अगर 12वीं में हैं 75% मार्क्स, तो ही मिलेगा 'NIT' में एडमिशन

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी (NIT) में नए सेशन में दाखिले की रेस में एडमिशन पाना मुश्किल होगा। इसी सत्र से एनआईटी में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स के 12वीं कक्षा में 75 पर्सेंट मॉर्क्स का नियम लागू होने जा रहा है। हालांकि सीबीएसई सहित देशभर के शिक्षा बोर्ड में मॉडरेशन मॉर्क्स खत्म होने से 75 मॉर्क्स तक लेने वाले छात्रों की संख्या अधिक हो जाएगी। इससे एक-एक सीट पर कई दावेदार होंगे।

Update:2017-05-07 12:54 IST

नई दिल्ली : नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी (NIT) में नए सेशन में दाखिले की रेस में एडमिशन पाना मुश्किल होगा। इसी सत्र से एनआईटी में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स के 12वीं कक्षा में 75 पर्सेंट मॉर्क्स का नियम लागू होने जा रहा है। हालांकि सीबीएसई सहित देशभर के शिक्षा बोर्ड में मॉडरेशन मॉर्क्स खत्म होने से 75 मॉर्क्स तक लेने वाले छात्रों की संख्या अधिक हो जाएगी। इससे एक-एक सीट पर कई दावेदार होंगे।

सीट छोड़ने पर जुर्माना

अधिकारियों के अनुसार, पहली बार आईआईटी की तर्ज पर ही एनआईटी में अब स्पेशल राउंड काउंसलिंग में अलॉट सीट छोड़ने पर जुर्माना भी लगेगा, जोकि छात्रों की जमा करवाई गई दाखिला फीस में से काटी जाएगी। एनआईटी में काउंसलिंग के लिए 4 राउंड आयोजित होंगे, जिसमें छात्र सीट छोड़ सकता है। हालांकि पांचवीं और छठीं स्पेशल राउंड काउंसलिंग होगी। इस दौरान वेटिंग लिस्ट के साथ-साथ पहली चार राउंड काउंसलिंग में सीट ले चुके छात्र भी दो बार काउंसलिंग के लिए आवेदन कर सकते हैं। लेकिन इस पांचवीं और छठें राउंड की स्पेशल काउंसलिंग में सीट छोड़ने पर जुर्माने का प्रावधान होगा।

आगे की स्लाइड्स में जानें किन छात्रों को मिलेगा लाभ

छात्र नहीं कर सकेंगे मनमानी

-जबकि इस बार छात्र दो स्पेशल राउंड काउंसलिंग होने के कारण सीट ब्लॉक करने की मनमानी नहीं कर सकेंगे।

-क्योंकि यदि एडमिशन लेने के बाद स्पेशल राउंड काउंसलिंग की सीट छोड़ते हैं तो एडमिशन फीस में से आधी राशि जुर्माने के रूप में काट ली जाएगी।

-वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, आईआईटी की तर्ज पर ही देशभर के 31 एनआईटी (कुल 18013 सीट) में भी बीटेक कोर्सेज में जेईई एग्जाम पास करने के बाद ही एडमिशन मिलता है, लेकिन 12वीं कक्षा के वेटेज में अंतर था।

-एनआईटी प्रबंधन भी आईआईटी की तर्ज पर 12वीं कक्षा में वेटेज चाहता था, इसीलिए 40 फीसदी से वेटेज बढ़ाते हुए उसे 75 मॉर्क्स (सामान्य वर्ग) तक कर दिया था।

-जबकि आरक्षित वर्ग के लिए 70 पर्सेंट मॉर्क्स आवश्यक होंगे।

इन छात्रों को मिलेगा लाभ

इससे उन छात्रों को नुकसान होगा, जोकि मनपसंद कोर्स या इंस्टीट्यूट में एडमिशन के लिए पहले सीट ब्लॉक कर लेते थे और बाद में सीट छोड़ देते थे। हालांकि अब छात्रों के पास सीट ब्लॉक करने का अधिकार नहीं होगा। इस योजना से सीट ब्लॉक करने वाले स्टडेंट्स को नुकसान होगा तो, वहीं उन छात्रों का लाभ मिलेगा, जो जेईई मेन में अच्छा स्कोर हासिल नहीं कर पाते थे और सीट ब्लॉक के चलते वेटिंग लिस्ट में सबसे निचले पायदान पर रहते थे। अब ऐसे छात्रों को एनआईटी में सीट मिलने की संभावना बढ़ जाएगी। बता दें कि पिछले साल एनआईटी में करीब 1518 सीट खाली रह गई थी।

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