नए वर्ष के शुरूआती दिन में ही बॉलीवुड ने खोया चमकता सितारा
गौरतलब है कि एक दिन पहले कादर खान के बीमार होने पर सोशल मीडिया पर अफवाह उड़ गई कि उनका निधन हो गया है। लेकिन, उनके बेटे ने इन अफवाहों पर लगाम लगाते हुए उनके अस्पताल में होने की बात कही थी।
मुंबई: आज नए वर्ष के शुरूआती दिन में ही बॉलीवुड ने अपना एक चमकता सितारा खो दिया। काफी दिनों से अस्वस्थ चल रहे अभिनेता कादर खान (81) ने आज कनाडा के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। बता दें कि 81 वर्षीय अभिनेता कादर खान को सांस लेने में तकलीफ का सामना करना पड़ रहा था जिस पर डॉक्टरों ने उन्हें रेगुलर वेंटीलेटर से हटाकर बाईपैप वेंटीलेटर पर रखा गया था।
गौरतलब है कि एक दिन पहले कादर खान के बीमार होने पर सोशल मीडिया पर अफवाह उड़ गई कि उनका निधन हो गया है। लेकिन, उनके बेटे ने इन अफवाहों पर लगाम लगाते हुए उनके अस्पताल में होने की बात कही थी।
काबुल में जन्में कादर खान ने 1973 में राजेश खन्ना की फिल्म 'दाग' के साथ फिल्मी दुनिया में पदार्पण किया था. खान ने 300 से अधिक फिल्मों में काम किया है। उन्होंने 250 से ज्यादा फिल्मों के लिए संवाद लिखे हैं। अभिनेता बनने से पहले वह रणधीर कपूर और जया बच्चन की फिल्म 'जवानी दीवानी' के लिए संवाद लिख चुके थे। पटकथा लेखक के तौर पर खान ने मनमोहन देसाई और प्रकाश मेहरा के साथ कई फिल्मों में काम किया. देसाई के साथ उन्होंने 'धर्म वीर', 'गंगा जमुना सरस्वती', 'कुली', 'देश प्रेम', 'सुहाग', 'परवरिश' और 'अमर अकबर एंथनी' जैसी फिल्में कीं और मेहरा के साथ उन्होंने 'ज्वालामुखी', 'शराबी', 'लावारिस', 'मुकद्दर का सिकंदर' जैसी फिल्मों में काम किया है।
कादर खान ने अपना करियर, राजेश खन्ना की फिल्म दाग के साथ शुरू किया था। इसके साथ वो 300 से ऊपर बॉलीवुड फिल्मों का हिस्सा थे। उन्हें अपने कई किरदारों के लिए बेहद पसंद किया गया था। गोविंदा और शक्ति कपूर या जॉनी लीवर के साथ उनकी तिकड़ी बहुत पसंद की जाती थी।
कादर खान ने कुछ समय के लिए पॉलिटिक्स में भी अपना हाथ आज़माने की कोशिश की थी। वो और अमिताभ बच्चन गहरे मित्र थे और अमिताभ बच्चन ने उन्हें पॉलिटिक्स से दूर रहने की सलाह दी थी।