अभिनेत्री नंदाः 10 साल की उम्र में संभाला परिवार का बोझ, इसलिए नहीं की थी शादी
हिंदी सिनेमा की ऐसी अदाकारा जो घर की जिम्मेदारियों को निभाते निभाते खुद का घर बसाना भूल गईं। हम बात करे रहे हैं मशहूर अभिनेत्री नंदा के बारे में।
मुंबई: हिंदी सिनेमा की ऐसी अदाकारा जो घर की जिम्मेदारियों को निभाते निभाते खुद का घर बसाना भूल गईं। हम बात करे रहे हैं मशहूर अभिनेत्री नंदा के बारे में। हिंदी सिनेमा में सबसे लोकप्रिय अभिनेत्रियों में से एक थी। अपने 30 साल से अधिक के करियर में नंदा ने छोटी बहन, धूल का फूल, भाभी, काला बाजार, कानून, हम डॉन, जब जो फूल खिले, गुन्नम जैसी फिल्मों में काम किया ।
5 साल की उम्र में फिल्मों में कदम रखा
नंदा का जन्म 8 जनवरी 1939 को हुआ था। 75 साल उम्र में 25 मार्च, 2014 को नंदा का निधन हो गया था। नंदा अपने दौर की बेहद खूबसूरत और बेहतरीन हीरोइन थीं। पांच साल की उम्र से ही नंदा ने फिल्मों में कदम रखा था। उनकी छवि 'छोटी बहन' की बन गई थी। उस दौरान वो लीड एक्टर की छोटी बहन का किरदार निभाया करती हैं।
बाल कटवाने पर नाज़ार हुईं नंदा
अभिनेत्री नंदा का फिल्मों में आने का सफ़र काफी दिलचस्प है। साल 1944, वो पांच साल की थीं। एक दिन जब वो स्कूल से लौटीं तो उनके पिता ने उन्हें एक शूट पर चलने को कहा। जिसके लिए उनके पिता ने बोला उन्हें बाल करवाने पड़ेंगे। नंदा के पिता विनायक दामोदर कर्नाटकी मराठी फिल्मों के सफल अभिनेता और निर्देशक थे। बाल काटने की बात सुनकर नंदा नाराज हो गईं।
जिसपर उन्होंने शूट पर जाने से मना कर दिया था। बड़ी मुश्किल से मां के समझाने पर वो शूटिंग पर जाने को राजी हुईं। वहां उनके बाल लड़कों की तरह छोटे-छोटे काट दिए गए। इस फिल्म का नाम था 'मंदिर'। इसके निर्देशक नंदा के पिता दामोदर ही थे। फिल्म पूरी होती इससे पहले ही नंदा के पिता का निधन हो गया। जिसके चलते घर की सारी जिम्मेदारी नंदा के छोटे कंधों पर आ गई । मजबूरी में उन्होंने फिल्मों में अभिनय करने का फैसला लिया।
अभिनय दर्शकों को बहुत पसंद आया
1959 में नंदा ने फिल्म 'छोटी बहन' में राजेंद्र कुमार की अंधी बहन का किरदार निभाया था। उनका अभिनय दर्शकों को बहुत पसंद आया। इसी साल राजेंद्र कुमार के साथ उनकी फिल्म 'धूल का फूल' सुपरहिट रही। इस फिल्म ने नंदा को बुलंदियों पर पहुंचा दिया।
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इनसे हुआ प्यार
डायरेक्टर मनमोहन देसाई से मोहब्बत करती थीं। देसाई भी उन्हें चाहते थे। लेकिन बेहद शर्मीली नंदा ने मनमोहन को कभी अपने प्यार का इजहार करने का मौका ही नहीं दिया और उन्होंने शादी कर ली।इस बात से परेशान नंदा से उन्हें बुलाने की कोशिश की। उधर मनमोहन भी अपनी शादीशुदा जिंदगी में व्यस्त हो गए।
कुछ समय बाद ही उनकी पत्नी का निधन हो गया। जिसके बाद मनमोहन ने फिर से नंदा के लिए प्यार जागा । नंदा ने उसे कबूल कर लिया। उस दौरान नंदा 52 साल की हो चुकी थीं। 1992 में 53 साल की नंदा ने उनसे सगाई कर ली। लेकिन किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था। सगाई के दो साल बाद ही मनमोहन देसाई की एक हादसे में मौत हो गई।
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