Adipurush Movie Review: फिल्म नहीं मजाक है 'आदिपुरुष', यहां देखें हकीकत

Adipurush Movie Review: अगर आप भी प्रभास और कृति सेनन की 'रामायण' पर बेस्ड फिल्म 'आदिपुरुष' को देखने का प्लान बना रहे हैं, तो एक बार फिल्म का रिव्यू जरूर पढ़ लें।

Update:2023-06-16 15:58 IST
Adipurush (Image Credit: Instagram)

Adipurush Movie Review: जिन लोगों ने इस फिल्म की एडवांस बुकिंग की थी, उनके लिए मैं सबसे पहले तो यही कहना चाहूंगी, 'हे राम...जय श्री राम..' अब आप सोच रहे होंगे कि मैंने ऐसा क्यों कहा? दरअसल, मैंने हे राम का इस्तेमाल इसलिए क्यों आप इस फिल्म को देखने के बाद ये जरूर कहने वाले हैं कि - 'हे राम क्या बना डाला' और फिर जय श्री राम उन लोगों के लिए जिन्होंने राम नाम के सहारे इस फिल्म का पूरा देखा है। इस फिल्म को देखने के बाद मुझे समझ आया कि इस फिल्म को यू सर्टिफिकेट क्यों दिया गया, ताकि दर्शक सिनेमघरों के बाहर से ही यू टर्न ले लें। यकीन मानिए मैंने इस फिल्म को केवल इसलिए झेला ताकि आपके पैसे बर्बाद ना हो।

600 करोड़ रुपए गए पानी में

इस फिल्म का जब टीजर आया था, तो लोगों ने डायरेक्टर को काफी ट्रोल किया था। तब जाकर ओम राउत ने 400 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म में 200 करोड़ रुपए और लगाए और इस फिल्म के वीएफएक्स पर काम किया, लेकिन मुझे नहीं लगता कि वाकई इस फिल्म पर दोबारा कोई काम किया था। हनुमान जी के लंका जलाने से लेकर रावण के मां सीता को उठा ले जाने तक, डायरेक्टर ने 'रामायण' का मजाक बना कर रख दिया। अरे इससे अच्छा कार्टून में दिखाई गई रामायण होती है।

क्या है फिल्म की कहानी

इस फिल्म की कहानी क्या है यह तो सबको पता है, लेकिन इस कहानी को दर्शकों के सामने बिल्कुल बेढ़ग, गलत और अधूरी चीजों के साथ पेश किया गया है। मुझे वाकई समझ नहीं आ रहा कि ओम राउत ने कभी रामायण पढ़ी नहीं या फिर उन्होंने जनता को बेवकूफ समझ कर इस फिल्म पर काम शुरू किया था। इस फिल्म को देखने से तो अच्छा था थिएटर में 'गदर' की तरह रामानंद सागर की 'रामायण' फिर से रिलीज कर दी जाती।

कैसी है फिल्म..क्या देखनी चाहिए फिल्म?

देखिए यह तो आपकी मर्जी है कि आपको फिल्म देखनी है या नहीं, लेकिन मेरा तो यही मानना है कि इस फिल्म पर 600 से 700 रुपए खर्च करने से अच्छा है कि आप 600 रुपए में मस्त अपने परिवार के साथ कहीं डिनर कर आए। क्योंकि इस फिल्म का एक भी किरदार दर्शकों को कहानी से उस तरह से नहीं जोड़ पाया, जिस तरह की उम्मीद की गई थी। फिल्म के ग्राफिक्स से लेकर डायलॉग तक को सुनने और देखने के बाद दर्शक थिएटर में बैठकर हंस रहे हैं। इस फिल्म में हनुमान जी का एक डायलॉग है 'तेल तेरे बाप का, आग तेरे बाप की और जलेगी भी तेरे बाप की...' ये डायलॉग सुनने के बाद आप अपनी हंसी को रोक नहीं सकते हैं। फिल्म में 'आस्था' कहीं दूर-दूर तक नहीं है और युद्धा यहां ऐसा दिखाया गया है जैसे Zombies लड़ रहे हों। बस इस फिल्म में अगर कुछ अच्छा लगा, तो वह बार-बार 'जय श्री राम' सुनना अच्छा लगा और इसके अलावा कुछ नहीं।

कैसी है स्टार्स की एक्टिंग?

फिल्म में इन स्टार्स की एक्टिंग की बात करें, तो प्रभास कहीं से भी राम नहीं लगे, लेकिन उन्होंने अपनी एक्टिंग में पूरी जान डालने की कोशिश की। वहीं, कृति भी फिल्म में अच्छी लगी। लेकिन जैसी छवि अभी तक लोगों ने मां सीता की अपने मन में बनाई हुई थी, वो उससे अलग थी। लक्ष्मण के रोल में सीन सिंह ने भी अच्छी एक्टिंग की, लेकिन रावण के रोल में सैफ अली खान और हनुमान जी के रोल में देवदत्त नागे ने लोगों को कुछ खास इम्प्रेस नहीं किया।

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