CBSE Board 10th 12th Result: रिजल्ट आने से पहले डरे छात्र, इवैल्यूएशन पॉलिसी में बदलाव की मांग तेज

स्टूडेंट्स अपनी मांगों को लेकर change.org के माध्यम से पिट‍िशन भी साइन करवा रहे हैं। इसके अलावा कई हैशटैग (Hashtags) के जरिये सरकार तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिशों में जुटे हैं।

Written By :  aman
Update: 2022-06-15 11:06 GMT

 फाइल फोटो 

CBSE Board 10th-12th Result : केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) 10वीं की परीक्षाएं हो चुकी हैं। कल यानी 16 जून से 12वीं के टर्म 2 एग्जाम (12th Term- 2 Exam) भी खत्म होने वाले हैं। परीक्षा खत्म होते है स्टूडेंट्स को रिजल्ट का इंतजार है। साथ ही छात्रों को डर भी सता रहा है। डर इस बात को लेकर है कि टर्म एग्जाम के इवैल्यूएशन (Term Exam Evaluation) के लिए सीबीएसई बोर्ड (CBSE Board) कौन-सी पॉलिसी लागू करेगा।

बता दें कि, देश भर के तमाम हिस्सों से छात्र लगातार सोशल मीडिया (Social Media) के जरिये मांग कर रहे हैं, कि उनके अंकों का मूल्यांकन (Evaluation Of Marks) टर्म- 1 और टर्म 2 के 'बेस्ट ऑफ आइदर सब्जेक्ट्स' (Best Of Either Subjects) के फॉर्मूले से किया जाए। 

जानें छात्रों की क्या है मांग?  

इस तरह की मांग स्टूडेंट्स एक्टिविस्ट हिमांशु बोरा (Students Activist Himanshu Bora) ने सोशल मीडिया पर की है। हिमांशु विभिन्न माध्यमों से छात्रों ये मांग उठा रहे हैं कि उनका इवैल्यूएशन 'बेस्ट ऑफ आइदर टर्म्स' के हिसाब से होना चाहिए। हिमांशु बोरा इस बारे में कहते हैं, कि 'अब तक स्टूडेंट्स ने पांच सब्जेक्ट के करीब 10 बार एग्जाम दिए हैं। वहीं, टर्म- 1 और टर्म-2 दोनों दोनों ही अलग-अलग तरीके से हुए हैं। टर्म- 1 जहां ऑब्जेक्टिव बेस्ड (Objective Based) था। वहीं, टर्म-2 सब्जेक्ट‍िव (Subjective) था। हिमांशु कहते हैं, अब छात्रों को वेटेज में वो मार्क्स दिए जाएं जो किसी एक टर्म में ज्यादा हो।'

ताकि एग्जाम खराब भी गया तो दूसरा कवर करे 

हिमांशु बोरा उदाहरण के जरिये अपनी बात को समझाते हैं। उन्होंने कहा, 'मान लें कि इंग्लिश में टर्म- 1 में 35 मार्क्स आए हैं और टर्म- 2 में 20 आए हैं। तो परसेंटेज में वेटेज के लिए टर्म- 1 का बेस‍िज लिया जाए। इसी तरह, उदाहरण के लिए मान लीजिये साइंस में टर्म- 2 में ज्यादा है तो उसे लें।' हिमांशु बोरा आगे कहते हैं, कि अगर किसी बच्चे का एक एग्जाम खराब भी गया है तो दूसरे से उसका कवर किया जा सकेगा। इसलिए उसने जो दो एग्जाम दिए हैं, उसमें बेस्ट को कंसीडर करना चाहिए। उनका कहना है कि टर्म-1 और टर्म- 2 का रिजल्ट अलग-अलग बना रहे, लेकिन फाइनल में वेटेज सिस्टम होना चाहिए। 

'बेस्ट ऑफ आइदर सब्जेक्ट' दें 

हिमांशु कहते हैं अब अगर सीबीएसई बोर्ड पहले की तरह तय मानक के हिसाब से 70:30 का फार्मूला लागू करता है, तो ये बच्चों के साथ घोर अन्याय होगा। उनका कहना है कि इसके लिए 50:50 वेटेज देना भी ठीक रहेगा। वैसे, छात्रों का कहना है कि 'बेस्ट ऑफ आइदर सब्जेक्ट' (Best Of Either Subjects) दे।  

कोरोना काल में पढ़ाई हुई प्रभावित 

इसी मुद्दे पर गुजरात के छात्र मृत्युंजय का कहना है कि, 'हमें टर्म-1 में जहां करीब 8 महीने मिले, वहीं टर्म- 2 में चार महीने मिले। जिसमें प्री बोर्ड और प्रैक्टिकल आदि भी शामिल थे। वो कहते हैं कि सीबीएसई बोर्ड (CBSE Board) को ये भी समझना चाहिए कि कोरोना के दौरान बीते सालों में हमारी पढ़ाई प्रभावित हुई है। स्टूडेंट्स का ये भी तर्क है कि ऑनलाइन पढ़ाई (online study) से सभी छात्रों को उस तरह की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा (Quality Education) नहीं मिल पाई, जितनी क‍ि ऑफलाइन क्लासेस (Offline Classes) में मिलती है।'  

ऑनलाइन पिटिशन भी साइन करवा रहे

उल्लेखनीय है कि स्टूडेंट्स अपनी मांगों को लेकर change.org के माध्यम से पिट‍िशन भी साइन करवा रहे हैं। इसके अलावा कई हैशटैग (Hashtags) के जरिये सरकार तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिशों में जुटे हैं। ताकि, उनके साथ किसी भी तरह की नाइंसाफी न हो। फिलहाल सीबीएसई बोर्ड ने इस संबंध में कोई स्पष्ट पॉलिसी नहीं जारी की है।

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