महिलाओं की शिक्षा में सावित्री बाई फुले का योगदान अतुलनीय : पाठक

महिलाओं की शिक्षा के लिए खुद को समर्पित करने वाली सावित्री बाई फुले का जन्म दिवस माली-सैनी सेवा समाज के लोगों ने बुधवार को यहां परिवर्तन चौक पर धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर अपने विचार व्‍यक्‍त करते हुए प्रदेश के विधि एवं न्‍याय मंत्री ब्रजेश पाठक ने सावित्री

Update: 2018-01-03 14:08 GMT
महिलाओं की शिक्षा में सावित्री बाई फुले का योगदान अतुलनीय : पाठक

लखनऊ: महिलाओं की शिक्षा के लिए खुद को समर्पित करने वाली सावित्री बाई फुले का जन्म दिवस माली-सैनी सेवा समाज के लोगों ने बुधवार को यहां परिवर्तन चौक पर धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर अपने विचार व्‍यक्‍त करते हुए प्रदेश के विधि एवं न्‍याय मंत्री ब्रजेश पाठक ने सावित्री बाई फुले के जीवन से सीख लेने की बात कही और उनके अतुलनीय योगदान की चर्चा की।

पाठक ने कहा कि सावित्रीबाई पढ़ी-लिखी नहीं थीं। शादी के बाद ज्योतिबा फुले ने ही उन्हें पढ़ना-लिखना सिखाया। बाद में सावित्रीबाई ने ही दलित समाज की ही नहीं, बल्कि देश की प्रथम शिक्षिका होने का गौरव प्राप्त किया। सैनी समाज के अगुवा दिनेश सैनी उर्फ भोले की अगुवाई में सैकड़ों की संख्‍या में समाज के लोगों का जमवाड़ा लगा। इकट्ठा हुए लोगों को मां सावित्री बाई फुले की वीरता भरी जीवनी सुनाई गयी और उनसे सीख लेने की अपील की। दिनेश सैनी ने इस अवसर पर कहा कि सावित्रीबाई फुले जब विद्यालय में लड़कियों को पढ़ाने के लिए जाती थीं, तो उनका विरोध होता था लेकिन उन्‍होंने हार नहीं मानी।

कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्‍या में उपस्थित लोगों को भोजन कराया गया और और समाज मे उत्कृष्ट योगदान देने वाले लोगों को पुरूस्कृत भी किया गया।

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