WHO ने अमिताभ बच्चन को बनाया हेपेटाइटिस जागरूकता कार्यक्रम का सद्भावना दूत
दुनियाभर में मशहूर बॉलीवुड एक्टर अमिताभ बच्चन शुक्रवार को दक्षिणपूर्व एशिया क्षेत्र में हेपेटाइटिस जागरूकता कार्यक्रम के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सद्भावना दूत नियुक्त किए गए। अमिताभ हेपेटाइटिस की रोकथाम के संबंध में लोगों को जागरूक करेंगे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि किसी को भी इस बीमारी से पीड़ित नहीं होना चाहिए। अमिताभ खुद हेपेटाइटिस-बी से पीड़ित रह चुके हैं और इसे मात दे चुके हैं।
मुंबई, (आईएएनएस): दुनियाभर में मशहूर बॉलीवुड एक्टर अमिताभ बच्चन शुक्रवार को दक्षिणपूर्व एशिया क्षेत्र में हेपेटाइटिस जागरूकता कार्यक्रम के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सद्भावना दूत नियुक्त किए गए। अमिताभ हेपेटाइटिस की रोकथाम के संबंध में लोगों को जागरूक करेंगे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि किसी को भी इस बीमारी से पीड़ित नहीं होना चाहिए। अमिताभ खुद हेपेटाइटिस-बी से पीड़ित रह चुके हैं और इसे मात दे चुके हैं।
डब्ल्यूएचओ ने अपने बयान में बताया है कि दिग्गज अभिनेता को हेपेटाइटिस महामारी के संबंध में लोगों को तेजी से ठोस कदम उठाने के लिए प्रेरित करने और जागरूकता बढ़ाने के लिए शामिल किया गया है।
अमिताभ ने कहा, "मैं हेपेटाइटिस के रोकथाम से संबधित कामों के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध हूं, क्योंकि मैं भी हेपेटाइटिस-बी से पीड़ित रहा हूं और मैं इससे होने वाली दर्द व तकलीफ को बखूबी जानता हूं। मेरी यही कामना है कि कोई कभी भी वायरल हेपेटाइटिस से पीड़ित न हो।"
सार्वजनिक जागरूकता कार्यक्रम को अभिनेता अपनी आवाज और समर्थन देंगे, जिसका मकसद रोग निवारक उपायों को बढ़ावा देना और बीमारी के बोझ को कम करने के लिए शुरू में ही वायरल हेपेटाइटिस के इलाज के लिए प्रोत्साहित करना है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (दक्षिणपूर्व एशिया) की क्षेत्रीय निदेशक पूनम खेत्रपाल सिंह ने अमिताभ के जुड़ने की घोषणा करते हुए कहा कि इस जुड़ाव व सहयोग से बड़ी संख्या में इस बीमारी से होने वाली समयपूर्व मौतों और वायरल हेपेटाइटिस की बीमारी में कमी लाने के लिए डब्ल्यूएचओ के प्रयासों को मजबूत करने में मदद मिलने की उम्मीद है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने अपने एक वीडियो संदेश में कहा,"अमिताभ बच्चन की आवाज एक ऐसी आवाज है जो देश भर में लोगों द्वारा संस्कृति, सामाजिक या आर्थिक पृष्ठभूमि से परे सुनी जाती है और बदलाव को वास्तव में संभव कर सकती है। हमने यह पोलियो उन्मूलन के संबंध में देखा है।"
अमिताभ इससे पहले भारत में पोलियो उन्मूलन अभियान के लिए यूनीसेफ के सद्भावना दूत के रूप में काम कर चुके हैं।