Birthday Special: सरोज खान के इशारे पर नाचती थीं बड़ी-बड़ी एक्टर्स, ऐसी है कहानी
सरोज ने कुछ बड़े होने पर डांस मास्टर सोहनलाल से डांस सीखा। इसी दौरान वह और सोहनलाल एक दूसरे के करीब आए। इसके बाद सरोज ने उम्र की परवाह न करते हुए 41 साल के सोहनलाल से शादी कर ली।
मुम्बई: कई सालों तक न जाने कितनी नायिकाओं को अपने इशारों पर नचाने वाली डांस डायरेक्टर सरोज खान का जन्म दिन है। उनका जन्म 22 नवंबर 1948 को मुंबई में हुआ था। कम ही लोगों को पता है कि उनका असली नाम निर्मला नागपाल था। उनके पिता का नाम किशनचंद सद्धू सिंह और मां का नाम नोनी सद्धू सिंह था। उन्हे बचपन से नृत्य का शौक था यही कारण है कि जब वह मात्र तीन साल की थी तभी उन्होंने नृत्य करना शुरू कर दिया था।
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कुछ बड़े होने पर डांस मास्टर सोहनलाल से डांस सीखा
सरोज ने कुछ बड़े होने पर डांस मास्टर सोहनलाल से डांस सीखा। इसी दौरान वह और सोहनलाल एक दूसरे के करीब आए। इसके बाद सरोज ने उम्र की परवाह न करते हुए 41 साल के सोहनलाल से शादी कर ली। उस वक्त सरोज खान की उम्र महज 13 साल थी। खास बात यह रही कि सरोज से शादी करने से पहले सोहनलाल शादीशुदा थे और चार बच्चों के पिता भी थे। सोहनलाल से अलग होने के बाद सरोज खान ने सरदार रोशन से शादी कर ली थी और दोनों की एक बेटी सुकीना खान है। जो कि दुबई में डांस इंस्टीट्यूट चलाती हैं।
सरोज खान को अपनी कोरियोग्राफी की कला के चलते 3 बार नेशनल अवॉर्ड मिल चुका था
अगर सरोज खान के फिल्मी कैरियर की बात करें तो चार दशक के लंबे करियर में सरोज खान ने लगभग चार हजार फिल्मी गानों में अपना निर्देशन दिया। सरोज खान को अपनी कोरियोग्राफी की कला के चलते 3 बार नेशनल अवॉर्ड मिल चुका था। संजय लीला भंसाली की फिल्म देवदास में डोला-रे-डोला गाने की कोरियोग्राफी के लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड मिला था।
उन्होंने डांस मास्टर कमल के अंडर में भी काफी दिनों तक काम किया। इसके अलावा गोपी कृष्ण से भी नृत्य की षिक्षा ली। 1974 में रिलीज हुई फिल्म गीता मेरा नामश से सरोज एक स्वतंत्र कोरियोग्राफर बन गईं। इसके बाद मिस्टर इंडिया, नगीना, चांदनी, तेजाब, थानेदार और बेटा के गानों ने धूम मचाई। उन्होंने एक से बडे कलाकारों को नचाने का काम किया।
माधुरी दीक्षित और श्रीदेवी के कई गाने उन्होंने कोरियोग्राफ किये जो सुपरहिट रहे
लेकिन माधुरी दीक्षित और श्रीदेवी के कई गाने उन्होंने कोरियोग्राफ किये जो सुपरहिट रहे। जैसे 'तेजाब' का 'एक दो तीन', 'बेटा' का 'धक धक करने लगा', फिल्म 'मिस्टर इंडिया' का 'कांटे नहीं कटते ये दिन ये रात', 'चालबाज' का 'हवा हवाई', चांदनी का 'मेरे हाथों में नौ नौ चूडियां हैं' और 'ओ मेरी चांदनी', 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' का 'मेहंदी लगाके रखना' और 'जरा सा झूम लूं मैं' और फिल्म 'देवदास' का गाना 'मारा डाला।' उनके योगदान को बॉलीवुड कभी नहीं भूल पाएगा। माधुरी दीक्षित की फिल्म तेजाब के यादगार आइटम सॉन्ग एक-दो-तीन और साल 2007 में आई फिल्म जब वी मेट के लिए भी उन्हें नेशनल अवॉर्ड मिला था।
रिपोर्ट- श्रीधर अग्निहोत्री
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