Birthday Special: डिस्को के जन्मदाता हैं बप्‍पी लहिरी, कुछ ऐसी है उनकी कहानी

बप्‍पी लहिरी का जन्म 27 नवम्बर 1952 को कोलकाता में हुआ था। वह एक धनाढ्य संगीत घराने से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता अपरेश लहिरी एक प्रसिद्ध बंगाली गायक थे।

Update: 2020-11-27 06:14 GMT
Birthday Special: डिस्को के जन्मदाता हैं बप्‍पी लहिरी, कुछ ऐसी है उनकी कहानी (Photo by social media)

मुम्बई: आज हिन्दी फिल्मों जो डिस्को संगीत सुनाई पड़ता है उसके पीछे जाने माने संगीतकार बप्‍पी लहिरी का बड़ा योगदान है। उन्होंने ही अस्सी के दशक में अपने डिस्को संगीत से देश में धूम मचा दी। बप्‍पी लहिरी का आज जन्म दिन है।

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बप्‍पी लहिरी का जन्म 27 नवम्बर 1952 को कोलकाता में हुआ था

बप्‍पी लहिरी का जन्म 27 नवम्बर 1952 को कोलकाता में हुआ था। वह एक धनाढ्य संगीत घराने से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता अपरेश लहिरी एक प्रसिद्ध बंगाली गायक थे। उनकी माता बांसरी लहिरी भी बांग्ला संगीतकार थीं। बप्पी दा अपने माता पिता की अकेली संतान हैं। बप्‍पी लहिरी जब तीन साल के थें तब ही वह तबला बजाने लगे थे। उन्होंने अपने मां बाप से ही संगीत सीखा।

युवावस्था में फिल्मों में कैरियर बनाने को लेकर वह मुम्बई चले आए। बॉलिवुड में नाम कमाने के लिए मुंबई चले गए। किशोर कुमार ने अपना भांजा होने के कारण उन्हे साल 1973 में उन्हें हिन्दी फिल्म ''नन्हा शिकारी'' में गाना गाने का मौका मिल गया। इसके बाद उन्हें बॉलिवुड में असली पहचान 1975 की फिल्म ''जख्मी'' से मिली। इस फिल्म में उन्होंने मोहम्मद रफी और किशोर कुमार जैसे महान गायकों के साथ गाना गाया। इसके बाद बप्पी लहिरी का कैरियर उंचाईयां छूने लगा।

Bappi Lahiri (Photo by social media)

45 साल के फिल्मी करिअर में लगभग 500 से अधिक फिल्मों के लिए गाने कंपोज कर चुके हैं

बप्पी दा 45 साल के फिल्मी करिअर में लगभग 500 से अधिक फिल्मों के लिए गाने कंपोज कर चुके हैं। बप्पी लहिरी के सुप्रसिद्व गानों में याद आ रहा है और सुपर डांसर (डिस्को डांसर), बॉम्बे से आया मेरा दोस्त (आप की खातिर), ऐसे जीना भी क्या जीना है (कसम पैदा करने वाले की), प्यार चाहिए मुझे जीने के लिए (मनोकामना), रात बाकी (नमक हलाल), यार बिना चैन कहां रे (साहब), ऊ ला ला ऊ ला ला (द डर्टी पिक्चर) आदि हैं।

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बप्पी दा ने जस्टिस फॉर विडोज नाम के स्वयं सेवी संगठन के जरिए सराहनीय कार्य किया। जिसके कारण लिए उन्हें श्हाउस ऑफ लॉर्ड्स सम्मान से नवाजा गया। बप्पी दा ने जितने भी गाने संगीतबद्ध किए, उनमें ज्यादातर किशोर कुमार और विजय बेनेडिक्ट ने गाए हैं। बप्पी दा, ऊशा उत्थप और अलीशा चिनॉय की आवाज को भी बेहद पसंद करते थे। उनके साथ उन्होंने डिस्कों के जमकर गीत बनाए जो बेहद हिट हुए।

इसके अलावा फिल्म म्यूजिक में पॉप का मिक्चर करने का श्रेय बप्पी दा को ही जाता है। उनके इस प्रयोग ने बॉलीवुड का पूरा संगीत ही बदल दिया। यही नहीं बप्पी लहिरी एक दिन में सबसे ज्यादा गीत रिकॉर्ड करने का कीर्तिमान भी बना चुके हैं।

रिपोर्ट- श्रीधर अग्निहोत्री

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