रभावी करिकुलम पर विचार करेगी।

कार्य परिषद् में उपस्थित सदस्यों ने स्किल डेवलपमेंट पर नए दृष्टिकोण के साथ सदैव अनूठी पहल को पाठ्यक्रमों में शामिल करने पर जोर दिया गया है। ताकि पाठ्यक्रम में ही स्किल डेवेलपमेंट के आधारभूत तत्वों का समावेश हो सके। बैठक में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्तापरक शिक्षकों की उपलब्धता के लिए 'मास्टर्स इन इंजीनियरिंग एजुकेशन’ का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया।

स्टार्ट-अप सेंटर्स खोलने का लिया निर्णय

इस बैठक में लखनऊ विश्वविद्यालय और नोएडा में स्टार्ट-अप सेंटर्स खोलने का निर्णय लिया गया। इसके लिए 50 लाख रुपए की धनराशि प्रति सेंटर को आवंटित करने का अनुमोदन किया गया। स्टार्ट-अप सेंटर्स के अंतर्गत इनोवेशन और इन्क्युबेशन सेंटर्स स्थापित किए जाएंगे। साथ ही स्थापित इनोवेशन और एन्क्युबेशन सेंटर्स की कार्य प्रणाली को तेज करने के लिए एक्सीलेटर सेंटर्स की भी संरचना तैयार की जाएगी।

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प्रवेश परीक्षा के धन का उपयोग विभिन्न मदों में

उत्तर प्रदेश राज्य प्रवेश परीक्षा (UPSEE) के धन का उपयोग अब विवि के घटक, सरकारी सहायता प्राप्त, एसोसिएटेड और संबद्ध संस्थानों के विकास और आय-व्यय के लिए हो सकेगा। साथ ही विवि नए संस्थान खोलने के लिए भी इसका उपयोग कर सकेगा।

पाठ्यक्रम फीस की सीमा को बढ़ाया

छात्र-कल्याण निधि के अंतर्गत विवि के संबद्ध संस्थानों में अध्ययन कर रहे विद्यार्थी के परिवार में कमाऊ सदस्य (पिता/माता) की मृत्यु हो जाने की दशा में दी जाने वाली आर्थिक सहायता बतौर पाठ्यक्रम फीस की सीमा को 46 हजार से बढ़ाकर 55 हजार कर दिया गया है। साथ ही समिति ने यह भी निर्णय लिया कि यदि फीस विवि द्वारा दी जाने वाली आर्थिक सहायता से अधिक होती है तो उसका वहन संबन्धित संस्थान करेगा। वहीं विवि ई-शोध सिन्धु से प्लेटफोर्म से जुड़ेगा, इस पर भी समिति ने सहमति से अनुमोदन प्रदान किया।

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अब PAN और आधार नंबर अनिवार्य

इस बार एफ़िलिएशन (संबद्धता) में शिक्षकों के PAN नंबर के साथ ही आधार नंबर को भी अनिवार्य कर दिया गया है। विवि सम्बद्धता के लिए विगत वर्ष से ही ऑनलाइन आवेदन प्राप्त कर रहा है। पिछले वर्ष संबद्धता के लिए आवेदन करने में शिक्षकों का PAN नंबर आवश्यक था। इस बार PAN और आधार दोनों नंबरों को अनिवार्य कर दिया गया है।

-गुणवत्ता में सुधार के लिए इस बार 50 संस्थानों का निरीक्षण भी विवि द्वारा किया जाएगा।

-विवि में की जाने वाली समूह ‘ग’ और ‘घ’ की भर्तियों में अब सिर्फ लिखित परीक्षा होगी और इंटरव्यू नहीं होगा।

-यह फैसला केंद्र सरकार के आदेशों के क्रम में लिया गया है।

-विवि के घटक संस्थान आईईटी, लखनऊ में कार्यरत शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को सेवा शर्तों में विकल्प चुनने का अवसर प्रदान किया जाएगा।

बैठक में ये थे शामिल

बैठक में विवि के प्रतिकुलपति प्रो. वीके सिंह, कुलसचिव पवन कुमार गंगवार, विवि के वित्त अधिकारी भानु प्रकाश, आईआईटी, कानपुर के पूर्व निदेशक प्रो. एस.जी. धांडे, आईआईटी रुड़की के निदेशक ए.के. चतुर्वेदी, एआईसीटीई के नामिनी एवं बीआईटी, झांसी के पूर्व निदेशक प्रो. एसके अवस्थी, उत्तर प्रदेश सरकार के वित्त विभाग और प्राविधिक शिक्षा विभाग के प्रतिनिधि एवं अन्य सदस्य उपस्थित रहे।

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